Life is a puzzle in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | जिन्दगी एक पहेली

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जिन्दगी एक पहेली

1.
पूछा जो हमसे कि क्या हुआ
हमने कहा….“कुछ नहीं”

इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है ना
मगर उस होने को हम कहाँ बता पाते हैं
शायद कुछ बताने के लिए होता ही नहीं
या शायद इतना कुछ होता है बताने को
कि लगता है कि क्या बताये और क्या न बताये
इसलिए ‘कुछ नहीं’ कह कर जाने देते हैं !!

2.
कलश में भरे‌ गंगाजल की
तरह पवित्र होता है
किसी चंचल स्त्री का निश्छल प्रेम

3.
जिस से रास रचा रहे हो
उसके ब्याह रचाने का भाव
अगर ह्रदय में ना आए
तो समझ जाना आप प्रेम में नही हो

4.
आपके ये पूछने पर,
कि हमारे बीच क्या
है
मेरा जवाब में प्यार ना,
कह पाना भी तो
प्यार ही है...!

5.
जुल्फें संवारने से लेकर
पांव की पायल तक बांध देता है
एक लड़का क्या नही करता
अपनी प्रेमिका के लिए

6.
यूं ही उलझी रहने दीजिए ये उंगलियां,
इन उलझनों में भी बड़ी राहत है...

7.
जिसे सिद्दत से चाहो
वो मुद्दत से मिलता है
बस मुद्दत से नही मिला कोई
सिद्दत से चाहने वाला

8.
यूं तो बहुत लोगों के काम आये हम
मसला अपना ही हमसे संभाला न‌ गया

9.
अगर में कहूं सही बात है
तो जरूरी नही बात सही हो
इसका मतलब कभी कभी
कौन बहस करे जाहिल मगरमच्छ से...

10.
उपमा भले ही दी जाती हो सीता और राम की
फिर भी हर स्त्री पति शिव समान ही
चाहती है अपनी जिंदगी में
शिव ही हैं जो स्त्री की समानता को समझ
अरद‌‌ नारीश्वर हो पाते हैं

11.
इतना भी आसान नहीं है
किसी को प्रेम करना
प्रेम वही कर सकता है जो
दुख सहने की
क्षमता भी रखता है जो उस विरह
उस वेदना को भी
वैसे ही स्वीकार करता है
जैसे प्रेम में जिये हुए सुख के पल

12.
मैं आवाज दूं और
तुम चले आओ,
कशिश ऐसी
मेरी आवाज़ में
ए काश हो पाती,
भेजता तुम्हे,
पैगाम हवा के जरिए मैं,
ये खामोश हवाएं,
काश तुमसे,
मेरे अल्फाज़ कह पाती,
बंद करता मैं,
ये पलकें अपनी,
तुम्हे तलाशने के लिए,
खुलते ही निगाह,
काश तुमसे,
मुलाकात मेरी हो जाती..!

13.
जब देखा तुझे पहली बार
अपने होश गवां बैठा
ना सोचा तू कौन है
बस तुझे दिल में बसा बैठा
हर पल तेरा ही अब इंतजार रहने लगा
दिल बस तुझसे मिलने की फरियाद करने लगा
काश एक बार तू भी देखे मुझे
जिस तरह मैं देखता हूं तुझे
कितनी नादान था यह भी ना सोचा
तेरा मेरा कोई मेल ना था
पर दिल न जाने कब तुझे जा लगा था
मंजूर है मुझे एक तरफा प्यार मेरा
बस दुआ है आंखों में हमेशा बसा रहे यह चेहरा तेरा

14.
लोगो के टूटते वादे,
और उनकी शिकायतों को देख,
कोई वादा करने का मन नहीं करता,
न कोई वादा तुमसे लेने का।

तुम्हे जो अच्छा लगे, जैसे लगे करना,
मैं बस एक इरादा करना चाहता हुं,
वादा तुमसे नहीं , खुद से करने का
तुम रहो ना रहो,कोई शिकायत नहीं करूंगा,
मोहब्बत खामोशी से ता-उम्र करूंगा।।

15.
हम जो तुमसे मिले हैं
इत्तेफाक थोड़ी है

मिल के तुमको छोड़ दें
मजाक थोड़ी है

अगर होती तुमसे मोहब्बत
एक हद तक जो छोड़ देते

पर हमारी तुम से मोहब्बत
का हिसाब थोड़ी है

अब तुम ढूंढोगे
मेरी इस गजल का जवाब

ये मेरे दिल की आवाज है
किताब थोड़ी है।

16.
तुमसे मोहब्बत भी करेंगे,
और तेरा ख्याल भी रखेंगे!
पर तेरे सामने आकर अब,
फिक्र तेरी जाहिर ना करेंगे!!

बहुत चाहने वाले है अब तेरे,
तेरी दुनिया में शामिल नहीं हम!
अब तुमसे दूर रहकर तेरी,
खुशियों की दुआ करेंगे हम!!

सुबह की पहली दुआ और,
रात का आखिरी नज्म हो तुम!
मेरी उम्र लग जाए तुम्हें,
मेरे कण कण में हो तुम!!

17.
झूम‬ लूँ तेरी बाँहों‬ में एक ‎खुशी‬ बन कर l
जो ‪मिल‬ जाए तू मुझे एक ‎ज़िंदगी‬ बन कर ll

18.
तमाम रात इस बात में गुजर गई
कोई ख़्वाब हो जो मेरे सिरहाने आए
मैं भी मुस्कुराऊं भले ही नींद में सही
कभी तो ज़ायका मुस्कुराहट का मेरे लबों तक आए

19.
होंठों की हँसी को न समझ हकीक़त-ए-जिंदगी,
दिल में उतर के देख कितने टूटे हुए हैं हम।
बड़ी शिद्दत से तोड़ा है मेरे दिल का हर कोना,
मुझे तो सच कहूँ उस के हुनर पे नाज़ होता है।
जिस्म से मेरे तड़पता दिल कोई तो खींच लो,
मैं बगैर इसके भी जी लूँगा मुझे अब है यकीं।
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं,
एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं।
कोई उम्मीद नहीं थी हमें उनसे मुहब्बत की,
एक ज़िद थी कि दिल टूटे तो सिर्फ उनके हाथ से टूटे।

20.
यूं साथ देने का
वादा करके बीच रहो
मैं छोडा क्यों था
कोई मजबूरी थी तो
बता देती ना
प्यार भरा दिल तोड़ा
क्यों था
नज़र मिला के एक बार देख लेती
तेरी मजबूरी को मैं
तेरी आँखों में पढ़ लेता
तूने अपनी नज़रों को यूं मोड़ा क्यूं था

21.
मेरी छोटी सी ख्वाहिश हैं तुम उसे पूरा कर पाओगी क्या...
अगर मैं तुमसे कभी नाराज हो जाऊं
तो मुझे गले लगाकर मना पाओगी क्या...
पूरी जिंदगी का तो पता नहीं पर
जब तक जिंदा हूं साथ दे पाओगी क्या...
मैं जिद्दी बहुत हूं...
मेरे जिद के सामने खुद को झुका पाओगी क्या...
माना की तुम दिनभर व्यस्त रहती होअपने कामों में
पर इन कामों के बीच थोड़ा सा वक्त मुझे भी दे पाओगी क्या...

22.
**हर शख्स से उल्फत का**
इकरार नहीं होता...

**हर चेहरे से दिल को**
**कभी प्यार नहीं होता...

**जो रूह को छू जाये**
** जो दिल में उतर जाये...
**उस इश्क का फिर लफ्जो में**
इजहार नहीं होता...