Ishq Hona hi tha - 15 in Hindi Love Stories by Kanha ni Meera books and stories PDF | इश्क़ होना ही था - 15

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इश्क़ होना ही था - 15

** ओम नमः शिवाय **


** इश्क़ होना ही था part- 15 **

अभी तक हमने देखा की बड़ी मुश्किल से अक्षत शिव को फोन करने के लिए मना ही लेता है और जब शिव फोन करता है तो उन दोनों में झगड़ा हो जाता है और अहाना गुस्से में फोन कट कर देती है...

"शिव तुम क्या हो गया है....

ये किस तरह से तुम बात कर रहे थे..."

अक्षत भी चीड़ कर बोलता है...

" तुम उस लड़की की वजह से मुज पर गुस्सा कर रहे हो..."

शिव बोलता है और मूह भुला कर बेथ जाता है...

अक्षत ये देख कर अपने सर पर हाथ रख देता है...

" मुझे ही बात करनी थी मेने क्यों शिव को बोला..."

अक्षत अपने मन में सोचता है...

" अब तुम क्यों मुँह फुला कर बैठे हो..."

अक्षत बोलता है...

" तुमने इस लड़की से मुझे बात करने के लिए कहा ही क्यों...

देखा ना किस तरह से वो मुझसे बात कर रही थी...."

शिव बोलते ही जा रहा था और अक्षत जो कब से उसकी बात सुन रहा था...

तभी दोनों के फोन में साथ में एक मेसेज आता है और दोनों अपने फोन में देखने लगते है...

जब अपने फोन में मेसेज देखते है तो दोनों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और एक दूसरे को देखने लगते है। तभी शिव के फोन में फिर से रिंग बजने लगती है...

शिव जब फोन में देखता है , तो वो अहाना का फोन थाये देख कर शिव जल्दी से उसका फोन उठा ता है...

" हां बोलो ना अहाना..."

शिव खुश हो कर बोलता है...

" अक्षत को फोन देना ना..."

अहाना सीधा ही बोलती है...

ये सुन कर शिव का चेहरा उत्तर जाता है और वो अक्षत के सामने फोन कर देता है...

" हां बोलो अहाना..."

अक्षत बोलता है....

" में वो सीधा ही नंबर नहीं दे सकती थी, तो मेने एक ग्रुप बनाया है, जिसमे हम सब है , तो तुम पहले दिया से उसमे बात करना और फिर धीरे धीरे उसे मेसेज करना तो ये खराब भी नहीं लगेगा..."

अहाना बोलती है...

" थेंक्यु..."

अक्षत बोलता है...

" अरे कोई बात नहीं और हां अब तुम कुछ काम हो तो तुम ही कॉल करना..."

अहाना बोलती है और कॉल काट देती है...

ये सब बाते शिव भी सुन रहा था और वो भी वहा से उठ कर जाने लगता है...

" अरे अब तुम कहा चले..."

अक्षत बोलता है पर शिव कुछ सुनता नहीं है और वहा से बहार चला जाता है...

"अब इसे क्या हुआ ..."

अक्षत अपने मन में सोचता है और फोन में देखने लगता है...

अहाना ने एक ग्रुप बनाया था जिसमे अक्षत, शिव, अहाना, दिया, मिताली और नितिन थे...

" मुझे माफ़ कर देना मेने तुमसे इस तरह से बात की..."

शिव जो बहार जाता है और अहाना को मेसेज करता है...

"ये मेसेज शिव ने ही किया है ना और वो मुझसे माफ़ी मांग रहा है...?"

जब ये मेसेज अहाना देखती है तो वो सोचने लगती है...

शिव देखता है की अहाना ने मेसेज तो देख लिया है , पर अभी तक कोई रिप्लाय नहीं किया है...

ये देख कर अक्षत को लगता है की अहाना अभी भी उसे नाराज़ है...

वो बहार बैठे बैठे अहाना के बारे में ही सोच रहा थे, तभी उसके फोन की रिंग बगती है...

"हेलो..."

शिव जो नाम देखे बिना ही फोन उठा लेता है...

" हेलो शिव..."

अहाना बोलती है...

अहाना का आवाज सुनते ही शिव खुश हो जाता है...

" मुझे माफ़ कर देना मेने इस तरह से बात की..."

शिव बोलता है...

" चलो इस बार माफ़ कर देती हु पर अगली बार दयान रखना..."

अहाना बोलती है...

" हां और अब मेरी दोस्त तो बनोगी ना तुम...?"

शिव बोलता है...

" चलो सोच के बातती हु में..."

अहाना हस कर बोलती है...

" किसने समय चाहिए तुम सोचने के लिये..."

शिव बोलता है...

" एक साल तो लगेगा ही..."

अहाना बोलती है...

" इतना टाइम कैसे दे सकता हु..."

शिव बोलता है...

" चलो कोई नहीं एक दिन का टाइम तो देहि सकते हो..."
अहाना बोलती है...

" इतना चलेगा और हां थेंक्यु भी कहना था तुमें..."

शिव बोलता है...

" वो क्यों भला..."

अहाना बोलती है...

" तुमने हमारी मदद की इसी वजह से..."

शिव बोलता है...

"हम सब को मिल कर ही अक्षत की मदद करनी पड़ेगी..."

अहाना बोलती है...

" हां क्यों की वो तो खुद से दिया से बात भी नहीं करता है..."

शिव बोलता है...

" क्या अभी तक उसने किसी लड़की से बात नहीं की है..."

अहाना बोलती है...

" नहीं इसी वजह से ही वो इतना नरवस हो जाता है..."

शिव बोलता है...

" और तुमने...?"
अहाना बोलती है...

ये सुन कर सही की बोलती ही बंध हो जाती है...

"चलो कोई और ही बात करते है..."

अहाना बोलती है और हसने लगती है...

अहाना शिव दोनों बातो में लग जाते है और इस बाजु अक्षत जल्दी से ग्रुप में हेलो का मेसेज कर देता है, पर अभी तक किसी का मेसेज नहीं आया था...

मिताली जब देखती है की एक ग्रुप बनाया है । तो वो भी उसमे मेसेज करती है और अक्षत को जब अपने फ़ोन में मेसेज आने की आवाज आती है तो वो जल्दी से देखता है तो वहा मिताली का मेसेज होता है...

नितिन का भी हेलो करके मेसेज आता है...

अक्षत बहोत देर तक इंतेज़ार करता है पर दिया का कोई मेसेज नहीं आया था और ये देख कर अक्षत उदास हो जाता है...

अक्षत जो इंतेज़ार करते करते ही फोन हाथ में ले कर ही सो जाता है...

शिव जो थोड़ी देर बाद आपने रूम में आता है तो अक्षत को फोन हाथ में पकडे हुए सोते देखता है...

वो जा कर फोन बाजु में रखता है और फिर अक्षत के बाजु में जा कर जो जाता है...

शिव जो आज बस अहाना के बारे में ही सोच रहा था...

"दिया क्या कोई मेसेज करेगी...?"

" अक्षत दिया से बात कर पायेगा...?"

" शिव और अहाना की दोस्ती किसी चलेगी...?"

अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....

इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...

इश्क़ होना ही था का part - 16 आपके सामने 21 december को आ जायेगा ...