Bhoot Pisach and Mahavir in Hindi Horror Stories by SR Daily books and stories PDF | भूत पिसाच और महावीर

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भूत पिसाच और महावीर


मित्रो मेरा नाम ओंकार है ओर मै महाराष्ट्र के नांदेड का रहने वाला हु | आज मै आपको मेरे भाई के साथ घटी सच्ची घटना आपको बताना चाहता हु | मेरा भाई साइंस कॉलेज में पढता है ओर उसके करीब एक छोटा जंगल है ओर उनको उसी रास्ते से कॉलेज जाना पडता है ओर रात को उस जंगल से जाना खतरे से खाली नहीं होता है |
कुछ दिनों पहले मेरा भाई दोस्तों के साथ बाते कर रहा था ओर बाते करते करते रात हो गयी ओर जब उसने समय देखा तो रात के 9:45 हो गये थे | उसी जंगल में घर तक पहुचने का एक छोटा रास्ता भी था लेकिन वहा रात को कोई नहीं गुजरता था | लेकिन मेरे भाई के दोस्तों ने उसी रास्ते से जाने की सोचा ताकि जल्दी घर पहुच जाए |
उसी रास्ते में एक हनुमान मंदिर पड़ता है | जब उसके बाहर से निकले तो देखा पंडित जी बाहर खड़े थे | पंडित जी ने मेरे भाई औ उसके दोस्तों को रोका ओर बोला “बेटा तुम घर जा रहे हो तो मुझे भी साथ ले चलो मै भी काफी लेट हो गया हु ओर रास्ते में अकेले में काफी डर लगता है ” | उन्होंने पंडित जी को भी साथ ले लिया |
वो कुछ कदम चले ही थे कि अचानक उनको पीछे से के सफ़ेद रोशनी दिखाई दी ओर वो रोशनी एक बरगद के पेड़ के नीचे से आ रही थी | मेरे भाई ने पीछे मुडकर उस रोशनी की तरफ जाना शुरू किया तो उनको एकदम सफ़ेद आदमी दिखाई दिया ओर उसकी आखे भी सफ़ेद ही थी | मेरा भाई बुरी तरह डर गया उर भागकर दोस्तों के पास आया ओर उनको उस आदमी के बारे में बताया | मेरे भाई के दोस्त भी उसको अब देख पा रहे थे ओर वो जोर जोर से चिल्ला रहे थे “कौन है तू , कौन है तू ” | तभी पुजारी जी ने हमे चुप रहने को कहा|
अब वो समझ चुके थे कि वो के बुरी आत्मा है | उनको पुजारी जी ने चलते रहने को कहा | वो आत्मा उनकी तरफ देख रही थी लेकिन पास नहीं आई | थोड़ी देर चलते रहने के बाद उन्होंने पीछे देखा तो पीछे कोई नहीं था | अब सभी लोगो की सांस में सांस आयी | मेरे भाई के दोस्तों ने पुजारी से कई बार उस भूत के बारे में पूछा लेकिन पुजारी कुछ नहीं बोले |
वो सभी जंगल से बाहर आ चुके थे ओर पुजारी जी ने कहा “ठीक है अब मै घर जाता हु ” |वो आगे चल रहे थे उन्होंने फिर पुजारी जी को बतलाने के लिए पीछे मुड़े तो देखा की पुजारी जी गायब हो गये | वो एक बार फिर घबरा गए | वो माजरे को समझने के लिए पुजारी जी के घर गए तो पुजारी जी खाना खा रहे थे | उन्होंने उनसे पुचा आप कहा गायब ही गये तो उन्होंने कहा “बेटा मै तो 8:30 को रोज घर आ जाता हु ओर तुम लोग क्या बात कर रहे हो “|
वो पुजारी से बात किये बिना डर के मारे निकल पड़े ओर रस्ते में उन्हें एहसास हुआ कि शायद उनको उस विप्पति से ब्च्चाने के लिए खुद शायद पुजारी के वेश में आये थे | मेरा भाई ओर उसके सभी दोस्त हनुमान जी के अनन्य भक्त है | मित्रो ये मेरे भाई के साथ घटी सच्ची घटना है |