Internet wala love - 74 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | इंटरनेट वाला लव - 74

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इंटरनेट वाला लव - 74

ओके बाय संतोष जी बाय मोंटू जी फिर मिलेंगे.

बाय मिस मुन्नी जी आप से मिल कर अच्छा लगा. फिर मिलेंगे.

कुछ देर बाद...

समीर भाई मुझे पता नहीं चलता यार. की ये रोबो गर्ल कर क्या रही है. अब वहा संतोष शर्मा के साथ कैफे में चली गई. और गई तो गई लेकिन साथ चाय नाश्ता भी करने लग गई उनके साथ.

हितेश भाई कही ऐसा तो नहीं. मुन्नी को अपडेट करना भूल गए है. हम लोग. अगर ऐसा है. तो फिर बहुत बड़ी दिक्कत हो जायेगी.

डोंट वरी मेने अभी वरुन भाई को बोला है. की फौरन मुन्ना को मेरे पास लाया जाए. तो वो अभी ला रहा है.

हा ठीक है. अब तो वो आयेगा तब भी पता लगेगा. की एक्चुअल में हुआ क्या है.

समीर भाई मुझे तो लगता है. की हम लोग ना मुन्नी को अपडेट करना भूल गए है. इस लिए वो खुदके कंट्रोल में नही रहती है.

हा भाई मुझे भी ऐसा लगता है. अभी वो आ जायेगी ना. उसको सीधा अपने लैब में ले चलेंगे और चेक करेंगे की क्या दिक्कत है.

अरे नही समीर भाई लैब में जाने की कोई जरूरत नहीं है. मेरे पास तब है. हम मुन्नी को उसीसे चैक करेंगे ठीक है.

हा भाई फिर तो बहुत अच्छा है. हमारा लैब तक जाने का टाइम बच जायेगा. गुड आईडिया भाई अच्छा है.

पता नही यार अभी ये हादसा होते होते बच गया में वरुन भाई का शुक्रिया अदाह करना चाहूंगा. की वो टाइम पर पहुंच गए. और मुझे फोन कर दिया. वरना मेरी सालों भर की मेहनत पानी में चली जाती.

हा भाई ये तो आपने बिलकुल सही कहा. अगर जरा सा भी चाय का घुंट अंदर चला जाता. तो मुन्नी वही हैंग होम लगती और सरकट्स जल जाते. सारे के सारे और फिर सब को पता लग जाता. की मुन्नी एक रोबोट है.

अरे भाई धीरे धीरे बोल वरना कोई सुन लेगा. दिक्कत हो सकती है. क्या कर रहे हो यार. थोड़ा आजू बाजू देख कर बात किया करो मुन्नी के बारे में.

अरे हा सॉरी भाई मुंह से निकल गया. अच्छा है की हमारे पास में कोई है. नही वरना अभी दिक्कत हो जाती.

कुछ देर बाद...

हेल्लो सर में आ गया. मुन्नी जी को लेकर दिखिए. मुन्नी चलो और हा हितेश में चलता हु. मुझे कुछ काम है अर्जेंट.

अरे अरे वरुन आप तो बहुत जल्दी में हो. थोड़ी देर तो ठहरो हमारे साथ. और हा भाई अभी जो आपने हमारे लिए किया है. वो में हमेशा याद रखूंगा. अगर मुन्नी ने चाय पी ली होती तो बहुत बड़ी दिक्कत हो जाती. कई बार मेने इसको ना मरते मरते बचाया है. लेकिन इसको ना अक्कल ही नही है. मुझे लगता है. की इसको ना डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा.

अरे नही हितेश भाई ये तो होता है रहेगा इसमें कोई एहसान वेहसान की जरूरत नहीं है. अगर इंसान इंसान के काम नहीं आएगा तो कौन आयेगा. वैसे मुन्नी जी तो बिलकुल ठीक लग रही है.

हा पर फिर भी मुझे थोड़ा सा लग रहा है. की इसको डॉक्टर की जरूरत है.


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