Ghost and witch in the elevator in Hindi Horror Stories by Your Dreams books and stories PDF | लिफ्ट में भूत और चुड़ैल

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लिफ्ट में भूत और चुड़ैल


ये कहानी विशाखापटनम की है! हम नेवल कॉलोनी(नौसेना बाग़) में रहते थे! हमारी बिल्डिंग का नाम कावेरी था! वहां एक अफवाह थी कि लिफ्ट में भूत है! दरअसल एक औरत ने 14वी मंजिल से कूट कर जान दे दी थी! तब से लोगों का कहना था कि उस औरत का भूत लिफ्ट में दिखता है!

हमारा घर तीसरी मंजिल पर था! ! वैसे मुझे भूत वाली बात पर ज्यादा विश्वास नहीं था पर फिर भी मुझे रात को लिफ्ट में जाने से डर लगता था! वैसे मुझे लिफ्ट की जरुरत भी नहीं थी!

एक दिन मैं अपने एक दोस्त के साथ घर वापस आ रहा था! वह भी उसी बिल्डिंग में ही रहता था! उस समय रात के करीब नौ बज रहे थे! हमे लिफ्ट से जाने में डर लग रहा था! मगर हम एक दूसरे को दिखाना नहीं चाहते थे कि हमे डर लग रहा है इसलिए हम लिफ्ट में घुस गए ! लिफ्ट तीसरी मंजिल पर पहुंची, दरवाज़ा आधा खुला और फिर खुद ही बंद हो गया!
लिफ्ट ऊपर जाने लगी! हमने लिफ्ट रोकने की कोशिश की मगर कोई बटन काम नहीं कर रहा था! लिफ्ट सबसे ऊपर की मंजिल पर गई और फिर सबसे नीचे की मंजिल पर आ गई! ऐसा सात आठ बार हुआ और फिर लिफ्ट 14 वी मंजिल पर आ कर रुक गई! लिफ्ट का दरवाज़ा अपने आप ही खुल गया! हम बहुत डर गए थे! हम जल्दी से लिफ्ट से बाहर निकल कर नीचे कि ओर भागे और अपने अपने घर में घुस गए! घर में सबने पूछा कि मैं हाँफ क्यों रहा हूँ तो मैंने बहाना बना दिया कि दोस्त के साथ रेस लगा के आ रहा हूँ! उस दिन के बाद मैंने कभी दिन में भी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं किया!

चुड़ैल
मेरा नाम अमित है! मै आप सब को एक आँखों देखा किस्सा सुनाने जा रहा हूँ! बात ४ – ५ साल पुराणी है ! उस समय हम करावल नगर (दिल्ली) में रहते थे! कुछ दिनों से हमारे मुहल्ले में एक चुड़ैल के घूमने की अफवाह फैली हुई थी! कुछ लोगों का कहना था की उन्होंने एक डरावनी औरत को रात के समय घूमते हुए देखा है! वह कभी घरों की छत पर तो कभी गलिओं में घूमती हुई दिखाई देती थी! इस वज़ह से लोगों ने छत पर सोना बंद कर दिया था! अँधेरा होते ही गलियाँ सुनसान हो जाती थी! एक दिन मुहल्ले के लोगों ने मिलकर रात भर पहरा भी दिया, मगर कोई नहीं आया!
मुझे इस बात पर बिलकुल विशवास नहीं था! जो भी चुड़ैल की बातें करता था, मै उसका मज़ाक उड़ाता था! मेरा मानना था कि यह लोगों का वहम है या तो कोई इन्सान लोगों को डरा रहा है!
एक रात घर क़ी लाइट गई हुई थी! सभी लोग अन्दर गर्मी में सोये हुए थे! चुड़ैल के डर से कोई छत पर जाने कि हिम्मत नहीं कर रहा था! मुझे भी ऊपर जाने क़ी मनाही थी! मगर जब गर्मी सहन नहीं हुई, मै अपना बिस्तर उठा कर छत पर चला गया! छत पर पहुँच कर मैंने देखा कि एक औरत छत की मुंडेर पर बैठी थी ! उसके हाथ में मॉस का एक टुकड़ा था, जिसे वह खा रही थी! उसका चेहरा दूसरी तरफ था, केवल उसके जानवरों जैसे हाथ दिखाई दे रहे थे! ये सब देखते ही मेरी हालत ख़राब हो गई! मै अपना बिस्तर वही छोड़ नीचे भाग गया और दरवाज़ा अच्छी तरह बंद कर लिया! उस दिन से मुझे भी चुड़ैल वाली बात पर विशवास हो गया!
अगले कुछ दिनों तक चुड़ैल देखे जाने की घटनाएँ होती रही पर कुछ दिनों बाद चुड़ैल दिखना बंद हो गई! लोगों का डर भी ख़तम होने लगा! मगर मैंने जो देखा उसे में कभी नहीं भोल सकता!