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ख़त
अभिमन्यु को अभिषेक के बारे में पता चला तो उसे खुद से नफरत सी होने लगी, उसने तन्मय से ज्यादा खुद पर गुस्से आने लगा। इसी खीझ को लेकर वह मॉल में सबके ऊपर चिल्लाने लगा। सभी वर्कर डरे सहमे घूम रहें है, मगर तभी प्रिया आई और अभिमन्यु उसको देखकर शांत हो गया और उसके साथ अपने केबिन में बैठते हुए बोला, हम तो शाम को मिलने वाले थें?
शाम को मैं आगरा जा रहीं हूँ मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है।
क्यों क्या हुआ ?
उनकी स्पाइन में कुछ दिक्कत आ गई है।
ओके, ख्याल रखना ।
तुम इस तरह क्यों चिल्ला रहें थें?
उसने उसे अनमने मन से अभिषेक वाली बात विस्तार से बता दी।
ओह माय गॉड , कहाँ है वो ?
फिलहाल तो कस्टडी में है।
तुम पर हमला उसने करवाया था ?
नहीं, वो तो अभी प्लान कर रहा था। मैं कितना बेवकूफ हूँ, मुझे लोगों की पहचान नहीं है।
अरे ! तुम उससे एक ही बार तो मिलें हो। जो भी है, इस मामले में तन्मय मुझसे ज़्यादा होशियार है।
हाँ, वो तो है। उसने हँसते हुए कहा। अब मूड ख़राब मत करो और मुझे अच्छी सी कॉफ़ी पिला दो। उसने कुर्सी से उठते हुए कहा।
अभिमन्यु भी मुस्कुराते हुए उसके साथ चल दिया।
पुलिस स्टेशन में शुभी डरी सहमी बैठी हुई है। श्याम उसे पूछताझ के लिए दूसरे रूम में ले गया।
उसने शुभी को गौर से देखा, उसके हाथ काँप रहें हैं, चेहरे पर पसीने की बूंदे छलक आई है।
मिस शुभी! आप कितने साल की है?
सर, ट्वेंटी वन कम्पलीट किया है।
आप रिलैक्स हो जाये, बाहर बैठी आपकी मम्मी भी आपके लिए परेशां हो रही है।
जी सर, पूछिए।
आपने अपने मम्मी का लॉकर कब खोला?
सर सुबह खोला था, उसके बाद क्या हुआ?
उसके बाद में कॉलेज चली गई, शाम को आई तो मम्मी ने हंगामा मचाया हुआ था।
वैसे आपको तो पता ही होगा कि आपका लॉकर डिजिटल है, उसका पासवर्ड आप तीन लोगो को ही पता है।
आपके भाई ने आपकी मम्मी के सामने लॉकर खोला था, अब बची आप? इसका मतलब गहने आपने !!!!!?
सर आप कैसी बाते कर रहें हैं, भला मैं आपके घर में चोरी क्यों करूँगी। उसने बीच में ही बात काटते हुए कहा।
वहीं मैं सोच रहा हूँ,
हो सकता है, मेरी मम्मी ने किसी को पासवर्ड बता दिया हो। आप मुझे पर क्यों इल्जाम लगा रहें है?
फिलहाल तो मैं आपसे पूछ रहा हूँ। ख़ैर आपको किसी से मिलवाता हूँ, उसने साथ में खड़े कांस्टेबल को ईशारा किया तो एक अठारह उनीस साल के लड़के को अंदर ले आया।
इसे पहचानती है, आप ?
राजू है, मेरे घर काम करता है।
हाँ, राजू आप बाताओ, आपने क्या देखा??
उसने शुभी की ओर डरते हुए देखा फ़िर बोलना शुरू किया, सर शुभी दीदी कॉलेज से घर आई और उन्होंने ही सेफ खोला और गहने अपने बैग में डाले और घर से निकल गई। शुभी ने सुना तो उसके होश उड़ गए, सर यह झूठ बोल रहा है।
तो आप सच बता दो? देखिए, मिस शुभी,आप कोई क्रिमिनल नहीं है और हम पुलिस वाले है। देखकर पहचान लेते है कि कौन कितने पानी में है। अब आप बता रही है या मैं अपने तरीके से पता लगवाओ, शुभी को इसकी कहाँ उम्मीद थी, उसने इंस्पेक्टर श्याम की घूरती आँखों को देखा, अब उसका डर उसके दिल और दिमाग पर हावी हो गया और उसने आँसू बहाते हुए उसे सारी सचाई बता दी। सच को सुनकर, उसकी त्योरियाँ चढ़ गई। वह उठा और रुद्राक्ष को बुला लाया और शुभी का सच उसे भी बता दिया। उसने गुस्से में कहा, लेकर आओ, उसे।
बाहर बैठी, उमा ने जब शुभी का पता चला तो उसके चेहरे का रंग भी फीका पड़ गया। वह अपनी बेटी के पास गई और उसे गले लगाकर चुप करवाने लगी।
राजीव ने शाम सात बजे एक लाख रुपए उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। उसके'पैसे ट्रांसफर करते ही उसे नंदनी का मैसेज आया,
थैंक्यू जानू!
बद्तमीज़ औरत, अब मुझे लगा रहा है कि इसने जो कुछ किया, पूरी प्लानिंग के साथ किया। पता नहीं, मुझसे पहले कितनो के साथ ऐसा कर चुकी होगी। उसने गुस्से में पास रखें टेबल पर लात मारी।
सर , वो तो भाग गया। इंस्पेक्टर श्याम ने उसे बताया। जहाँ-जहाँ उसका अड्डा है,वहां छापा मारो। शिवांगी और श्याम पूरी टीम के साथ उसे पकड़ने निकल पड़ी।
सर वो मेरी वीडियो पूरी दुनिया को दिखा देंगा। शुभी ने रोना शुरू कर दिया। शिवागी !
जी सर, साइबर क्राइम की टीम को कहे, इस शख्स के आई.पी. अड्रेस से इसकी हर एक्टिविटी को ब्लॉक कर दें।
मैं अपनी बेटी को घर ले जाना चाहती हूँ।
ले जाए, मगर सतर्क रहें। दो पुलिस ऑफिसर आपके घर के बाहर भी खड़े होंगे।
सुरेश उसकी कॉल रिकॉर्ड चेक करो।
जी सर,
सर वो तो भाग गया,. कही भी उसका पता नहीं चल रहा। शिवांगी ने उसे फ़ोन पर बताया ।
तुम हर खबरी को एक्टिव मोड पर कर दो। कहाँ जायेगा भागकर।
वही दूसरी ओर तन्मय के घर की घंटी बजती है। वह दरवाजा खोलता है,
हाँ भैया,??
तनु बेटा कोई औरत आई थीं, यह चिठ्ठी पकड़ाकर चली गई है। यह लो,
उसने चिठ्ठी पकड़ ली। ओके।
यह तो पापा के लिए है। चलो, पापा आने वाले है, उनको दे दे दूंगा । उसने वो चिठ्ठी वहीं टेबल पर रख दी।
पुलिस स्टेशन में सर इसने एक लैंडलाइन नंबर पर बहुत कॉल किया है।
किसका नंबर है?
राजेन्द्र बिश्नोई की फैक्ट्री का। अच्छा !
सर एक बात और इसने क़त्ल वाली रात भी राजेन्द्र बिश्नोई को आधे घंटे पहले कॉल किया था।
रुद्राक्ष ने गुस्से में कहा, अब तो तुम्हे पकड़ना और भी ज़रूरी हो गया है।
थोड़ी देर बाद अभिमन्यु घर आया, तन्मय ने टेबल पर खाना लगाया, और अब दोनों बाप-बेटे खाना खा रहें हैं। बीच-बीच में वह उसकी पढ़ाई और क्रिकेट के बारे में भी पूछता रहता है। खाना खाने के बाद, उसने कहा पापा आपके लिए चिठ्ठी आई है। उसने लिफाफा देखा, उस पर लिखा था, "अभिमन्यु ।"उसने चिठ्ठी खोली और पढ़ना शुरू किया और जैसे-जैसे वो पढ़ता गया, उसके होश उड़ गए। खत उसके हाथ से गिर गया। उसने सोफे पर बैठते हुए तन्मय को आवाज़ लगाई। तनु ! तनु !
तन्मय ने उसकी यह हालत देखी तो उससे सवाल किया कि पापा क्या हुआ? आप ऐसे क्यों बैठे हो?
बेटा, इसे पढ़ो, उसने पढ़ा और उसके मुँह से निकला, मम्मा।