दिल्ली की पुरानी गलियों में, जहां इतिहास की गंध हवा में घुलती है और अंधेरे कोने रहस्य छिपाते हैं, एक डरावनी कहानी गूंजती है - लाल आंखों वाला कुत्ता।
लोग कहते हैं कि रात के सन्नाटे में, जब शहर सो जाता है, एक विशाल कुत्ता दिखाई देता है। उसकी आंखें जलते अंगारों की तरह लाल होती हैं और उसकी दहाड़ भेड़ियों के झुंड से भी भयानक होती है। वो अकेले चलने वालों को अपना शिकार बनाता है, उन्हें अंधेरे में खींच ले जाता है और उनका कोई पता नहीं रहता।
18 साल की राधिका, फोटोग्राफी की शौकीन, इन कहानियों को नहीं मानती थी। लेकिन उसे चुनौती पसंद थी। एक रात, उसने फैसला किया कि वो लाल आंखों वाले कुत्ते की तस्वीर लेगी और इस अफवाह को खत्म कर देगी।
वह पुरानी दिल्ली की सुनसान गलियों में घूमने लगी, कैमरा कंधे पर टांगा हुआ। हवा ठंडी थी, और हर आहट उसे चौंका देती थी। तभी, उसने सुना, "उधर मत जाओ, बेटी!"
एक बूढ़ा आदमी, एक दुकान के सामने बैठा था। उसने राधिका को चेतावनी दी कि लाल आंखों वाला कुत्ता उधर ही रहता है। लेकिन राधिका हसी और आगे बढ़ गई।
अचानक, हवा में एक ठंडी लहर दौड़ी और दूर से एक दहाड़ सुनाई दी। राधिका घबरा गई, लेकिन भागने की बजाय, उसने कैमरा उठा लिया। अंधेरे में, उसने दो लाल चमकते हुए बिंदु देखे। लाल आंखों वाला कुत्ता!
वह भागने लगी, लेकिन कुत्ता तेजी से उसका पीछा कर रहा था। उसकी सांस फूलने लगी, और उम्मीद कम होती जा रही थी। तभी, उसने एक मंदिर देखा और उसके अंदर घुस गई।
कुत्ता मंदिर के बाहर रुक गया, उसकी दहाड़ें बंद हो गईं। सुबह, जब राधिका बाहर निकली, तो कुत्ता गायब था। उसने तस्वीरें चेक कीं, लेकिन उनमें कुछ नहीं था। क्या वो सपना देख रही थी?
अगले दिन, पूरे शहर में अफवाह फैल गई कि लाल आंखों वाला कुत्ता गुम हो गया है। कुछ लोगों ने कहा कि वो राधिका की आत्मा ले गया, कुछ ने कहा कि वो कभी नहीं था, सिर्फ लोगों के डर का साया था।
राधिका को समझ नहीं आया कि क्या सच था और क्या झूठ। लेकिन एक बात पक्की थी - अंधेरे गलियों में छिपा कोई रहस्य था, और उसने उसे देखा था।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। कुछ दिनों बाद, राधिका को एक अजीब चिट्ठी मिली। उसमें लिखा था, "तुमने मुझे देखा है, अब मैं तुम्हें देखूंगा।
चिट्ठी पढ़कर राधिका की रूह कांप गई। वो समझ गई किसी अदृश्य ताकत ने उसे निशाना बना लिया है। उसने तय किया वो सीधे इस रहस्य का सामना करेगी। उसने पुरानी दिल्ली के बुजुर्गों से बात की, उन्हें लाल आंखों वाले कुत्ते के बारे में पूछा।
एक मूर्तिपूजक ने बताया, "ये कहानी सालों पुरानी है। एक क्रूर राजा को उसके कुत्ते ने ही मारा था। राजा की आत्मा अपने लाल आंखों वाले कुत्ते के रूप में भटकती है, बदला लेने की इच्छा से।"
राधिका को पता चला कि राजा को शांत करने के लिए हर साल एक कुत्ते की बलि दी जाती थी। लेकिन कुछ साल पहले, एक संत ने इस बुरी प्रथा को रोका। शायद यही वजह थी कि लाल आंखों वाला कुत्ता गुस्से में था।
राधिका को लगा कि राजा की आत्मा को शांति दिलाकर ही वो खतरे से बच सकती है। उसने उस मूर्तिपूजक के साथ मिलकर पूजा का आयोजन किया, राजा को क्षमा मांगी और उसके भटकते हुए आत्मा के लिए शांति की प्रार्थना की।
पूजा के दौरान, अजीब सी हरकतें होने लगीं। हवा तेज़ होने लगी, मोमबत्तियां बुझ गईं, और एक खौफ़नाक दहाड़ गूंज उठी। लेकिन राधिका डरी नहीं।
वह पूजा जारी रखी, राजा की आत्मा से बात की, समझाया कि बदला उसे शांति नहीं देगा। तभी, एक ठंडी हवा चली और जैसे ही धूप पूजा की जगह पर पहुँची, अंधेरा गायब हो गया। सब शांत हो गया।
कुछ दिन बीत गए, कोई अजीब घटना नहीं हुई। लोगों को लगा राधिका ने लाल आंखों वाले कुत्ते को हरा दिया है। लेकिन एक हवादार रात में, राधिका ने फिर सुना, "अभी तो खेल शुरू हुआ है!"। आवाज़ किसी और की थी, एक महिला की।