Contract in Hindi Love Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | अनुबंध

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अनुबंध

"तो तुमने जाने का फैसला कर लिया है
रमन भारत का रहने वाला था।उसकी अमेरिका में एक कम्पनी में नौकरी लगने पर वह छह महीने के लिए आया था
"क्या करूँ।जाना ही पड़ेगा
"क्या तुम्हें अमेरिका रास नही आया?उसके दोस्त हेनरी ने उससे पूछा था
"सही काहू
"हा
"मेरा अपना कोई भारत मे नही है।मेरा लालन पालन अनाथालय में हुआ था।बस अकेला हूँ,"अपने बारे में बताते हुए रमन बोला,"जाना तो मैं भी नही चाहता।अभी और रुकना चाहता हूँ
"तो रुक जा
"कैसे
"यार यहा की किसी लड़की से शादी कर ले।इससे तू यहा रह सकता है
"ऐसी लड़की कहा मिलेगी
"बात करते हैं
हेनरी,रमन को लेकर मैरिज ब्यूरो गया था।वहाँ पर बात की साफ बता भी दिया था
"हम आपसे एक दो दिन में सम्पर्क करते हैं
हेनरी और रमन लौट आए थे।एक दिन ब्यूरो से हेनरी के पास फोन आया था।हेनरी रमन के साथ गया था
"आप के लिए हमने रिश्ता देख लिया है
"कौन है
"फोन कर दिया है।आ रही है
कुछ देर बाद एक युवती आयी थी।
"यह मारिया है।आप लोग बात कर ले
मारिया बोली,"मैरिज कागज पर होगी।हम लिव इन मे रहेंगे।लेकिन
लेकिन क्या
"हमारे बीच कोई सम्बन्ध नही रहेगा।हर महीने 50000 डॉलर मुझे देने होंगे
मारिया ने जितनी भी शर्ते रखी थी रमन को माननी पड़ी थी।और एग्रीमेंट हो गया था।अग्रीमेंट होने के बाद दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली थी।और रमन मारिया के साथ रहने के लिए आ गया।मारिया ने पहले ही कह दिया था।लोगो को दिखाने के लिए एक मकान में पति पत्नी की तरह रहेंगे लेकिन कोई सम्बन्ध नही रखेगे।
मारिया ने उसे रहने के लिए एक कमरा दे दिया था।दोनों के कमरे अलग आने जाने के रास्ते अलग।मुलाकात का कोई सवाल नही।
मारिया भी सर्विस करती थी और रमन भी।रमन को अपने वादे के अनुसार मारिया को डॉलर देने होते थे।
एक दिन मारिया अपनी गाड़ी से जा रही थी तभी उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया।मारिया बुरी तरह जख्मी हुई थी।रमन को जैसे ही पता चला वह तुरंत अस्पताल जा पहुंचा।मारिया के सिर में चोट लगी और पैर में फ्रेक्चर हो गया था।तीन दिन मारिया अस्पताल में रही रमन उसके पास ही रहा था।तीन दिन बाद वह उसे घर ले आया था।मारिया की वह पूरी तरह देखभाल कर रहा था।
रमन जब ऑफिस जाता तब पूरी व्यस्था करके जाता ताकि मारिया को कोई परेशानी न हो।वह दिन में कई बार फोन करके उससे समाचार लेता।जब ऑफिस से लौटता तब उसके लिए फल आदि लेकर आता।
मारिया अकेली थी।उसकी माँ सिंगल मोम थी।उसके न रहने पर वह अकेली रह गयी थी।मर्दो से वह कम ही वास्ता रखती थी।
और महीने के बाद रमन, मारिया को अस्पताल लेकर गया था।उसके पैर से प्लास्टर काट दिया था।ट्यूब और मालिश के लिए तेल व अन्य दवा दी थी।डॉक्टर ने मालिश व सिकाई के लिए कहा था।
अगले दिन मारिया ने तेल की शीशी ली तो रमन बोला,"यह क्या कर रही हो
"डॉक्टर ने मालिश बताई है
"मैं करूँगा
"तुम। मारिया आस्चर्य से बोली थी
"चोंक क्यो रही हो।कागज पर ही सही,तुम्हारा पति हूँ।और पति का कर्तव्य है पत्नी की सेवा,"रमन हंसी थियोली करते हुए बोला,"साथी तो है ही
रमन उसके पैर पर मालिश करता और सिकाई करता।उसे चलाने की प्रैक्टिस के साथ डॉक्टर के बताए व्यावम भी करवाता था।और मारिया पूरी तरह सही हो गयी तब रमन को बाहों में भरकर चूमते हुए बोली,"अगर तुम न होते तो न जाने मेरा क्या होता
मारिया के अप्रत्याशित व्यवहार से चोंकते हुए रमन ने उसे देख था
"ऐसे क्या देख रहे हो,"मारिया फिर से उसे चूमते हुए बोली,"क्या पत्नी को पति को चूमने का अधिकार नही है
"पति। रमन बोला
"क्या तुम मेरे पति नही हो।हमने शादी की है
"तो पति को भी
और रमन ने मारिया को बाहों में भर लिया
और दो जिस्म एकाकार हो गए