Tanmay - In search of his Mother - 38 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 38

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Tanmay - In search of his Mother - 38

38

लिफाफा

 

1/10/2023

 

नैना  मार्किट में  कुछ सामान  देखते हुए  जा रहीं  हैl वह  एक दुकान के अंदर भी जाती है, मगर उसे कुछ सामान नहीं  खरीदतीl तभी वह उस लेन से बाहर  निकलती हुई  मैन  रोड पर आ जाती हैl तभी उसके सामने एक गाड़ी आकर रुकती है, जब वह देखती है तो उसमें  अभिषेक बैठा हुआ हैl वह गाड़ी का दरवाजा  खोलता है और नैना 'मुस्कुराती हुई  उसके अंदर बैठ जाती हैl वह नैना की तरफ़  देखते  हुए कहता है,

 

हमेशा की तरह खूबसूरत लग रहीं  होंl उसने खुद को देखा और हँसते हुए बोली, तुम्हें  इस पिंक रंग के टॉप  और जीन्स में क्या अच्छी नज़र आ रही हूँl

 

तुम कुछ भी पहन लो, तुम हो ही इतनी प्यारीl

 

क्या यार तुम भी शुरू हो जाते होंl

 

अभिषेक ने मुस्कुराते हुए बात बदलते हुए कहा, मेरे साथ जर्मनी चलोगी?

 

मैं क्या करूँगी ? तुम तो काम से जा रहें हो ?

 

तुम होगी तो काम के साथ घूम भी लेंगेl

 

फ़िर तन्मय को भी साथ ले जाना चाहिएl उसने हँसते  हुए कहाl

 

कम  से कम  तुमने अपने पति का नाम तो नहीं लियाl

 

उससे बिना पूछे ही जाना पड़ेगा, वरना वो तो जाने नहीं देगाl

 

तुम हाँ करो, मैं तुम्हें पूरी दुनिया से चुराकर ले  जाऊँगाl

 

ओह ! ओह ! सो  सीरियस ! मेरी लिए वो बुक लेते आनाl तभी अभिषेक का घर आ गया और वह दो सेकण्ड्स में  एक चाभी और सामान लेकर बाहर  आ गयाl रास्ते में  उसने एयरपोर्ट  पहुँचने से पहले अपने दिल की बात नैना को कहीं  तो उसने हँसते हुए उसकी बात टाल दीl मैं अपना सवाल तुम्हें भेजूंगाl तुम्हेँ जवाब देना ही पड़ेगाl यह  सुनकर नैना ने गंभीर होकर जवाब दिया, "मेरी ज़िन्दगी में बहुत कुछ हैं, अभिषेक और   तुम्हारे पास तो अभी बहुत ऑप्शन हैl" यह  कहते हुए वह गाड़ी  से उतर  गईl मैं तुम्हें  अपना बनाकर ही रहूँगा, नैनाl उसकी आँखों में  एक जूनून नज़र आ रहा हैl  उसने आँखें खोली और वर्तमान में  उसने खुद को अपनी 'गाड़ी के अंदर पायाl एक लम्बी साँस छोड़ते हुए उसने  गाड़ी घर की तरफ़ घुमा दींl

 

 

अगली सुबह स्कूल में तन्मय ने  राघव से उस बुक के बारे में  पूछा तो उसने बताया, अभी पढ़ी नहीं हैl

 

पहले उन अंकल को दे देते हैं,  तू बाद में ले लियोl

 

ठीक है, दे देंl उसने कॉपी खोलते हुए ज़वाब  दियाl

 

सोशल नेटवर्किंग साइट्स से कुछ सूचना  मिलीl

 

मैंने वो पोस्ट हटा दी हैl

 

क्यों ?

 

पापा को पता चल गया था, उन्होंने डिलीट करवा दींl कह रहें है कि यह सेफ नहीं हैl उसने उदास  होते  हुए ज़वाब  दियाl

 

नंदनी राजीव का नाश्ता बना रहीं  हैl उसने उसे ऑमलेट और सैंडविच देते हुए कहा,

 

मुझे कुछ पैसे चाहिए थे, आप तनख्वाह से काट लेनाl

 

कैसी बातें  कर रहीं  हो, बताओ कितने पैसे चाहिए?

 

फिलहाल 5000 रुपए  दे दोंl मुझे किराया भी देना  हैl

 

उसने अलमारी से पाँच  हज़ार रुपए  निकाले और उसे पकड़ा दिएl  उसने प्यार से उसके मुँह में  आमलेट डाल  दियाl राजीव की आँखें चमकने लगीl

 

दोपहर में अभिषेक उनके स्कूल के बाहर  खड़ा हैl दोनों उसे देखकर  हैरान हो गएl मगर अभिषेक ने दोनों को प्यार से मुस्कुराते हुए देखा और कहा,

 

तुम राघव हो न ? उसने हाँ में सिर हिला दियाl

 

बेटा, मेरी बुकl

 

अंकल वो तो घर पर हैl

 

ठीक है, मैं तुम्हें  लेकर चलता हूँ, तुम मुझे दे देनाl राघव ने सवालियाँ नज़रों से तन्मय को देखा तो उसने पलके झपका दींl थोड़ी देर में  वह सोसाइटी के पास पहुँच  गए l राघव लिफ्ट से अपने फ्लैट में  गया और बुक लेकर आ गयाl बुक देखकर उनका चेहरा खिल गयाl उसने दोनों बच्चो को ट्रीट देने की बात कहीं  तो उसने यह  कहकर मना कर दिया कि उन्हें अभी टूयशन भी जाना हैl उसके जाते ही राघव बोल पड़ा,

 

उस बुक में  ऐसा क्या है, जो यह  अंकल इतने बेचैन हो रहें हैंl

 

मुझे ख़ुद  कुछ समझ नहीं आ रहाl कुछ तो गड़बड़ हैl

 

अभिषेक ने सड़क के किनारे पर अपनी गाड़ी  रोकी और बुक का एक-एक पन्ना देखा, मगर उसमे उसे कोई चिठ्ठी नज़र नहीं आईl वह झल्लाते हुए बोला, तन्मय तुम मुझे मजबूर कर रहें हो कि  मैं तुम्हारे साथ......... वह बोलते हुए रुक गयाl

 

 

शिवांगी किशन बिश्नोई का पीछा कर रहीं हैl वह महरौली के पास अपने फार्म हाउस में  जा रहा हैl उसने अपनी गाड़ी अंदर आकर पार्क कीl उसने वहीं  बाहर  अपनी गाड़ी रोक दीl कुछ देर इंतज़ार करने के बाद वह जाने को हुई तो उसे उमा की गाड़ी फार्म के अंदर जाती नज़र आईl मुझे किसी तरह अंदर जाकर इनकी बातें सुननी  ही होगी। जरूर कोई खिचड़ी पक  रहीं  होगीl वह गाड़ी से उतरी, उसने बाहर बैठे गार्ड को कुछ कहा तो उसने हाँ में सिर  हिला दियाl अब अंदर गई और फार्म में  बने कॉटेज की तरफ  जाने लगीl उस कॉटेज में  कम से कम  दस कमरे बने हुए हैl उसने बहुत सावधानी से हर एक कमरे में  देखना  शुरू कियाl अब उसे एक कमरे से   आवाज़े आने लगीl उसने कान लगाकर ध्यान से सुनना शुरू कियाl उनकी बातें सुनकर उसके कान खड़े  हो गएl

 

 

हम शादी कर लेते हैं l

 

अभी नहीं कर सकतेl

 

क्यों ?

 

किशन, बच्चो से बात करने दो और अभी राजेन्द्र को गए हुए टाइम ही कितना हुआ हैl पुलिस भी हम पर संदेह कर रही हैl

 

तो कब तक इस तरह रहेंगे?

 

कल वकील आकर राजेन्द्र की विल पढ़ने वाला है, उसके बाद देखते है, क्या करना हैl यह आवाज उमा की थींl अब  आवाजे धीमी हो गई और शिवांगी भी सावधानी से वहां से निकल गईl उसने रुद्राक्ष को फ़ोन किया,

 

सर हमे किशन बिश्नोई को एक बार फ़िर  पूछताझ के लिए बुलाना चाहिएl

 

क्यों ? क्या हुआ ?

 

उसने सारी बात रुद्राक्ष को बता दीl उसको बुलाने से पहले राजेन्द्र के वकील से मिल लोl उसके बाद देखते है कि क्या करना हैl

 

यस सर l उसने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा और गाड़ी कोर्ट की तरफ घुमा दीl

 

 

राघव के बुक में  जो चिठ्ठी रखी थीं, वो राघव के कमरे में  ही गिर गईl उसकी मैड कमरे में झाड़ू कर रहीं हैl तभी उसके झाड़ू  में एक छोटा सा लिफाफा आ गयाl उसने उसे गौर से देखा तो और वह लिफाफा उठाकर बॉलकनी में  बैठे दादाजी  की तरफ  चली गईl यह  राघव बाबा के रूम से मिला है ,उसने लिफाफा उन्हें  थमाते  हुए कहा l  दादाजी ने उसे ध्यान से देखते हुए, मैड को अपना चश्मा पकड़ाने के लिए कहाl वह उन्हें चश्मा पकड़ा गई और  वह लिफाफा खोलने में  लग गएl