mirror with emotions in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | आईना जज्बातों वाला

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आईना जज्बातों वाला

1.
लहज़ा बदलकर कुछ नही हासिल,
ज़रा किरदार पर गौर फरमाए तो कुछ बात बने..!

2.
चूड़ी, चुनर, सोलह श्रृंगार सारा...
तेरे बगैर फिर कुछ मेरा न रहा..!

3.
ना शहर मेरा ना फिज़ा मेरी,
बिछड़कर जीना तुझसे नही रज़ा मेरी,
खामखा ही बदनाम रहा उम्रभर नाम मेरा,
आख़िर किस गुनाह के बदले मुकर्रर हुई ये सजा मेरी..!

4.
खुद को बंद रखती हूं इक लिहाफ में मैं,
छोटा शहर है, मासूम शख्सियत है मेरी..!

5.
कसमें वादों की उम्र लंबी नही होती,
तुम बस एहसासों की डोर थामे रखना..!

6.
किसी से कोई रिश्ता तब तक ही निभाइए,
जब तक उस रिश्ते में आपकी कोई अहमियत हो..!

7.
हवा के झौंके सा है मन मेरा,
जहां अवरोध मिले वहां ठहर नहीं पाता..।

8.
चलिए थोड़ी शायरी हो जाए...
मुसाफ़िर... शब्द पर कुछ लिखिए

9.
खुली किताब बन गए तो हो जाओगे बेमोल तुम,
कुछ पन्ने बंद रहकर बढ़ा देंगे अहमियत तुम्हारी..!

10.
नमी आंखों की छुपाते हुए,
दर्द सारा दिल में दबाते हुए,
खामोशियों का लबादा ओढ़े,
टूटे हुए लोग अक्सर दिखते हैं,
खिलखिलाते हुए....!

11.
जब एक दिन सबको मर ही जाना है,
ये अटल सत्य है,
तो फिर ......
ये सबको कुचल कर आगे बढ़ना,
तुम्हारे किस काम आएगा..?
जरा सोचिए...

12.
तुम्हारा प्रेम मेरे लिए श्रीकृष्ण की मुरली की उस मधुर ध्वनि जैसा है,
जिसे सुनकर सारी गोपियां मंत्र मुग्ध हो जाया करती थी..।

13.
एहसासों की ज़मी पर पनपते ये शब्द मेरे,
मेरे बाद यकीनन, इक रोज़ दोहराए जायेंगे...।

14.
हां, तुम इश्क़ कह सकते हो इसे,
मगर, मेरे लिए ये इबादत जैसा हैं..!

15.
मुझको रहने दो गाफिल इस मतलबी दुनिया से,
यहां कोई नही जो एहसासों की जुबां समझे..!

16.
नम हो भी जाएं आंखे मगर मैं मायूस नही होती,
हर बात पर टूट जाऊं इतनी कायर नहीं हूं मैं..

17.
विछोह की पीड़ा से ज्यादा पीड़ादायक है,
ये जान लेना कि विछोह तय है...!

18.
रिश्ते और रास्ते जल्दबाजी में न बदलें,
क्योंकि शुरुआत में हर चीज अच्छी ही दिखती है..!

19.
वहम मिटाया जिंदगी ने,
अपने पन का,
कुछ इस तरह से....
कि जिस जिस की दरकार थी,
वो सब दरकिनार कर गए मुझको..!

20.
सर्द शामों के ये अजीब मंजर,
कहीं धुंआ है तो कहीं दर्द में डूबी आंखे..!

21.
निशां ढूंढते रह जाते हैं उम्र भर फिर,
कुछ रिश्तों की अहमियत बहुत बाद में समझ आती है...

22.
जहां से दूर हो जाए ,
चल जमींदोज़ हो जाएं,
मौहब्बत लेती रहे सांसे,
हम तुम खामोश हो जाए..!

23.
सुनकर भी अनसुनी हो जाती है,
कुछ बातें हर किसी के दिल तक नही पहुंचती.!

24.
लिख लिखकर मिटा रही हूं कबसे,
ना जाने कितनी बार ही,
खुद को पूरा करने की जद्दोजहद में मैं..!

25.
नाउम्मीद हुए लाखों,
मगर उम्मीद फिर भी है,
कोई तो है आसमा में,
जो जमीं वालो की सुनता होगा..!

26.
नही मिलता सुकून कहीं,
तुमको देखे बिना,
दिन यूं गुजरता है मानो,
कोई बोझ सा उतरा हो मन से..!

27.
हंसी, मजाक में,
क्रोध में दुख में या
फिर मोह वश या
अत्यधिक खुशी में,
कभी भी
कोई ऐसे शब्द न कहें,
जिनके लिए आपको बाद में पछताना पड़े..!

28.
मन की व्याकुलता,
केवल नयन समझते हैं,
तभी तो जब मन भारी होता है,
तब आंखें स्वतः छलकने लगती हैं..!

29.
प्रेम को जीवन में रखने के लिए,
सर्वप्रथम अहंकार को त्यागना जरूरी है..!

30.
तस्वीरों से मोहब्बत
और इंसान से अलगाव,
ये सिर्फ ...
मनुष्य की परम्परा है..!

31.
आसान नही होता साहब,
इश्क अश्क और बर्बादी का सफर..!

32.
सदा जाती है अक्सर आसमानों तक,
दिल जो रोता है बेआवाज होकर..!

33.
लाज़मी नहीं ए इंसा तेरा यूं मगरूर हो जाना,
तुझसे बेहतर ज़माने में आए और चले भी गए..!

34.
मायके से लाती हैं साथ ये संस्कार सारे,
लड़कियों को घूंघट कहां सिखाते हैं ,
इज्जत मान करना..!