Kiss and Safe Life - 7 in Hindi Love Stories by Alam Ansari books and stories PDF | किस एंड सेफ लाइफ - 7

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किस एंड सेफ लाइफ - 7

दोबारा मिल गई




हमे जयपुर आए पुरा एक दिन बीत गया था। सच कहते है, जयपुर बहुत ही खुबसूरत है राजिस्थानी बोली और उनका पहनावा दोनों ही कमाल के है । राजाओं महाराजो के बड़े बड़े महल जो हमे पुरानी यादों में ले जाते है ।




हम जयपुर किले में थे वहां की हार एक चीज को छु कर हम महसूस कर रहे थे उन एहसासों को जो कभी यहां रहने वाले लोग किया करते थे। हमारे बढ़ते कदम अचानक से रुक गए । हमे ऐसा लगा जैसे कोई हमारे पीछे पीछे चल रहा है , हमने पलट कर देखा वहां कोई नहीं था।




हम फिर से उन एहसासों में डूब गए और आगे की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए । ना जानें क्यों पर हमारा दिल जोड़ो से धड़क रहा था । " हमे ऐसा क्यों लग रहा है हमे कोई देख रहा है " हमने खुद से ही कहा और पीछे मुड़ कर एक बार फिर देखा । इस बार भी कोइ नही था । अपने सिर पर धीरे से मारते हुए हमने कहा " हम भी ना कुछ भी सोंचते है " ।




किले के दुसरे छोड़ पर ।




एक दिन बचा है , क्या करने की सोंची है तुने सना को परपोज करना है या नहीं " ऋषि ने पुछा तो मोहित ने कहा " करना तो है यार पर डरता हुं कहीं उसे खो ना दु "। "तु इसी डर में जीता रह और सना को कोई और ही ले जायेगा " ऋषि ने मोहित से कहा और चला गया। मोहित वहीं खड़ा सोंचता रह गया ।




सना जो किले के कॉरिडोर में घूम रही थी तभी पीछे से किसीने उसके कंधे पर हाथ रखा । हमने उस हाथ को अपने कंधे पर महसूस करते ही हम डर गए । हमारा डर सच हो गया। सच में हमारा कोई पीछा कर रहा है । बहुत हिम्मत कर हमने पीछे पलट कर देखा ।




निशा को सामने देख कर आंखे बंद कर हमने लंबी सांस ली । निशा ने हमारे चेहरे पर आए डर को देख लिया था । "क्या हुआ तु इतना डरी हुई क्यों है " निशा ने पुछा । कुछ नहीं , हम तुम्हें ही ढूंढ रहे थे । ये आयशा कहा है दिख क्यों नहीं रही हमे " हमने इधर उधर नजरे दौड़ाते हुए कहा ।




"आयशा किले के दुसरी साईड है , चलना यार कुछ पिक्स लेते है कितना सुंदर किला है ये " निशा ने चहकते हुए कहा। और हम दोनों पिक्स लेने लगे। किला से निकलने से पहले हमने कुछ ग्रुप फोटोस्ग्राफ भी लिए ।




सना जब किले से निकल रही थी । तो किला के उपरी हिस्से पर ब्लैक सूट पहने एक शक्श दोनों हाथ अपने अगल बगल वाले पिलर से टिकाए खड़ा था । और उस शख्स की काली भूरी आंखे सना को ही देख रही थी। तभी एक आदमी अर्जुन के पास आया । अर्जुन को एक मैमोरी कार्ड देते हुए उस आदमी ने कहा " सर इस कार्ड में मैम की सारी फोटोज़ है "। अर्जुन ने उस कार्ड को लिया और तभी राजू जो उन दोनों के पीछे खड़ा था नोटों का एक बंडल उस आदमी की तरफ उछाल दिया । नोट के बंडल को देख कर उस आदमी की आंखो में ऐसी चमक दिखी मानो उसकी आंखे क्रिस्टल की हों । वो आदमी पैसे लेकर वहां से चला गया ।

आदमी के जानें के बाद राजू ने कहा " चले अब हम भी " । अर्जुन बिना राजू की बातो का कुछ जवाब दिए चला गया।




एक दिन पहले दिल्ली में,




अर्जुन हमेशा की तरह अपने डेली रूटीन को फोलो करते हुए रेडी हो गया। पर जब से सना ने उसकी जिन्दगी में एंट्री ली थी । अर्जुन के बनाए रूल्स में कुछ बदलाव आ गए थे। अर्जुन कार ड्राइव कर रहा था और राजू उसकी बराबर वाली सीट पर बैठा था। जैसे ही अर्जुन ने टर्न लिया । राजू ने तुरंत पुछा" कहा जा रहा है , ये रास्ता तो नहीं है हमारे ऑफिस का "। अर्जुन ने बिना राजू की तरफ देखें कहा " यूनिवर्सिटी " । यूनिवर्सिटी क्यों , फिर सोंचते हुए आगे कहा "ओ ओ अच्छा सना से मिलने जा रहा है , पर शायद वो तुझे नहीं मिलेगी " राजू ने इतना ही कहा था के तभी अर्जुन ने उसकी बात सुनते ही कार के ब्रेक लगा दिए ।










अर्जुन ने अपनी कातिल आंखो से राजू को घुरा । राजू अर्जुन को ऐसे घूरता देख कर जल्दी से बोला " तु मुझे क्यों डरा रहा है । मैने थोड़ी ना कुछ किया है । ये सब तो तेरे दादा जी ही करते आ रहे थे हम तो बस उनके रूल्स को फोलो कर रहे है "। राजू की बातों पर अर्जुन ने सिर्फ इतना कहा " वो बता जो मैं सुनना चाहता हुं " । राजू ने किसे रट्टू तोते को तरह बोलना शुरू किया । "तेरी कम्पनी हर साल एक ट्रिप स्पॉन्सर करती है स्टूडेंट के लिए इस साल भी की है मुझे ऐसा लगता है सना शायद उस ट्रिप पर गई होगी "।




"पांच मिनट है तेरे पास कन्फर्म करके बता " अर्जुन ने कॉल्ड वॉइस में कहा। राजू ने तुरंत अपना फ़ोन निकाला और एक नंबर डायल कर दिया । कॉल रिसीव होते ही राजू ने कहा " मुझे उन स्टूडेंट की नाम की लिस्ट मेल करों जो ट्रिप पर गए है, तुम्हारे पास बस तीन मिनट है "। राजू की बात सुन कर वो दुसरी तरफ फ़ोन सुन रहा आदमी भी घबरा गया । पर राजू भी क्या करता अर्जुन ने भी तो उसे पांच मिनट का ही टाईम दिया था ।




फ़ोन की बीप की आवाज़ ने अर्जुन और राजू दोनों का ध्यान अपनी ओर किया। राजू ने जल्दी से मेल ओपन किया और उस लिस्ट में सना का नाम देखने लगा । अपने झुके हुए सिर को राजू ने उपर उठाया और अर्जुन की तरफ देखते हुए बोला " वो भी गई है "। अर्जुन ने कार स्टार्ट की और पुछा " विच प्लेस "।




"जयपुर" राजू ने डरते हुए कहा।




"तुझे वापस जाना है तो तु जा सकता है" अर्जुन ने कहा तो उसकी बातों पर राजू ने कहा " इसका क्या मतलब है, मुझे जाना है तो मैं जा सकता हुं "? "मैं जयपुर जा रहा हुं " "क्या " राजू ने अर्जुन की बातो पर चौंकते हुए कहा ।




प्रेजेंट टाईम जयपुर में ,




एशिया के नंबर वन बिजनेस मैन होने की वजह से ऐसा कोई शहर नहीं था जहां एसएसआर ब्रांच की होटल न हों । अर्जुन अपने ही होटल में रुका था अर्जुन का रूम होटल के टॉप फ्लोर पर था । राजू के अलावा किसी को भी उस फ्लोर रहने की परमिशन नहीं थी। अर्जुन का रूम काफ़ी ज्यादा लक्जरियस था । अर्जुन जिसके शरीर पर अभी सिर्फ़ एक ही कपड़ा था वो थी वो उसकी पेंट जो उसने पहनी हुई थी। बालकनी में खड़ा शर्टलेस अर्जुन सिगरेट के कस ले रहा था। अपनी सिगरेट खत्म कर अर्जुन रूम में आया और प्रोजेक्टर ऑन कर उसमे मैमोरी कार्ड लगाया ।

एक बड़ी सी स्क्रीन पर सना की फोटोज़ दिखने लगी । जो उस आदमी ने अर्जुन के कहने पर खींची थी । वो आदमी सच में एक अच्छा फ़ोटो ग्राफर था । उसने सना की फोटोज़ इतनी खूबसूरती से क्लिक की थी कि वो हर एक फ़ोटो में कमाल की लग रही थी।




किसी फ़ोटो में सना के बाल उसके चेहरे पर थे तो किसी में सना का दुपट्टा उड़ रहा था जिसे वो संभाल रही थी। कुछ फोटोज़ में सना ने अपनी आंखों को एक हाथ से ढंका हुआ था सूरज की रोशनी से बचने के लिए । वो उन फ़ोटो में और भी ज्यादा खुबसूरत लग रही थी।










जैसे जैसे अर्जुन सना की फोटोज़ को देखता जा रहा था उसके दिल को सुकुन सा मिल रहा था । वो दिल जो अर्जुन के सीने में था ही नहीं । हां आपने सही पढ़ा अर्जुन के सीने में उसका दिल नहीं था । ऐसा क्यों हैं ये हमे आगे चैप्टर्स में पता चलेगा । जिस होटल में सब रुके थे उसके गार्डन में बोर्न फायर के इर्द गिर्द सभी घेरा बना कर बैठे अंगताकश्री खेल रहे थे। "यार मोहित कितना फट्टू है तु अब तो बोल दे यार तु उससे प्यार करता है । कल हम सब वापस जानें वाले है बस आज की रात ही है हमारे पास " ऋषि ने मोहित से कहा ।




मोहित को सना के प्यार में कॉलेज के पहले दिन से ही था । पर उसकी आज तक हिम्मत नहीं वो सना से कह सके की वो उससे प्यार करता है । वो सना को खोना नहीं चाहता था और इसी वज़ह से उसने आज तक सना को परपोज नहीं किया ।




रात की सुबह हो गई थी और सब शोपिंग करने में बिजी थे । "वैसे इन दो दिनों में बहुत मजा आया यार हमने कितना सारा टाईम स्पेंट किया न साथ में " आयशा ने खुशी से कहा ।




"इससे भी ज्यादा मजे तो मैने और सना ने दी की शादी में किए थे, तुने मिस कर दिया " निशा की बातो पर आयशा ने मुंह बनाते हुए कहा " मुझे आज भी अपने पापा पर बहुत गुस्सा आता है , उन्हें उसी दिन मुझे अपने साथ लेकर जाना था"। निशा और आयशा दोनों अपनी बातों में लगे हुए थे तो वहीं शादी की बात सुनते ही सना को वो रात याद आ गई और वो आदमी भी जिसे उसने अपनी सांसे देकर बचाया था। उसे एक अजीब सी बैचैनी ने घेर लिया ।

हमे इतना अजीब क्यों लग रहा है । खुद से ही कहते हुए हमने अपने मन में चल रहे ख्यालों को एक तरफ झटका और वापस से शॉपिंग करने लगें। शॉपिंग के बाद घूमना और होटल वापस आने से पहले भी शॉपिंग करने में टाईम कब बीत गया पता ही नहीं चला ।




थके हारे हम पांचों वापस अपने होटल पहुंचे जहां वो सभी बाकी स्टूडेंट्स के साथ रुके थे। होटल पहुंच कर हमे पता चलता है की हमारी बस एक घण्टे पहले ही दिल्ली के लिए निकल चुकी है । यार ऐसा थोड़ी होता है , हमे छोड़ कर कैसे जा सकते हैं वो सब " निशा ने चिल्लाते हुए कहा । ऋषि और मोहित दोनों ड्राइवर और प्रोफेसर से कॉन्टेक्ट करने की कोशिश में लगे थे। "अब क्या करेंगे हम " आयशा ने दोनों हाथ सिर पर रखते हुए कहा ।




हम तो खुद सोंच में डूबे हुए थे अब क्या होगा कैसे हम सब जायेंगें " । हम सभी अपना अपना बैग लिए होटल के लॉन में खड़े थे। तभी आयशा ने चिल्लाते हुए कहा " गाइज वहा देखो " हम सभी आयशा ने जिस तरफ उंगली पॉइंट की थी वहा देखने लगे थे । "ये तो ए एस आर है" मोहित ने कहा ।




"हां देखने से तो वहीं लग रहे है " ऋषि ने कहा ।




"क्या हम इनसे हेल्प ले वैसे भी ये हमारे कॉलेज के मैन ट्रस्टी है " निशा ने कहा । "कोशिश करके देख सकते है " हमने कहा । तभी आयशा ने कहा " वो हमे तो नही पहचानते पर तुझे पहचानते होंगे सना । तु प्लीज जा कर उनसे बात करना " ।




"हम कैसे करें बात उनसे, हमे थोड़ी ना पहचानेंगे वो । "नहीं यार तुझे पहचान जायेंगें । तुझे उन्होंने गिरने से भी तो बचाया था दो दिन पहले " ।




हमारे बार बार मना करने पर भी निशा और आयशा ने दोनों ने जबरदस्ती हमे धक्का देकर आगे कर दिया। अर्जुन सर अपनी कार के पास खड़े फोन पर किसी से बाते कर रहे थे । उनसे कुछ दुरी पर एक और शक्श खड़ा था । हम डरते हुए उनके पास गए और उनके पीछे खड़े हम उनके कॉल कट होने का इन्तजार करने लगे ।




करीब पांच मिनट तक खड़े रहने के बाद वो कॉल कट करके पिछे मुड़े । उनका चेहरा और दो रंग वाली आंखे देख कर हम तो भुल ही गए हमे बोलना क्या था। उन्होंने सवालियां नजरों से हमे देखा और खुद ही हमसे पूछा " हू आर यू "। उनका इतना कहना था की हम अपनी कंजी आंखो को बड़ा कर उन्हें देखने लगे और फिर हमने तिरछी नजरों से दोनों को घुरा जो हमे देख कर दांत दिखा रही थी।




"एक्सक्यूज मि , मैं आपसे कुछ पुछ रहा हुं , आप कोन है और मेरे रास्ते में ऐसे क्यों खड़ी है " अर्जुन जान बुझ कर सना को न पहचानने का नाटक कर रहा था। जबकि ये सब अर्जुन का ही किया धरा रहा था।

"सर आपको याद है आप दो दिन पहले एक कॉलेज में गए थे फंक्शन अटेंड करने " हमने उन्हें याद दिलाते हुए कहा । "हां याद है " अर्जुन ने कहा ।




हमने उन्हें सारी बातें दी और अभी जिस प्रॉब्लम के हम फंस गए थे वो भी बता दिया । उनसे कुछ दूरी पर खड़ा राजू अर्जुन और सना की बातें सुन कर हैरानी से मुंह खोले अर्जुन को देख रहा था और उसे देख कर मन ही मन बोला " क्या एक्टिंग करता है ये इसे तो बिजनेस मैन नहीं एक्टर होना चाहिए" ।










सना ने हाथों से इशारा कर अपने दोस्तों को आने के लिए कहा । वो सभी अपना सामान उठाए उनके पास गए । ऋषि और मोहित को देख कर अर्जुन ने अपनी भौंहे सिकुड़ ली ।




वो सभी कार में बैठने लगें तभी राजू ने कहा " आप सब एक कार में नहीं आ सकते। आप सब दुसरी कार में जा कर बैठिए ये अर्जुन की कार है । राजू के कहने पर मोहित ऋषि आयशा और निशा चारों दुसरी कार में बैठ गए । जैसे ही सना बैठने को हुई तभी राजू ने कहा " उस कार के सिर्फ चार लोग ही बैठ सकते है " राजू की बातों पर मोहित ने कहा " ठीक है सना तु इसमें बैठ जा मैं इनके साथ दुसरी कार में आता हुं "।




मोहित की बातें सुन कर राजू ने मन ही मन खुद से कहा " अरे क्यों मेरे प्लैन की वाट लगा रहा है कितनी मुश्किल से तो मैने ये सब अरेंज्ड किया है "। *******




❤️❤️❤️




अब क्या करेगी सना ?




क्या राजू का प्लैन कामयाब हो पायेगा ?




क्या अर्जुन के इरादों के बारे में सना जान पाएगी ?

To be continued...




आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " heartless demon " और बने रहिए कहानी पर।।




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Thank you 🥰🥰🥰




See you in the next chapter till then take care...




Bye 👋 👋