** ओम नमः शिवाय **
** इश्क़ होना ही था part- 22 **
अभी तक हमने देखा की अहाना जो शिव का इंतज़ार करते करते ही सो गयी थी और शिव जब आता है तो उसे मना ही रहा था तभी शिव को अपने बाजु में ना देख कर अक्षत भी वहा आ जाता है । दिया जो सबकी आवाज सुन कर वो भी आ जाती है...
"मुझे नींद आ रही है... "
ये बोल कर अहाना जो दिया का हाथ पकड़ कर वहा से रूम के तरफ जाने लगती है...
" सबको उठाके खुद अब सोने चली..." शिव ये धीरे से बोला था, पर अहाना ने सुन लिया तो वो अपनी तीखी नज़रो से उसे ही देखते देखते जाती है और जोर से दरवाजा बंध कर देती है...
"अब तुम किसका इंतेज़ार कर रहे हो..."
शिव जो अपनी बालकनी में आके अक्षत को कहता है, जो दिया को जाते हुए ही देख रहा था...
"हां वैसे तुजे नींद नहीं आ रही थी और तूने सबकी नींद खराब कर दी..."
अक्षत बोलता है...
"हां बस अब जाके सो जाते है कल जल्दी भी तो जागना है..."
शिव बोलता है....
" तुजे ये अब याद आया की कल जल्दी उठना है..."
अक्षत बोलता है तो शिव अपना बेल्केट ओढ़ लेता है तो अक्षत भी सो जाता है...
शिव धीरे से देखता है तो अक्षत को सोते देख कर वो जल्दी से अपना फोन हाथ में लेता है और अहाना को मेरेज करने लगता है...
"अब तो सो जा...
तू ही कह रहा था कल जल्दी उठना है..."
अक्षत सोते सोते ही बोलता है...
ये सुन कर शिव भी जल्दी अपना फोन रख कर जल्दी से सो जाता है...
"अरे तुम तो बहोत नींद आ रही थी...
तो तुम बहार क्यों...?"
दिया बोलती है...
"वो मुझे एक कॉल आया फिर वहा शिव भी था तो हम दोनों बाते करने लगे..."
अहाना बोलती है...
"चलो अब सो जाओ..."
दिया बोलती है और सो जाती है...
तभी अहाना के फोन में मेसेज आता है तो जल्दी से अहाना फोन हाथ में ले कर देखती है...
"सोरी अहाना हम कल आराम से बात करते है..."
शिव ने ये मेसेज लिखा था और अहाना ये मेसेज देखते ही उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है और वो भी सो जाती है...
मिताली जो आज बहोत ही खुश थी नितिन के सुपरइस से...
"थैंक्यू..."
मिताली जो नितिन को गले लगा कर बोलती है...
"सिर्फ मुझे ही नहीं सबको बोलना..."
नितिन बोलता है...
मिताली हां में इसारा करती है और नितिन के गले लग कर ही सो जाती है...
नितिन भी मिताली तो खुश देख कर बहोत खुश था और फिर वो भी सो जाता है...
*****
सुभे सब जल्दी ही उठ चुके थे और सब निचे ही मिलने वाले थे...
"आज पुरे दिन में तुमसे बात ही नहीं करनी वाली..."
अहाना जब अपने फोन में शिव का मेसेज देख कर सोचती है...
"अब तुजे यही फोन ले कर ही बैठना है की तैयार भी होना है..."
दिया बोलती है तो अहाना जल्दी से अपना फोन बेड पर रख देती है और तैयार होने चली जाती है...
सब तैयार हो कर निचे आ जाते है बस सिर्फ अहाना और दिया ही बाकी थे आने के लिए...
"ये दोनों कहा रह गयी...?"
मिताली बोलती है...
"दिया तो आ गयी..."
अक्षत बोलता है...
"अहाना कहा है...?"
शिव बोलता है...
"अरे उसने ही कहा तुम जाओ निचे में आती हु..."
दिया बोलती है...
" हर बार वो तैयार होने में देर ही करती है..."
मिताली बोलती है...
" अहाना भी आ गयी..."
शिव बोलता है और उसे ही देख रहा था...
" बस कर अब..."
अक्षत उसके काम में बोलता है...
"चलो अब जल्दी से नास्ता करते है फिर जल्दी जाना भी है..."
नितिन बोलता है और सब नास्ते की टेबल पर बेथ जाते है...
शिव जो सिर्फ अहाना को ही देखे जा रहा था, पर अहाना ने अभी तक एक बार भी उसके सामने नहीं देखा था...
"सोर्री कल के लिए..."
शिव अहाना को मेसेज करता है, पर अहाना देख कर भी अनदेखा कर देती है और नास्ता करने लगती है...
उसे सही को थोड़ा बुरा लगता है, पर वो कुछ दिखाता नहीं है और नास्ता करने लगता है...
अक्षत जो शिव के बाजु में ही बैठा था और शिव को ही देख रहा था...
ये बात तो अक्षत भी समज जाता है, की अहाना शिव से किसी बात से नाराज़ है...
"चलो अब चलते है..."
नितिन बोलता है...
सब वहा से होटल से थोड़ आगे आ जाते है और वहा एक लड़का आता है...
"चलो ये भी आ गया..."
नितिन बोलता है और उसके पास जाने लगता है...
नितिन उसे बात करने लगता है, फिर उसे सबसे मिलवाने के लिए ले कर आता है...
" ये है सुमित और मेरा बहोत अच्छा दोस्त भी...
हमारे आज पुरे दिन हमारे साथ हमें सब जगा गुमायेगा..."
नितिन बोलता है...
फिर बारी बारी सबसे सुमित को मिलाता है...
"अब यहाँ से हम कहा जायेगे..."
अहाना बोलती है...
"यहाँ से हम जायेगे डबल ड्रिकिंग ब्रिग देखने के लिए..."
सुमित बोलता है और वहा से थोड़ा ही दूर था तो सब चल के ही जाते है...
" और कितना चलना पडेगा..."
शिव बोलता है...
" बस आ गया..."
सुमित बोलता है...
"हां पर अब यहाँ तो बस सिडिया ही है तो हमें कैसे जाना है..."
शिव बोलता है...
" हमें भी सिडियो से ही जाना पडेगा..."
सुमिल बोलता है....
" कितनी होगी...?"
शिव बोलता है...
"सिर्फ 3500 है..."
सुमित बोलता है...
"क्या....?"
शिव चौक के बोलता है...
" क्यों तुम नहीं चल पाओगे..."
सुमित बोलता है...
"अरे में अपनी नहीं पर हमारे साथ लड़किया भी उन सबके बारे में सोच रहा था..."
शिव बोलता है....
"हम तो इतना चल ही लेंगे..."
अहाना बोलती है और सब सुमित के पीछे पीछे ही चल रहे थे...
"चलो देखते है पहले कोन पहोचता है..."
शिव बोलता है...
"हां चलो..."
अहाना बोलती है और सब जल्दी जल्दी सिडिया उतरने लगते है...
"क्या अक्षत दिया से बात कर पायेगा...?"
"शिव क्या अहाना को मना पायेगा...?"
"सबसे पहले कौन पोहचेगा...?"
"सुमित के जुड़ने से क्या नया होगा...?"
अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....
इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...
इश्क़ होना ही था का part -23 आपके सामने 3 februaryको आ जायेगा ...