** ओम नमः शिवाय **
** इश्क़ होना ही था part- 28 **
अभी तक हमने देखा की आज दिया सबके लिए खाना बनाती है और सब उसकी हेल्प करते है...
"दिया तुमने खाना तो बहोत ही अच्छा बनाया है..."
अक्षत बोलता है...
ये सुन कर दिया भी खुश हो जाती है...
वो चारो बैठे ही होते है तभी मिताली का वीडियो कॉल आता है...
"मीतू का वीडियो कॉल आया है..."
शिव बोलता है....
" हाय मीतू..."
शिव फोन उठा के बोलता है...
"हाय शिव...
अक्षत कहा है...?"
मिताली बोलती है
"हम सब साथ में ही है..."
शिव बोलता है और शिव सबको दिखता है...
"मुझे एक बात बतानी थी..."
मिताली बोलती है और उसके आँखों में आंसू लगते है...
"अरे मीतू क्या हुआ क्यों रो रही है..."
शिव जल्दी से बोलता है और ये सुन के सब भी गभरा जाते है...
"अरे कुछ नहीं हुआ है और आप सब चिंता मत कीजिये..."
नीतिनं मिताली के हाथ से फोन ले कर बोलता है...
"तो मिताली रो क्यों रही है..."
अक्षत बोलता है...
"अक्षत और शिव तुम दोनों मामा बनने वाले हो..."
मिताली नितिन के हाथ से फोन ले कर बोलता है...
"वो तो ठीक है पर मिताली क्यों रो रही है..."
शिव कुछ समजे बिना ही बोलता है पर जब उसे मिताली की बात समज आती है तो वो खुश हो जाता है...
"अरे मतलब..."
शिव बोलता है...
" हां तुम अब मामा बनने वाले हो..."
मिताली बोलती है...
ये सुन कर सब खुश हो जाते है...
सब मिताली से बात करते है फिर थोड़ी देर बाद मिताली फोन रखती है...
"चलो अब हम चलते है..."
अहाना बोलती है और वो दोनों अपने घर चले जाते है...
"आज का दिन ही बढ़िया है..."
अक्षत खुश होते हुए बोलता है...
"वो कैसे..."
शिव बोलता है...
"आज पुरे दिन दिया मेरे सामने रही...
पहली बार दिया के साथ खाना बनाया और उसके हाथ का खाना भी खाया...
और फिर मिताली ने इतनी अच्छी खबर सुनाई..."
अक्षत बोलता है...
"हां देखने जाये तो आज दिन तो बढ़िया है..."
शिव बोलता है और फिर दोनों अपने अपने रूम में चले जाते है...
*****
आज काम कुछ ज्यादा ही था इसी वजह से सब काम में ही लगे थे और दुपेर के खाने में भी बहोत लेट हो जाता है...
सब अक्षत की केबिन में ही थे...
"आज तो खाने में लेट हो गया है तो कुछ नास्ता ही कर लेते है..."
शिव बोलता है...
"हां तो रात को में ही सबके लिए कुछ अच्छा बना दूंगी..."
दिया बोलती है...
"नहीं तुम भी थक जाओगी, हम चारो बहार ही जाते है..."
अक्षत बोलता है...
"हां वही ठीक रहेगा... "
शिव बोलता है...
"पर शिव तुम्हारी तो थोड़ी देर में मीटिंग है ना..."
अहाना बोलती है...
"हां तो में सीधा ही आ जाउगा..."
शिव बोलता है ...
"तो अहाना तुम भी आज मीटिंग में शिव के साथ ही जाओ....."
अक्षत बोलता है...
"हां तो फिर तुम और दिया आ जाना...
में अहाना के साथ आ जाउगा..."
शिव बोलता है और सब अपने काम में लग जाते है...
"चलो अहाना अब हमें निकलना पड़ेगा..."
शिव बोलता है और वो दोनों वहा से निकल जाते है...
******
दिया अपना काम कर रही थी और थोड़ी सी परेशान भी लग रही थी...
सायद उसका काम कही अटक रहा था और वो बार बार कोशिश करती रहती है फिर भी काम नहीं हो रहा था...
अक्षत जो अपने केबिन में बैठा बैठा दिया को ही देख रहा था और उसे परेशान देख कर वो सीधा दिया के पास आता है...
"क्या हुआ दिया परेशान लग रही हो..."
अक्षत बोलता है और दिया जैसे ही अक्षत की अवाज सुनती है तो अपनी खुर्सी से खड़ी हो जाती है...
"अरे बेथ जाओ और बताओ क्या हुआ..."
अक्षत बोलता है तो दिया बेथ जाती है और अपनी काम में जो प्रॉब्लम बताती है...
अक्षत थोड़ी देर में ही वो काम कर देता है...
"हो गया काम..."
अक्षत बोलता है...
"थेंक्यु..."
दिया बोलती है और अक्षत अपने केबिन में जाते हुए दिया को कोई फाइल ले कर आने के लिए कहता है...
अक्षत ले कहने पर दिया जल्दी से उसके पीछे उसके केबिन में चली जाती है....
"देखो दिया तुम अगर काम में कोई बी प्रॉब्लम आये तो तुम मुझे कह सकती हो..."
अक्षत बोलता है और दिया बस हां में इसरा करती है...
जब से दिया आयी थी ये पहली बार था जब वो दोनों अकेले थे...
"तुम बस इतना काम पूरा कर लो फिर हम निकलते है..."
अक्षत बोलता है तो दिया जाने लगती है...
"यही बेथ कर करलो काम...."
अक्षत बोलता है तो दिया वही बेथ जाती है...
दिया अपना काम कर रही थी और अक्षत काम करने की एक्टिंग...
जो बार बार दिया को ही देखे जा रहा था...
जब अचानक से दिया ने अक्षत के सामने देखा तो अक्षत हड़बड़ा गया और इधर उधर देखने लगा जैसे वो कुछ सो रहा हो...
"हो गया काम..."
दिया बोलती है...
"हां तो चलो चलते है..."
अक्षत बोलता है और वो दोनों वहा से रेस्ट्रोरेन्ट जाने के लिए निकल जाते है...
" में अहाना को फोन कर पूछ लेती हु उनको कितनी देर लगेगी..."
दिया बोलती है...
" हां..."
अक्षत बोलता है पर उसके चेहरे पर एक मुस्कान होती है...
"तुम और शिव कब आओगे..."
दिया बोलती है....
"अरे वो यहाँ मीटिंग अभी भी चालू है और हमें बहोत देर लगेगी तो हम दोनों यहाँ ही खाना खा लेंगे...
तुम दोनों ही डिनर कर लेना..."
अहाना बोलती है...
"पर..."
दिया बोलती है...
"चलो में बाद में फोन करती हु..."
अहाना बोलती है और फोन रख देती है...
"क्या हुआ...?"
अक्षत बोलता है...
"अरे उनकी मिटींग अभी और चलेगी और इसकी वजह से वो लोग नहीं आ पाएंगे..."
दिया बोलती है...
"क्या अहाना और शिव के ना आने से ये दोनों डिनर पर जा पाएंगे...?"
"शिव और अहाना को क्या सच में मीटिंग में देर लगेगी...?"
अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....
इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...
इश्क़ होना ही था का part -29 आपके सामने 4 february को आ जायेगा ...
इस कहानी में जुड़ने के लिए आप सभी का सुक्रिया...