Tanmay - In search of his Mother - 49 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 49

The Author
Featured Books
Categories
Share

Tanmay - In search of his Mother - 49

49

एफ.आई.आर.

 

रुद्राक्ष कस्टडी में बैठे, अभिषेक के पास गया और शिवांगी से पूछने लगा,

इसने कुछ बताया?

सर यहीं कि यह नैना से बहुत प्यार करता है।

यह हमें पता चल चुका है, तेरे घर जाकर हम तेरा बनाया ताजमहल देख आए है, अब कुछ और बता, उसने उसका मुँह पकड़ते हुए पूछा,

मगर उसने कोई जवाब नहीं दिया। अब रुद्राक्ष ने उसकी आँखों में झाँकते हुए कहा, जो जो, पूछा जा रहा है, सीधी तरह बता दें, वरना अगर हमने उँगली टेढ़ी की तो तेरे लिए सही नहीं होगा। अभिषेक के चेहरे के हाव भाव बदलते देख,रुद्राक्ष ने दोबारा पूछा,

नैना राठौर को तू पहली बार बुक फेयर में तो नहीं मिला था???

हाँ, मैं पहली बार किशन भाईसाहब की फैक्ट्री में मिला था, वह उनके बड़े भाई राजेन्द्र बिश्नोई से मिलने आई थीं। उसके बाद मैंने उसका पीछा करना शुरू किया। फ़िर पता चला कि उसे बुक्स पढ़ने का बहुत शौक है और मेरी पब्लिशिंग कंपनी थी, बस उससे बात करने का मौका मिल गया। बातचीत दोस्ती में बदल गई।

तू उसे अपने भाई साहब के फार्म हाउस में भी लेकर गया था?

हाँ, उस दिन नैना बहुत उदास थी, मैं उसका मन बदलने के लिए उसे वहां लेकर गया था।

उस चिठ्ठी में क्या था?

अपने प्यार का इज़हार और.... वह बोलते-बोलते चुप हो गया।

और क्या ? रुद्राक्ष ज़ोर से चिल्लाया।

मैं उससे शादी करना चाहता था, पर मुझे पता था कि वह शादीशुदा है तो मैंने उसे उसके पति अभिमन्यु को मारने के बारे में लिखा था। वह उसे मारकर किशन के फार्म हाउस पहुँच जाए। वहीं हम दोनों वहां शादी कर लेते। रुद्राक्ष ने एक ज़ोर का चांटा उसके मुँह पर मारा, तुझे पता है कि तू पागल है।

हाँ, नैना के प्यार में ।

तेरे भाईसाहब को पता है?

उनसे आँखें नीची करते हुए बोला, हाँ ।

रुद्राक्ष ने गहरी साँस ली। तू राघव की काम वाली को पैसे देकर उसके घर से यह लिफाफा लाया है?

हाँ और उस अभिमन्यु की कुक को भी मैंने पैसे दिए थें ताकि उसके घर में घुस सको। रुद्राक्ष ने उसे नफरत से घूरा।

बता, नैना कहाँ है?

मुझे लगता है कि उसे अभिमन्यु ने कुछ कर दिया है, वरना वो मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकती।

तूने अभिमन्यु को कोई नुकसान तो नहीं पहुँचाया? उसने उसका कॉलर पकड़ते हुए पूछा,

उसको मारने का प्लान बना चुका था, अगर वो तन्मय उस दिन मेरे घर में न आता तो मैं कबका कामयाब हो जाता। उसकी वजह से मुझे वापिस आना पड़ा उसने गुस्से में कहा।

अब एक काम कर, पुलिस स्टेशन में आराम कर, कोर्ट फैसला करेगी कि तुझे यहाँ रखना है या किसी असायलन भेजना है। इसे लेकर जाओ, दो पुलिस वाले उसे वहां से लेकर जाने लगे और रुद्राक्ष ने शिवांगी से पूछा,

उस किशन से बातचीत हुई, यह जर्मनी क्यों गया था,

हाँ, सर हुई, सर इसके मां बाप, वहीं रहते है, दरअसल इसका वहाँ ईलाज चल रहा है। हर छह महीने में यह एक बार तो वहाँ जाता है।

इसके दिमाग में खराबी है।

सर यह ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर का शिकार है। इसके माँ-बाप बता रहें है कि इसकी तबीयत में सुधार था, मगर पिछले कुछ महीनो से यह बीमारी फ़िर इस पर हावी हो गई।

और कुछ?

यही कि उसको सिर्फ इतना पता था कि यह नैना के पीछे पागल हो रहा है, इसलिए उसने इसके माँ-बाप को बोलकर जर्मनी दोबारा भेजा था और चिठ्ठी वाली बात में प्यार के इज़हार की बात तो पता थी, मगर अभिमन्यु के मर्डर की बात उसे नहीं पता थीं।

रुद्राक्ष ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा, हरिलाल मेरे लिए चाय लाओ। मेरा सिर दर्द हो रहा है और शिवांगी के लिए भी लेते आना।

बोलती जाओ।

सर, नैना को किशन और उमा के बारे में पता चल गया था, इसलिए दोनों में झगड़ा हुआ। उसे लगा कि राजेन्द्र को यह बात नैना ने बताई है।

मुझे लग भी रहा था।

सर किशन का क्या करना है?

उसे जाने दो, रोककर कोई फायदा नहीं है।

वैसे सर आजकल वो अजीत के साथ कोर्ट के चक्कर काट रहा है। शिवांगी ने चाय पीते हुए जवाब दिया। रुद्राक्ष ने भी चाय का कप हाथ में पकड़ते हुए पूछा, उस चोरी का क्या हुआ।

श्याम इसी सिलसिले में गया है।

हम्म

राजीव भागता हुआ बाहर आया और मालिनी से बोला,

मालिनी नंदनी की बहन बीमार है। वो मेरी हॉस्पिटल में जान पहचान है, इसलिए इसी सिलसिले में आई है। क्यों नंदनी ?

नंदनी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,

हाँ, मैडम यही बात है।

ठीक है, कहकर वह अंदर चली गई।

राजीव ने उसे बाज़ू से पकड़कर एक तरफ किया और गुस्से में बोला, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? मेरे घर आने की।

अभी तो तुमने मेरी हिम्मत देखी नहीं है, अगर आज शाम छह बजे तक तुमने मेरे अकाउंट में पैसे न डाले तो फ़िर तुम्हें पता चलेगा कि नंदनी क्या चीज़ है।

तुम मुझे ब्लैकमेल कर रहीं हो ?

ऐसा ही समझ लो, जानू।

मेरी बीवी तुम्हारी बातों पर कभी विश्वास नहीं करेंगी।

उसने हँसते हुए कहा, तुम्हारी बीवी मेरी बातो पर ही विश्वास करेगी क्योंकि उसे पता है, तुम्हारी जात कैसी है?

बकवास बंद करो।

ठीक शाम छह बजे, और हाँ अपना फ़ोन चेक कर लेना, तुम्हें मैंने अपना अकाउंट नंबर सेंड किया है।

बाय ! जानू। उसने उसके गाल पकड़ते हुए कहा तो उसने गुस्से में उसका हाथ झटक दिया।

पुलिस स्टेशन में बैठा, रुद्राक्ष कुछ सोच रहा है, तभी हरिलाल ने उससे पूछा,

सर, सिर दर्द ठीक है?

यह तो चलता ही रहता है, हरिलाल।

सर नैना मिसिंग केस के बारे में सोच रहें हैं?

फिलहाल तो दिमाग में बहुत कुछ चल रहा है।

जैसे कमिश्नर कह रहें है कि सिद्धार्थ को इस केस में इन्वॉल्व कर लो।

और आप करना नहीं चाह रहें?

मुझे अपने केस में किसी की दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं होती।

तभी श्याम उसके पास आया, सर किसी चोर से चोरी की पुष्टि नहीं हुई, मगर लॉकर पर उमा, अमन और उसकी बेटी शुभी तीनों के ही फिंगर प्रिंट्स मिले हैं।

अमन और शुभी दोनों को बुला लो। सर अमन नहीं हो सकता।

क्यों ?

सर उसने अपनी माँ के सामने ही लॉकर खोला था।

फ़िर शुभी से पता करो, सर वो चोरी कर सकती है ?

वो तुम पता करो। रुद्राक्ष ने भौंहे उचकाते हुए जवाब दिया।