पिछले भाग मे हमने ये जाना की कैसे विक्रम रात को जंगल के अंधेरी रात मे जाता है। और उकसे साथ क्या होता है...
अब उसके आगे...........
विक्रम अपने घर आया , तब उसकी बीबी ने पूछा की कहा थे. आप , तब विक्रम ने कोई जवाब नही दिया और सीधे अपने कमरे की और चल पड़ा, इतने मे उसका छोटा बेटा आता है पापा -पापा मुझे चॉकलेट दिला दो... तभी विक्रम बिना कुछ कहे अपने बच्चे को बहुत जोर से थप्पड़ मरता है। बच्चा रोते- रोते अपनी मा के पास जाता है। माँ अपने बच्चे को शांत करती है, और विक्रम चुप चाप जाकर अपने कमरे मे सो जाता है।
दिन भर सोने के बाद रात को 8 बजे विक्रम उठता है तब कहता है मुझे बहुत भुख लगी है जल्दी से मेरे लिए खाना लेकर आ..
उसकी पत्नी जल्दी - जल्दी खाना लाती है।
विक्रम 10 रोटी खा जाता है तभी भी उसकी भूख अभी खतम नही हुई होती है वह अपनी पत्नी को गाली देता है... रैंडी
जल्दी से खाना ले आ मेरे लिए , उसकी पत्नी जल्दी जल्दी रोटियाँ बना -बना कर लाती है और विक्रम को देती है।
विक्रम खाते- खाते 50 रोटियाँ खा जाता है तब उसको शांति मिलती है...
अब खाना खाने के बाद विक्रम को जोर से प्यास लगी थी तो वो अपनी पत्नी से पानी मांगता है उसकी पत्नी 1 पानी का बोतल लाकर देती है।
तभी पीछे से विक्रम की आवाज़ आती है "जल्दी से पानी लेकर आ" उसकी पत्नी अब 2 बोतल पानी लेकर जाती है और विक्रम को देती है, जैसै ही वो वापस किचन मे आती है वैसे ही पीछे से विक्रम की फिर से आवाज़ आती है "जल्दी से और पानी लेकर आ"
विक्रम की पत्नी ऐसे ही करते - करते विक्रम को 40 बोतल पानी दे देती है और वो सारा पानी विक्रम पी जाता है और रात को बाहर घूमने निकल जाता है।
बहुत देर इंतज़ार करने के बाद भी विक्रम नही आता है तब उसकी पत्नी अपने बच्चे के साथ सो जाती है।
आधी रात को वो देखती है तभी भी विक्रम नही आया होता है,
तब उसकी पत्नी को चिंता होती है और वो बाहर निकल कर विक्रम को खोजने निकल जाती है, खोजते खोजते उसको कोई आदमी दिखता है, जब वो पास जाती है तो वो आदमी कोई और होता है।
तभी उसकी पत्नी अपने घर वापस आ जाती है और चुप -चाप सो जाती है।
अगली सुबह जब वो उठ कर देखती है तब विक्रम उसके बगल मे सोया हुआ था। विक्रम को सोये हुए देखकर उसकी पत्नी कुछ करती नही है, चुप चाप उठ कर अपने काम करने लगती है।
फिर विक्रम पुरा दिन सोया होता है और रात को उठता है और 50 रोटियाँ और 40 बोतल पानी पिता है।
ये क्रिया चलते रहता है करीब एक हफ्ते तक, अब विक्रम की पत्नी विक्रम से बहुत ज्यादा परेशान हो चुकी होती है और वो विक्रम को ऐसे हालत मे देख कर उसको छोड़ कर जाना भी नही चाहती थी।
उसकी पत्नी ने विक्रम को पास के एक तांत्रिक के पास लेकर जाने का विचार किया..
और जैसे ही तंत्रिक् के पास पहुँचे, तंत्रिक् ने विक्रम को देखते ही पहचान लिया और उसे पूछा "कौन है तु। और क्या चाहता है..? "
तभी विक्रम की आँखे पूरी कालि हो गई और विक्रम जोर जोर से हसने लगता है और तंत्रिक् को कहता है अगर तु मेरे रास्ते मे आयेगा तो जान से जायेगा।
तभी तंत्रिक् कुछ मंत्रो को बोलता है और राख विक्रम के उपर फेकता है। राख पड़ते ही विक्रम बहुत गुस्से मे आ जाता है और तांत्रिक को बहुत जोर से मारता है तंत्रिक् समझ जाता है की इसके अंडर बहुत भयानक आत्मा है और उसकी पत्नी से कहता है "ले जाओ इसको यहाँ से इसको बचना ना - मुंकिल् है अब "
तभी विक्रम की पत्नी विक्रम को अपने घर वापस लेकर आ जाती है।।
घर आते ही विक्रम के अंडर का शैतान अपने असली रूप मे आने लगता है जिसे देखते ही विक्रम की पत्नी बेहोश हो जाती है.....