** ओम नमः शिवाय **
** इश्क़ होना ही था part- 26 **
अभी तक हमने देखा की अक्षत का बर्थडे होता है और अभी तक दिया के विश ना करने से वो थोड़ा उदास तो होता है पर शिव ने एक सुपरइस रखा था तो उसके वजह से वो खुश भी था...
शिव जो थोड़ा सा परेशान होता है और अक्षत जो शिव से बात करने जाता उसे पहले ही शिव वहा से कुछ काम का बहाना करके वो चला जाता है...
"अरे अब तो लाओ मेरा सुपरइस..."
अक्षत शिव का हाथ पकड़ के बोलता है...
"बस अब थोड़ी सी देर लगेगी..."
शिव बोलता है और वहा से चला जाता है...
"अरे कहा हो तुम लोग...."
शिव बोलता है...
"बस 1o मिटिन..."
सामने से आवाज आती है और फोन कट जाता है...
"अरे अब सब केक कट करने के लिए बोल रहे है..."
अक्षत आके शिव के सामने बोलता है...
"अरे पर..."
शिव बोल ही रहा था पर अचानक से मुस्कुराता है...
"क्या हुआ..."
अक्षत बोलता है...
"एक बार दरवाजे के सामने देख...
आ गया तेरा सुपरइस..."
शिव बोलता है और अक्षत उस बाजु देखता है...
सामने से अहाना और दिया आ रहे थे और उसे देख कर अक्षत खुश हो जाता है पर उसे कुछ समज ही नहीं आता की ये दोनों यहाँ केसे...
"तुम्हारे सारे सवालों का जवाब बाद में दूंगा अभी तुम सिर्फ दिया से मिलो..."
जब सही अक्षत का चेहरा देख कर बोलता है....
ये सुन कर अक्षत भी उन दोनों के पास चले जाता है और शिव भी उसके पीछे पीछे जाने लगता है...
पहले तो वो दोनों अक्षत को विश करते है...
"तुम दोनों यहाँ...?"
अक्षत बोलता है...
"वो सारी बाते बाद में करते है...
पहले केट कट करते है सब इंतज़ार कर रहे है...."
सही बोलता है और तीनो को सबके सामने लता है...
केट लाने के लिए शिव इसारा करता है...
अक्षत केक कट करता है और पहले शिव को खिलता है फिर दिया और अहाना को...
"चलो अब डांस हो जाये..."
शिव बोलता है और वो अहाना के साथ डांस करने चला जाता है...
"क्या हम साथ में डांस कर सकते है..."
अक्षत बोलता है तो दिया कुछ नहीं बोलती और उसके हाथ में अपना हाथ दे देती है...
सब मिल कर डांस करते है फिर खाना कहते है...
"तुम दोनों यहाँ बैठो हम सब को मिल कर आते है... "
अक्षत बोलता है और वो दोनों सबसे मिलने चले जाते है...
एक एक करके सब मेहमान जाने लगते है...
आखिर में अहाना , दिया , अक्षत और शिव ही रहते है...
चारो बहोत थक चुके थे और सोफे पे बैठे थे...
"अब तो बताओ तुम दोनों यहाँ कब आयी..."
अक्षत बोलता है...
" अरे पहले इसे सब बताओ नहीं तो ये नहीं मानेगा..."
शिव बोलता है...
"तो इसकी शुरुवात तभ हुयी जब हम सब गुमने गए थे..."
अहाना बोलती है...
"सो अभी हमें अपने काम को और भी ज्यादा बड़ा ना है तो उसके लिए हमें नए स्टाफ की भी जरूरत है..."
शिव बोलता है तो अक्षत हां का इसारा करता है...
" हां तो दिया और अहाना दोनों की पढाई अभी ही ख़तम हुई है तो मेने इन दोनों को जॉब की ऑफर दी थी..."
शिव बोलता है...
"तो में यही समज लू की तुम दोनों ने ऑफर मान ली..."
अक्षत बोलता है...
"हां पर जब मेने इन दोनों को ऑफर दी तब इनके घर में इतनी दूर आने के लिए नहीं मान रहे थे..."
शिव बोलता है...
"फिर अभी मान गए ना...?"
अक्षत बोलता है...
"हां हमने मिताली की घर में बात करवाई और ये भी बताया की हम उनके भइओ के साथ ही काम करने वाले है..."
शिव बोले उसे पहले ही अहाना बोल देती है...
"हां पर अभी हम तुमसे भी पूछना चाहते है की आप को तो कोई प्रॉब्लम नहीं है ना..."
दिया बोलती है...
"नहीं... नहीं...
इसमें मुझे क्या प्रॉब्लम होगी...
में तो खुश हु की अब हम सब साथ में काम करेंगे..."
अक्षत बोलता है...
"अब तो ये बताओ की तुम दोनों यहाँ कब आयी..."
अक्षत बोलता है...
"हम दुपेर को ही आ गए थे... "
अहाना बोलती है...
"तू इसी वजह से दुपेर को कही बहार गया था और मेने पूछा तो तूने कुछ बोला नहीं..."
अक्षत बोलता है...
"तो कब से काम चालू करना है..."
शिव बोलता है...
"कल से ही..."
दिया बोलती है...
" नहीं कल तुम दोनों आराम करो फिर काम चालू करना..."
अक्षत बोलता है...
"नहीं... नहीं.... हम कल से ही काम शुरू करेंगे..."
दिया बोलती है...
"चलो तो अब हम भी चलते है..."
अहाना बोलती है...
"पर तुम लोग कहा रुके हो..."
अक्षत बोलता है...
"अरे उसके लिए मेने अपने सामने वाला ही घर रेन्ट पे ले लिया है...."
शिव बोलता है...
"चलो तो मिलते है कल..."
अहाना बोलती है और वो दोनों वहां से निकल जाती है...
जैसे ही वो दोनों जाती है अक्षत शिव के गले लग जाता है...
"thank you ब्रो ..."
अक्षत बोलता है...
"चल पगले अब रुलाएगा क्या ..."
शिव बोलता है...
"देख आज तेरे लिए मेने बहोत भाग दौड़ की है तो मुझे अब सोना है तो में तो चला..."
शिव बोलता है और जाने लगता है...
"अरे रुक तो सही...
में भी आया..."
अक्षत बोलता है और शिव के साथ चला जाता है...
"ये सुपरइस में तूने खुदको भी तो दिया है..."
अक्षत बोलता है...
"वो कैसे...?"
शिव बोलता है...
"अहाना को साथ बुला कर..."
अक्षत बोलता है...
"अरे में दिया को ही अगर ऑफर देता तो वो एकेले आने में नहीं मानती और फिर अहाना मेरी सिर्फ अच्छी दोस्त है...
उसने ही दिया के घर में बात की है और हेल्प भी की जिससे दिया आ सके..."
शिव बोलता है...
"हां कोई था जो कह रह था पहले की किसी से भी बात कर लूगा पर इस लड़की से नहीं...
और अब तो बीएस उसकी तारीफे ही करता रहता है..."
अक्षत शिव को चिड़ाने के लिए बोलता है...
"अक्षत और दिया साथ में काम कर पाएंगे...?"
"शिव क्या अहाना के लिए जो फील करता है वो समज पायेगा...?"
"अहाना भी शिव को पसंद करती होगी...?"
अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....
इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...
इश्क़ होना ही था का part -27 आपके सामने 4 februaryको आ जायेगा ...
इस कहानी में जुड़ने के लिए आप सभी का सुक्रिया...