** ओम नमः शिवाय **
** इश्क़ होना ही था part- 25 **
अभी तक हमने देखा की अक्षत जो बालकनी में बैठा होता है और दिया जब देखती है की अहाना शिव से बात कर रही है तो वो सीधा बालकनी में ही आ जाती है...
"कल की बात के लिए फिर से सॉरी..."
दिया बोलती है...
"अरे, तू कितनी बार सॉरी बोलोगी...
और तुम सोरी नहीं मुझे तुमने थेंक्यु कहना चाहिए..."
अक्षत बोलता है...
"कैसे, मुझे...?"
दिया बोलती है...
"अरे तुमने ही कहा ना मुझे अपने मम्मी पप्पा से बात करनी चाहिए उन्हें भी संजना चाहिए तो में एक बार जरूर जाउगा मिलने के लिए और उनसे बात करुगा..."
अक्षत बोलता है...
"यह तो बहुत अच्छा विचार किया है..."
दिया बोलती है...
"तुम्हारे घर में कोन कौन है..."
अक्षत बोलता है....
"में तो हु ही और मम्मी पप्पा फिर मेरा एक बड़ा भाई है वो अभी बहार रहता है..."
दिया बोलती है...
"देखो जैसे मेरे लिए मिताली और शिव सबसे खास है और हां उन दोनों के आलावा एक तुम हो जिसे मेने अपने मन की बात की..."
अक्षत बोलता है...
"तुमने मुझे इस लायक समजा उसके लिए सुक्रिया..."
दिया स्माइल करके बोलती है...
"तुम्हारे लिए कोन खास है..."
अक्षत बोलता है...
"देखो मेरा परिवार तो मेरे लिए खास हे ही और उसके आलावा मिताली और अहाना...
मेरी एक कॉलेज की फ्रेंड है भाविका वो भी खास है मेरे लिए..."
दिया बोलती है...
"में कब खास बनुगा..."
अक्षत धीरे से बोलता है...
"कुछ कहा तुमने..."
दिया बोलती है...
"नहीं नहीं...
वैसे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है..."
अक्षत बोलता है...
"नहीं अभी कोई नहीं है..."
दिया बोलती है...
"पहले था इसका मतलब..."
अक्षत बोलता है ...
"हां पर अब हम साथ नहीं है..."
दिया बोलती है...
"क्यू ..."
अक्षत बोलता है...
"चलो अब तक तो अहाना की बात हो गयी होगी...
हम कल बात करते है...
good night...."
दिया बोलती है और वहा से अपने रूम में चली जाती है...
"good night..."
अक्षत बोलता है...
" हां कल का ही तो बदला ले रही हो तुम...
कल में चला गया था ऐसे और आज तुम...
दिया तुमसे ही में सारी बाते जानना चाहता हु...
और कभी तुम्हे उदास नहीं होने देना..."
अक्षत अपने मन में सोचता है और फिर वो वही सोचते सोचते ही सो जाता है...
"अक्षत... अक्षत....
यहाँ पर क्यों सो रहा है..."
शिव अक्षत को जागते हुए बोलता है...
"अरे कब में रूम में आया तो तू अहाना से बात कर रहा था। तो में यही बैठा रहा और पता नहीं कब नींद आ गयी..."
अक्षत बोलता है, पर सच तो ये था की वो सोचते सोचते ही सो गया था...
"चल अब जल्दी तैयार हो जा..."
शिव बोलता है और अक्षत तैयार होने के लिए चला जाता है...
"चलो आज कहा जाना है..."
मिताली बोलती है...
"आज हम देवकी रिवर देखने जाने वाले है..."
सुमित बोलता है...
थोड़ी देर में ही सब वहा पहोत जाते है...
वहा पर दुनिया का सबसे साफ पानी है और सब बोट के पास आ जाते है...
"यहाँ सब दो दो की जोड़ी में बेथ जाओ..."
सुमित बोलता है...
पहले मिताली और नितिन बैठते है...
अहाना के बाजु में दिया बैठे उसे पहले ही शिव चला जाता है...
दिया न चाहते हुए भी अक्षत के बाजु में ही बैठना पड़ता है...
वो नहीं चाहती थी की अक्षत फिरसे उसे कल के बरे में पूछे और अक्षत भी चुप चाप उसके बाजु में बेथ जाता है...
अक्षत ये जान गया था की दिया नहीं चाहती उसे बारे में बात करने के लिए जिस वजह से अक्षत भी चुप ही रहता है...
आज रात को ही सब वापस जाने के लिए निकल जाते है और अक्षत को कुछ काम की वजह से वो सीधा ही वहा से निकल जाता है...
******
एक हप्ता हो गया था वहा से आये हुए और अक्षत शिव के साथ अपने ऑफिस में बेथ कर अपना काम कर रहा था...
"अक्षत कल तेरे बर्थडेपर तेरे लिए एक सरप्राइज है ...."
शिव बोलता है...
"अरे तो तूने अभी क्यों बोला मुझे..."
अक्षत बोलता है...
"क्यों की में चाहता हु तू सोचे की में क्या सरप्राइज है..."
शिव बोलता हैऔर वहा से निकल जाता है...
" अब में कल तक सोचता ही रहना वाला हु...
शिव ने सोचा है तो कुछ हटके ही होगा और वो कल से पहले मुझे बताने वाला भी नहीं है..."
अक्षत अपने मन में सोचता है....
******
दूसरे दिन शिव अक्षत के केबिन में जाता है....
"भाई आज तेरा बर्थडे है और तू अभी तक काम ही कर रहा है..."
शिव बोलता है और अक्षत के हाथ से फ़ाइल बाजु में रखता है...
"तू पहोच में आता हु थोड़ी देर में..."
अक्षत बोलता है...
"हां पर तू जल्दी ही आ जाना..."
शिव बोलता है और वहा से निकल जाता है...
"मुझे सबने अभी तक विश कर दिया पर दिया का कोई मेरेज नहीं आया...
क्या वो अभी भी मुझसे गुस्सा होगी...?
या फिर मुझसे अब बात नहीं करना चाहती...?"
अक्षत अपने मन में सोच रहा होता है...
शिव घर पे पहोचता है और वही पहोच कर जल्दी से देखता है की तैयारियां हुयी की नहीं...
अक्षत और शिव ये पार्टी इसी लिए रखते थे ताकि सब को वो बुला सके और बिज़नस में उनके जो भी दोस्त है उसके साथ रिलेशन अच्छे हो सके...
धीरे धीरे सब आने लगे थे पर अभी तक अक्षत नहीं आया था...
"ये भी ना...
जिसका बर्थडे है वो ही नहीं आया..."
शिव सोच ही रहा था, तभी अक्षत भी वहा आ जाता है...
"अभी में यही सोच रहा था की तू कहा रह गया...
चल जलदी जाकी तैयार हो जा...
और तेरा सरप्राइज भी तेरा ही इंतज़ार कर रहा है..."
शिव बोलता है...
"ओके ब्रो ..."
अक्षत बोलता है और जल्दी तैयार होने के लिए चला जाता है...
"आज तो मेरा भाई हीरो लग रहा है..."
अक्षत जल्दी से तैयार हो कर आता है और उसे देख कर शिव बोलता है...
"अब कहा है मेरा सरप्राइज ..."
अक्षत सीधा शिव के पास आ कर बोलता है...
"अरे पहले सब से मिल तो ले...."
शिव बोलता है...
शिव अक्षत को सबके के पास ले जाता है और अक्षत उन सबसे मिलने में लग जाता है...
"शिव ने क्या सरप्राइज सोचा होगा अक्षत के लिए...?"
"क्या दिया अक्षत को विश नहीं करेगी...?"
अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....
इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...
इश्क़ होना ही था का part -26 आपके सामने 3 februaryको आ जायेगा ...