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वो पल
जैसे ही रुद्राक्ष दरवाजा खोलकर अंदर जाने को हुआ, राजीव ज़ोर से चिल्ला पड़ा,
सर, आप पानी पीजिए मैं देखता हूँ I उसने पानी से भरा गिलास उसे पकड़ाया और खुद दरवाजा खोलकर अंदर चला गया I उसने देखा कि नंदनी दीवार से सटी हुई है I साड़ी पहनते वक्त, उसका हाथ लगने से टेबल पर रखी घड़ी ज़मीन पर गिर गई थीं I उसने उसे आवाज़ न करने का ईशारा किया और दो सेकण्ड्स में बाहर आकर बोला,
सर, वो घड़ी का बैलेंस ख़राब हो गया था इसलिए नीचे गिर गई थीं I
राजीव ने उसे देखा और पानी का गिलास थमाते हुए कहा,
अच्छा मैं चलता हूँ, थैंक्यू I उसने मुस्कुराकर उसे विदा किया I उसने जाते ही उसने चैन की साँस ली और नंदनी के पास जाकर बोला,
थैंक गॉड, तुमने अंदर से कुण्डी नहीं लगाई थीं, वरना आज तो बुरा फँसते I
मैंने बाहर से आती आवाजें सुन ली थीं, वैसे यह इंस्पेक्टर हमारा क्या उखाड़ लेता I
तुम्हें इन पुलिस वालो का पता नहीं है और वैसे भी यह मेरी बीवी से मिल चुका है I इसलिए तुम्हेँ मेरे साथ इस तरह देखकर उसे अच्छा नहीं लगता I फिर जबसे नैना किडनैप हुई है, पूरी सोसाइटी को यह संदेह की नज़रो से देखता हैं I
नंदनी ने प्यार से उसके गालों पर हाथ फेरा और उससे जाने की इज़ाजत लीं I उसने भी जाते वक्त उसके होंठ चूम लिए I
शाम को अभिमन्यु और प्रिया एक रेस्ट्रा में मिले, खाने का आर्डर करने के बाद उसने उसे बताया कि जतिन मुंबई गया हुआ है और उसने अपना जासूस उसके पीछे भेजा है I अभिमन्यु ने पानी का एक घूँट भरते हुए कहा,
मुझे नहीं लगता, तुम्हें कुछ मिलेगा I
पर मुझे यकीन है, कुछ न कुछ हाथ लगेगा ही I
अच्छा एक बात बताओ, अगर वो और नैना एकसाथ मिलें तो तुम क्या करोंगे?
मैं क्या करूँगा, जो करेंगी, पुलिस करेगी I वैटर उनका आर्डर टेबल पर रख गया और उसने खाना खाने की पहल भी कर दीं I
फ़िर भी वह तुम्हारी बीवी है I
मैं उससे तलाक लेकर तन्मय को अपने पास रखूँगा, और क्या कर सकता हूँ I मगर वो जतिन के साथ इतने दिनों तक क्यों होगी I
वही तो पता करना है, उसने भी खाने का एक निवाला लेते हुए कहा I
रात के नौ बज चुके हैं, तन्मय अपने घर में बैठा टी.वी. देख रहा है I तभी उसके घर की डोरबेल बजती हैं I वह दरवाजा खोलने से पहले की-होल से झाँककर देखता है तो सामने उसे अभिषेक नज़र आता है I वह दरवाजा खोल देता है I
अंकल आप!!
हाँ बेटा, कैसे हो तुम ?
ठीक हूँ I
नैना का कुछ पता चला?
नहीं अंकल, अभी तलाश ज़ारी है I उसने उसे घर के अंदर लाते हुए कहा I
वह हॉल में बिछे सोफे वह बैठते हुए बोला, "मुझे यकीन है, तुम्हारी मम्मी जल्द ही तुम्हारे पास होगी I तन्मय उसके लिए पानी लेने चला गया I उसने चारों और नज़र घुमाई और फ़िर खड़ा होकर इधर-उधर देखने लगा, उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे वो कुछ ढूँढ रहा है I तभी तन्मय को आता देखकर वह वहीं बैठ गया, उसने उससे पानी का गिलास लिया और उसे देखकर बोला,
बेटा, वो किताब जो मैंने भिजवाई थीं I उसका क्या किया?
अंकल, वो हमारे पास ही है I
अच्छा ! ज़रा दिखा सकते हो I दरअसल मैंन वो पढ़ी नहीं थीं, सोचा था कि पहले तुम्हारी मम्मी पढ़ लें, फ़िर मैं उनसे लेकर पढ़ लूंगा I तन्मय ने यह सुना तो किताब लेने अंदर चला गया I फ़िर थोड़ी देर बाद आकर बोला,
अंकल वो मेरे दोस्त राघव के पास है, मैं उसे कल वापिस लेकर देता हूँ, आपको I
तुम्हारे दोस्त के पास ??? वो क्या करेगा I
उसने मुस्कुराते हुए कहा, उसे बुक्स पढ़ने का शौक है I मैं थ्रिलर नोवेल्स पढ़ता हूँ तो वह रोमांटिक नोवेल्स पढ़ता है I एक्चुअली लिटरेचर उसका फवौरिट सब्जेक्ट है I मैं उसे लेकर कल आपको देता हूँ I अभिषेक ने पानी का एक घूँट पिया और खड़ा होते हुए बोला,
अच्छा तन्मय, अपना ख्याल रखना I लिफ्ट से निकलकर सोसाइटी के बाहर खड़ी अपनी कार की तरफ जाते हुए उसे अभिमन्यु प्रिया की गाड़ी से उतरते हुए दिख गया I वह प्रिया को मुस्कुराकर बाय ! कह रहा है I अभिषेक ने उसे घूरते हुए देखा, मगर उसका ध्यान उस पर नहीं है I वह अब अपनी गाड़ी में बैठ गया और गाड़ी उसने अपने घर की तरफ़ घुमा दी I
प्रिया को रास्ते में प्रतीक का फ़ोन आयाI उसने फ़ोन का स्पीकर ऑन कर दिया,
हाँ बोलो,
प्रिया जी, आपके पति जतिन ने यहाँ एक-दो फ्लैट खरीदे हैI
अच्छा !! कुछ पता चला क्यों ?
शायद एक में ऑफिस बनाना चाहते हैं और एक में रहना चाहते हैंI
कोई और भी है, उनके साथ?
फ्लैट तो उन्होंने अकेले ही देखे है, मगर बिल्डर से बात करके पता चला है कि आज शाम की फ्लाइट से कोई आने वाला हैI जिसे वो यह फ्लैट दिखाएंगेI
गुड, तुम मुझे आगे की खबर देते रहना I उसने फ़ोन काट दियाI बस अब जतिन का राज़ मेरे सामने आ ही जायेगाI प्रिया ने मुस्कुराते हुए कहाI
अपने फ़ोन की घंटी सुनकर उसने रास्ते में एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोक दी I
हेल्लो !!
किताब मिली? दूसरी तरफ से आवाज आई I
मिल जाएगी I
मिल जाए तो इसी में तुम्हारी भलाई है I
उस राजीव का क्या हुआ ?
उसे भी समझा दिया है, मुझे उम्मीद है कि वो कुछ नहीं बोलेगा और अगर बोलेगा तो...... वह ज़ोर से हँसने लगा और इसी तरह हँसते हुए उसने फ़ोन काट दिया I अब वह मुँह पर हाथ रखते हुए बोला,
उस किताब में रखी चिठ्ठी अगर किसी ने पढ़ ली तो गज़ब हो जायेगा I मैं उन बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता I खासतौर से उस तन्मय को क्योंकि वो नैना को प्यारा है और मुझे भी I मैं भी कितना बेवकूफ हूँ, मुझे पहले नैना को फ़ोन करना चाहिए था I तभी वो चिठ्ठी उसमे डालनी चाहिए थींI
ओह ! नैना ओह !! उसने स्टेयरिंग पर हाथ मारते हुए कहा, मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ I कितना प्यार ! जब पहली बार तुमसे मिला था, तभी तुमसे प्यार हो गया थाI पूरी प्लानिंग के साथ तुमसे दोस्ती की और जब पता चला कि तुम तो तुम किसी और की हों, मैं तब भी तुम्हें और तन्मय को अपनाने के लिए तैयार हो गया थाI मगर तुम जिसे अपना पति कहती हो, वो तो तुम्हारे जाने का ही इंतज़ार कर रहा था I काश ! मैं तुम उस दिन मेरी बात समझ पाती !!!!! अब उसकी आँखों के आगे उस दिन का दृश्य आ गया, जब वो नैना से मार्किट में मिला था और नैना उसकी गाड़ी में बैठ गई थीं I