क्या एकांत ही सुख हैं ? - 5 in Hindi Motivational Stories by Poonam Kuhar books and stories PDF | क्या एकांत ही सुख हैं ? - 5

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क्या एकांत ही सुख हैं ? - 5


तूषांत और प्रेमा ने एक - दूसरे को अपने दिल की बात बता दी की वह एक - दूसरे से कितना प्यार करते हैं ।
और फिर प्यारी प्यारी बाते आपस में करने लग जाते हैं ।
तुषांत प्रेमा से बोलता हैं की तुम कभी मेरा साथ तो नही छोड़ोगी । तब प्रेमा तुषांत का हाथ अपने हाथो मे रखकर बोलती हैं की तुम क्यों टेंशन ले रहो , तुम्हे मुझ पर विश्वास नहीं ही क्या ?

फिर तुषांत बोलता ऐसी बात नहीं हैं , विश्वास तो तुम पर खुद से ज्यादा करता हु पर प्यार भी बहोत करता हु तुझसे । इसलिए डर लगता हैं की तुम मुझे कभी छोड़कर चली न जाओ क्योंकि मेरे पास पैसे भी नही ह इतने जिससे तुम्हारी सारी ख्वाहिशे पूरी कर सकू ।

प्रेमा तुषांत से प्यार से बोलती हैं की मुझे पैसों के अलावा सिर्फ एक इंसान से प्यार हैं और वो इंसान तुम हूं जिसकी जगह मेरे दिल में हैं और हमेशा रहेगी ।

ऐसा बोलकर प्रेमा तुषांत को जोर से अपने गले से लगा लेती है और फिर तुषांत भी प्रेमा को कसकर पकड़ लेता हैं।
फिर इसके साथ ही तुषांत और प्रेमा दोनो *रोमेंटिक मूड * में आ जाते हैं और तुषांत अपने हाथो से प्रेमा की जुल्फो को सहलाता हैं । धीरे धीरे उसके नजदीक आता है फिर उसे चुम्बन करने लग जाता हैं ।

यह दृश्य आगे जारी रहने से पहले ही तुषांत के पास फोन आ गया था और वह प्रेमा से कहता ही अब मुझे यहां से चलना होगा , तुम अपना ध्यान रखना ।

ऐसा बोलकर तुषांत वहा से अपने घर के लिए चलता हैं और घर पहुंचकर वही करता हैं जो की उसका "डेली लाइफ रूटीन" था ।

क्या प्रेमा तुषांत के लिए सही लड़की थी और अचानक से प्रेमा का तुषांत की लाइफ में आना संयोग था या किसी के द्वारा सोची समझी गई चाल। यह जानने के लिए कहानी को आगे ले जाते हैं ।

इस परकार तुषांत अपनी पार्ट टाइम जॉब के जरिए अपना और अवि की पढ़ाई का खर्चा आसानी से निकाल लेता था
जिससे तुषांत के मम्मी पापा को ज्यादा तकलीफ नहीं उठानी पड़ती थी ।

और तुषांत अपनी स्टोरी राइटिंग के लिया बढ़िया बढ़िया स्क्रिप्ट तैयार और उन्हें फिर अपनी कल्पनाओं , विचारो के जरिए कहानियां नोटबुक पर लिखता था ।

तुषांत अपने घर से कोचिंग , कोचिंग से ट्यूशन , ट्यूशन के बाद प्रेमा के साथ वक्त गुजारता था और उसके साथ अपने फ्यूचर की बाते किया करता था । फिर सीधा अपने घर आता था , तुषांत ने प्रेमा के साथ अपने रिलेशनसिप की बाते अपने घर वालो को नही बताई थी ।
इस तरह से तुषांत प्रेमा के साथ 6 मंथ का वक्त गुजार देता हैं और तुषांत प्रेमा से *इमोशनली अट्रैक्ट* हो जाता हैं और उसकी हर एक बात तुषांत को अच्छी लगने लगती हैं । अगर वह सही हो या गलत जिसके कारण तुषांत प्रेमा से अपनी हर एक बार शेयर करने लगा था और उसने उसे अपने स्टोरी लेखन के बारे में बता दिया था की मेने अब स्टोरी पूरी लिख दी है। जिसका कंटेंट बहुत बढ़िया हैं जो लोगो को बहुत पसंद आएगा ।

अगर मेरी स्टोरी लोगो को पसंद आई तो मुझे एक नया पहचान मिल जायेगी जिससे मेरी पैसों को समस्या दूर हो जाएगी फिर जो तुम बोलोगी वही चीज तुम्हे लेक देने में मैं सक्षम हो जायूगा।

वह प्रेमा को बताता हैं की मैने इससे पहले भी स्टोरी लिखी थी तब में बहुत छोटा था , जिसके कारण मेरे छोटे एवम भोलेपन का फायदा उठाकर मेरे कॉलेज के टीचर ने उन्हें अपने नाम से पब्लिश कर दी ।

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा । अब सब ठीक हो जायेगा और में अब अपनी स्टोरी के कंटेंट को पब्लिश करने कि सोच रहा हूं । फिर स्टोरी पब्लिश हो जायेगी तो में अपने घर वालो को हमारे रिश्ते के बारे में बता दूंगा और फिर वे हमारी शादी कर देंगे ।

ये सभी बाते सुनकर प्रेमा तुषांत से बोलती हैं की अब ज्यादा समय हो गया हैं तो अब हमे घर चलना होगा ।
तब तुषांत बोलता हैं जैसी आपकी मर्जी ।

फिर प्रेमा सीधे रविकांत के पास आती है। दरसल रविकांत प्रेमा के पापा थे । और प्रेमा अपने पापा को तुषांत की बताई सारी बाते बता देती हैं ।

दरअसल तुषांत को जॉब दिलाने वाला कोई और नही , उसका कॉलेज का टीचर रविकांत था जिसका असली मकसद उसकी प्रेमा और तुषांत की दोस्ती करवाकर तुषांत को बरबाद करना था । क्योंकि रविकांत ये हरगिस नही चाहता था की उसका लेखन में नाम खराब हो । यदि तुषांत अपनी स्टोरी लिखने से फेमस होता तो रविकांत की सारी सच्चाई दुनिया के सामने आ जाती थी । इसलिए उसने ऐसा भयंकर षड्यंत्र बनाया था जो तुषांत की जिंदगी का खात्मा कर देगा ।

फिर रविकांत प्रेमा को सारी बाते समझा देता हैं और कहता की बेटा अब टाइम आ गया हैं जिस दिन का हमे इंतजार था ।


इसलिए मेने तुम्हे जो करने को बोला था वो करना अच्छे से । फिर अगले दिन प्रेमा ट्यूशन के बाद तुषांत से कहती हैं की आज मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा हैं ऐसा बोलकर उसकी गोद से सो जाती हैं । फिर उसे अपनी बाते के जाल में फसाने की कोसीस करती हैं और कहती हैं की आज तुम मेरे घर चलोगे क्या ? मेरे घर पे और कोई नही हैं इसलिए मेरा मन नहीं लगेगा और तुम अपने पापा को बोल देना की आज मुझे ट्यूशन में कुछ ज्यादा काम हैं इसलिए काम करते करते रात हो जायेगी जिसके करना में आज घर पर नहीं आ पायूगा।

तुषांत तो बेचारा इमोशनली उसकी बाते में आ गया और बोला ठीक हैं तुम चिंता मत करो में मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे घर चलूंगा ।

उसके बाद तुषांत अपने घर फोन करके बता देता हैं के में आज घर पे नही आ पाऊंगा और फिर प्रेमा के साथ उसके घर चल देता हैं ।

घर जाते ही प्रेमा और वे दोनो कई देर बाते करते हैं फिर प्रेमा बोलती हैं की तुम्हे भूख लगी होगी तो में तुम्हारे लिए खाना बनाकर ले आती है। तुषांत कहता है की प्रेमा से में तुम्हारी कुछ हेल्प करू क्या ?
जी नहीं आप आराम करो में अभी आ जाऊंगी खाना लेकर ।

फिर प्रेमा खाना बनाने के बाद तुषांत के खाने में नशे की गोली मिला देती हैं और वह खाना तुषांत को खिला देती है और तुषांत नशे की हालत में आ जाता है। उसे किसी भी चीज का होश नही रहता हैं की उसके साथ क्या हो रहा है।
आगे जो होगा उसे देखकर आप हैरान हो जायेगे तो अगला भाग जरूर देखना_____

अगर कहानी अच्छी लगी हो तो फॉलो करके रैटिंग जरूर देना ।

थैंक यू सभी का _______
🙏🏻🙏🏻🙏🏻