** ओम नमः शिवाय **
** इश्क़ होना ही था part- 17 **
अभी तक हमने देखा की शिव किसी लड़की से बात कर रहा होता है और ये बात अक्षत को पता न चले इस वजह से उसे थोड़ा सा दूर ही रहता है...
शिव और अक्षत दोनों ही बेसबरी से मिताली और नितिन के आने का इंतज़ार कर रहे थे...
तभी वह एक कार आती है...
शिव और अक्षत भाग कर वहा जाते है...
नितिन और मिताली कार से बहार उतरते है...
जैसे ही वो बहार पैर रखते है वैसे ही ढोल नगरे बचने लगते है....
मिताली बहोत खुश हो जाती है और दोनों के गले लग जाती है...
सब मिल कर उन दोनों का स्वागत करते है और दोनों घर में आते है...
सब मिल कर खाना खाते है फिर सब बेथ कर बाते कर रहे होते है तभी मिताली की नज़र शिव पर पड़ती है...
शिव जो कब से आपन फोन में ही लगा हुआ था और हसे जा रहा था...
ये देख कर मिताली अक्षत को बुलाती है और उसे इसारे से शिव के सामने देखने के लिए कहती है...
" ये किस्से बात कर रहा है..."
मिताली धीरे से अक्षत के कान में बोलती है...
" पता नहीं २ दिन से मुझसे ही बाटी नहीं कर रहा और जब भी पूछता हु तो कुछ न कुछ बहाना कर के भाग जाता है..."
अक्षत बोलता है...
"रात को देखते है ये चल क्या रहा है..."
मिताली बोलती है और फिर सबसे बात करने लगती है...
रात को मिताली अक्षत के पास जाती है...
" शिव कहा है..."
मिताली बोलती है...
"मुझे नहीं पता वो रूम में ही होगा..."
अक्षत बोलता है...
" मेने देखा पर वो नहीं है..."
मिताली बोलती है....
" चलो में चलता हु तुम्हारे साथ..."
ये बोल कर अक्षत भी मिताली के साथ शिव को ढूढ़ने लगते है...
" घर में तो नहीं है और बाइक भी बहार ही है तो वो बहार तो नहीं गया है..."
मिताली बोलती है...
" टेरेस पर देखते है..."
अक्षत बोलता है और दोनों टेरेस पर जाते है....
वहा देखते है की शिव किसी से फोन में हस हस के बात कर रहा था...
अक्षत और मिताली दोनों ही उसके पीछे जा कर खड़े हो जाते है...
जब शिव को लगा की उसके पीछे कोई है तो शिव पीछे देखता है तो वहा अक्षत और मिताली को देख कर चौक जाता है...
" तुम दोनों यहाँ..."
शिव बोलता है...
" हां हम यहाँ..."
दोनों साथ में ही बोलते है...
"तुम दोनों यहाँ क्या कर रहे हो..."
शिव बोलता है...
" ये तो हमें पूछना चाहिए की तुम यहाँ क्या कर रहे है और कब से किस्से बात कर रहे हो..."
मिताली अपनी एक आइब्रो ऊपर करके बोलती है...
"वो में... में अभी आता हु..."
शिव बोलता है और वहा से जाने लगता है, तभी अक्षत जल्दी से उसे पकड़ लेता है...
मिताली जल्दी से शिव के हाथ से फोन लेती है और जल्दी से नाम देखती है तो वहा अहाना लिखा था...
" शिव... शिव क्या हुआ..."
अहाना जो कब से बोल रही थी...
" तुम दोनों बात कर रहे थे कब से..."
मिताली बोलती है और अहाना जो मिताली की आवाज सुन कर चुप हो जाती है...
"सामने तो अहाना है..."
मिताली बोलती है और ये सुन कर अक्षत भी चौक जाता है...
" मगर तुम हमसे क्यों ये छुपा रहे थे..."
अक्षत बोलता है...
" अरे मुझे लगा तुम लोग मुझे चिड़ाओगे..."
शिव बोलता है...
" अरे बुधु इतनी सी ही बात थी और हमें लगा पता नहीं क्या हुआ की तुम हमसे चुप रहे थे..."
अक्षत बोलता है...
" चलो करो तुमदोनों बात हम बाद में बात करते है..."
मिताली बोलती है और शिव का फोन उसे दे कर फिर दोनों निचे चले जाते है...
"चलो आज तो बच गए..."
शिव बोलता है और अहाना जो कब से इन सब की ही बात सुन रही थी वो भी हसने लगती है...
" अरे पर तुमने पहले ही बोल देते तो क्या हो जाता और हम दोस्त ही हेना..."
अहाना बोलती है....
"हम सिर्फ दोस्त ही है....?"
ये सुन कर शिव जल्दी से बोलता है...
" अरे पहले तुम ये तो बताओ की दिया की अक्षत से बात हुई या नहीं..."
अहाना जो बात बदल ने के लिए ही बोलती है और शिव भी ये समज जाता है...
" नहीं अभी तक तो कोई बात नहीं हुई..."
शिव बोलता है और वो दोनों बाते करने लगते है....
जब अक्षत और मिताली निचे आते है तो नितिन सामने आ जाता है...
" अरे कब से मिताली तुम खोज रहा था..."
नितिन बोलता है...
" बस यही टेरेस पर गए थे..."
मिताली बोलती है...
" हां तो चलो हम सब साथ में बैठते है..."
नितिन बोलता है और सब साथ में बेथ कर बात करने लगते है...
शिव जो निचे आता है और वो धीरे धीरे ही आ रहा था जब वो रूम का दरवाजा खोलता है तो बेड पर कोई नहीं होता....
" अब अक्षत कहा गया...?"
शिव सोच ही रहा था...
"अरे में यहाँ पर हु..."
अक्षत जो बाथरूम से बहार आते हुए बोलता है...
"तू बेथ मुझे कुछ बात करनी है तुजसे..."
अक्षत बोलता है और ये सुन कर शिव बेड पर बेथ जाता है...
" तेरे और अहाना क बिच क्या चल रहा है..."
अक्षत जो शिव के बाजु में बैठते हुए बोलता है...
"अरे वो सिर्फ मेरी दोस्त ही है..."
शिव बोलता है...
"तो तू हमसे भाग क्यों रहा था..."
अक्षत बोलता है...
" अरे मुझे लगा तुम लोग मुझे चिड़ाओगे..."
शिव बोलता है...
" वो तो हम अभ भी चिड़ायेगे..."
अक्षत बोलता है....
"अचानक जो एक दूसरे से बात भी नहीं करना चाहते थे इतनी बात करने लगे..."
अक्षत बोलता है....
" अरे अहाना बहोत अच्छी है में ही युहु झगड़ता रहता था..."
शिव बोलता है....
"क्या शिव सच में अहाना को सिर्फ दोस्त ही मानता है...?"
" क्या शिव और अहाना की लवस्टोरी बन पायेगी...?"
" अक्षत और दिया की कहानी कब आगे बढ़ेगी...?"
अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....
इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...
इश्क़ होना ही था का part - 18 आपके सामने 27 january को आ जायेगा ...