दुपट्टे वाली लडकी
अर्जुन ऑटो को ओवर टेक कर बिच सड़क पर अपनी कार रोक कर खड़ा था । वो कार से टेक लगाए दोनों हाथ बांधे आंखों पर ब्लैक शेडस लगाए खड़ा था। ऑटो जब उससे कुछ दुरी पर रुका तो अर्जुन ने अपने कदम ऑटो की तरफ बढ़ाए । अर्जुन ने पास जा कर झुक कर ऑटो के अंदर देखा तो वो ऑटो खाली था। । अर्जुन ने गुस्से में अपनी मुठ्ठी को कस कर बन्द किया और ऑटो वाले को अपनी गुस्सैल आंखो से देखते हुए कहा " वो लड़की कहा है जो इस ऑटो में थी"। ऑटो वाले ने अर्जुन के गुस्से से डरते हुए कहा " वो लड़की तो बीच रास्ते में ही उतर गई उसकी सहेली उसे लेने आई थी"।
अर्जुन ने गुस्से से अपना हाथ ऑटो की छत पर मारा और चला गया। राजू ने अर्जुन को गुस्से में देख कर कहा " क्या हुआ वो ऑटो में नहीं थी किया " । अर्जुन ने न कहा और ड्राइव करने लगा । इधर निशा की स्क्यूटी पर बैठी सना ने कहा " थैंक्यू सो मच हमे टाईम से कॉलेज पहुंचाने के लिए और प्रोफेसर शर्मा की डांट से बचाने के लिए भी " । निशा ने मुंह बनाते हुए कहा " ये फॉर्मेलिटी किसी और के साथ किया कर मेरे साथ नहीं " । सना ने इसी की बात पर ओके कहा और अंदर चली गई ।
कॉलेज के अंदर फेस्ट की तैयारी जोड़ों शोरो से चल रही थी । । दो दिन बाद ही फेस्ट था तो सना भी अपनी स्पीच याद करने में लगीं थी । सना को भी दो दिन बाद स्टेज पर खड़े होकर स्पीच देनी थी। रिचा मैडम ने भी स्पीच के लिए सना को ही चुना था।
दुसरी तरफ ए एस आर कॉर्पोरेशन में ,
आलिशान कैबिन में राजा की तरह बैठा अर्जुन अभी भी सना के बारे में ही सोंच रहा था।
"यार ये क्या किया। हो गया ना एक करोड़ का नुकसान " राजू ने झल्लाते हुए कहा । अर्जुन ने बिना किसी भाव के कहा " एक क्या मैं सौ करोड़ का नुकसान झेल सकता हूं उसके लिए "।
राजू ने अर्जुन को अजीब नज़रों से देखा उसे अर्जुन को इस तरह बदलते देख कर उसे पहले की बातें याद आने लगीं । " इसके लिए पहले पैसा ही सब कुछ था पर आज ये लड़की उसके पैसे से बढ़कर हो गई" राजू ने सोंचते हुए खुद से कहा । राजू अर्जुन से कुछ कहता के तभी उसका फ़ोन रिंग हुआ । राजू ने अपने फ़ोन की स्क्रीन को देखा जिस पर अन्मय का नाम फ्लैश हो रहा था। कॉल रिसीव करते ही राजू ने कहा " कुछ पता चला "। कॉल के दुसरी तरफ से अन्मय ने कहा " एक आदमी लगा है हमारे हाथ " । राजू ने स्माइल करते हुए कहा " गुड , हम अभी आ रहे है "। कॉल कट करते हुए राजू ने अर्जुन से कहा " एक आदमी मिला है जिसने तेरी गाड़ी के ब्रेक फैल किए थे "।
अर्जुन के हाथ में वाईन का ग्लास था राजू की बात सुन कर उसने ग्लास को इतनी जोर से पकड़ा की वो टूट कर निचे सौ टुकड़ों में बिखर गया । अर्जुन बिना कुछ बोले उठा और चला गया । राजू भी उसके पीछे पीछे चला गया।
रायजादा मैंशन में ,
माया ( अर्जुन की मां ) हॉल में टहलते हुए बार बार मैन डोर की तरफ ही देख रही थी। उनके चेहरे पर परेशानियों के भाव साफ झलक रहे थे । माया को इतनी टैंशन में देख राधिका ने कहा " भाभी आप इतना परेशान क्यों हो रही है " । राधिका जगदीश की पत्नी थी और अर्जुन की चाची ।
माया ने राधिका की बातों का जवाब देते हुए कहा " परेशानी की तो बात होगी ना राधिका उन्हें अब तक आ जाना चाहिए था। अभी तक नहीं आई वो सब "।
"भाभी ट्रैफिक में फंस गई होंगी आ जायेगी आप यहां आराम से बेठीय" राधिका ने माया को बैठाते हुए कहा । तभी मैन डोर से अंदर आते हुए कुछ लोगों पर माया की नज़रे गई और माया के होठों पर एक स्माइल आ गई।
दुसरी तरफ जब अर्जुन और राजू दोनों फॉर्महाउस पहुंचे तो अन्मय की गन पॉइंट पर एक आदमी बैठा था । अर्जुन को देख कर अन्मय खड़ा हो गया । अर्जुन उस आदमी के सामने बैठते हुए बोला " ज्यादा टाईम नहीं है मेरे पास इसलिए तुझे तीस सेकंड दे रहा हुं , किसके कहने पर तुने मेरी कार के ब्रेक फेल किए "। अर्जुन की गुस्से से लाल आंखो को देख कर वो डर से कांपते हुए बोला " मैं नहीं जानता उस आदमी को मुझे इस काम के लिए दस लाख मिले डील और बाकी सारी बातें कॉल पर ही हुई थी " ।
राजू ने गुस्से से कहा " एशिया के नम्बर वन बिजनेस मैन के मौत की कीमत सिर्फ दस लाख क्या मजाक है ये । अब सीधे सीधे सारी बातें बता वरना तेरा ये दुनियां छोड़ना तय है आज " राजू की बाते सुन कर वो आदमी और डर गया और कांपती हुई आवाज़ में कहा " मैं नहीं जानता सर मैं सच में कुछ नहीं जानता वो कॉल भी प्राइवेट नंबर से आते थे " उस शक्श ने इतना ही कहा था के तभी गोली की आवाज़ ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा । अर्जुन की गन से निकली बुलेट ने उस आदमी की जान लेली थी ।
"जब किसी काम के नहीं हों तो जिन्दा रह कर क्या करते "।
अर्जुन जो डेविल पर्सनेलिटी का इनसान था वो एक सेकंड की भी देरी नहीं करता था अपने दुश्मनों की जान लेने में । उस आदमी के खून की छींटे अर्जुन के चेहरे पर पड़ी थी। अर्जुन अपनी जेब से अपना रुमाल निकाल कर अपने चेहरे पर से खून की छींटे साफ करने लगा । तभी उसका फोन रिंग हुआ अर्जुन ने कॉल पिक करते हुए हेलो कहा ।
दुसरी तरफ बोल रहे शख्स की बाते सुन कर अर्जुन की मुठ्ठी फोन पर कस गई और आंखों और गुस्सा दर्द दिखने लगा । अर्जुन बिना एक पल की देरी किए चला गया। राजू और अन्मय हैरानी से आंखे बड़ी किए अर्जुन को जाते हुए देखते रह गए । अन्मय ने राजू से पुछा" इन्हें क्या हुआ । राजू ने कहा " पता नहीं यार और वो भी अर्जुन के पीछे पीछे चला गया ।
जेएनयू कॉलेज के कैंटिन में ,
सना अपने तीनों दोस्त के साथ बैठी थी और समोसे खाते और कॉफी पीते हुए फेस्ट के बारे में ही बात कर रही थी। कॉफी के साथ समोसे थोड़ा अजीब है पर क्या करें चाय सना को कुल्हड़ वाली पसंद है और कैंटिन में कुल्हड़ वाली चाय मिलती नहीं तो सना कॉफी से ही काम चला रही थी । तभी आयशा हाफ्ते हुए उनके पास आई और दोनों हाथ कमर पर रख कर झुकते हुए लंबी लंबी सांसे लेते हुए आयशा ने कहा " गाइज एक गुड न्यूज़ है । फेस्ट के नेक्स्ट डे कॉलेज वाले हमे एक छोटे से ट्रिप पर भेज रहे है दो दिन के लिए जयपुर " । आयशा की बाते सुन कर निशा ऋषि और मोहित तीनों ऐसे खुश हुए मानो उनकी पचास लाख की लॉटरी लग गई हो ।
निशा ने सना चेहरे पर तनाव देख कर कहा " क्या हुआ तु क्यों ऐसे मुंह लटकाए बैठी है " । आयशा ने कहा " तु क्या खुश नहीं इस ट्रिप को लेकर"। तभी ऋषि ने कहा " अरे नहीं यार ये इसलिए परेशान है अंकल शायद इसे परमिशन नहीं देगें ट्रिप पर जानें की " । तीनों को बाते सुन कर सना ने खीजते हुए कहा " ये बात नही है यार " । तो क्या बात है बताना हमे यार " मोहित ने शांत और सहजता से पुछा । तो सना ने रुआनी आवाज़ में कहा "मेरे असाइनमेंट कंप्लीट नहीं है यार " । "ओ ओ तो ये बात है " चारों ने एक साथ कहा । "हां यहीं बात है " सना ने लगभग रोते हुए कहा ।
"ज्यादा परेशान मत हो मेरी जान अभी दो राते है जाग कर कंप्लीट करले अपने असाइनमेंट " निशा की बातों पर सना ने कहा " तुझे पता है ना हमे सोना कीतना पसंद है कैसे जागेंगे हम " । आयशा ने कहा " वो तु हम पर छोड़ दे"। गाइज वैसे एक बात पता है तुम्हें ये ट्रिप ना हमारे कॉलेज के मैन ट्रस्टी ने स्पॉन्सर की है " आयशा ने फिर से कहा और उसकी बाते सुन कर सब खुश हो गए ।
अर्जुन जब रायजादा मैंशन में एंटर हुआ तो उसने अपनी परेशान नजरो को चारों तरफ दौड़ाया उसकी नजरों का सफर माया पर जा कर रुका । अर्जुन माया के पास आया और उसे गले लगाते हुए पुछा " आप ठिक तो है ना मां " ।
"हां मैं बिल्कुल ठीक हूं " माया के कहा ।
"आप ठिक है तो वो फोन " अर्जुन को बीच में रोकते हुए माया ने कहा " मैने ही राधिका से कहा था झूठ बोलने के लिए "।
"पर आपको झूठ बोलने की क्या जरूरत थी मां वो भी ऐसा झूठ " अर्जुन को फिर से बिच में रोकते हुए माया ने कहा " झूठ नहीं बोलती तो क्या सच सुन कर तु यहां आता " माया ने हॉल में बैठी लड़कियों को देखते हुए कहा । अर्जुन ने अपनी मां की नजरों का पीछा कर उन लड़कियों को देखा करीब बीस लड़कियां सोफे पर बैठी आंखो में चमक लिए अर्जुन को देख रही थी। वो सभी एक दुसरे से कंपटीशन कर रही थी और अपने आपको एक दुसरे से बेहतर दिखाने की कोशिश में लगीं थी। उनका दिल अर्जुन को देख कर जोड़ों से धड़क रहा था वो मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रही थी अर्जुन एक नजर उन्हें देखले "।
अर्जुन ने अपने गुस्से पर कंट्रोल कर शान्त लहजे में कहा " मैने आपसे कितनी बार कहा है ये सब मत करिए मुझे नहीं करनी शादी "।
"पर बेटा "
"पर वर कुछ नहीं मां । मैं जा रहा हूं और आगे से मुझसे ऐसा झूठ मत बोलना " अर्जुन अपनी बात कह कर बिना माया की बाते सुने चला गया । अर्जुन के जाते ही राजू आया और माहौल देख कर समझ गया वहां क्या हुआ है । राजू भी बीना कुछ कहे वापस चला गया। वो सभी लड़कियां भी मुंह बनाते हुए चली गई। माया सोफे पर बैठ गई और खुद से ही बोली " क्या मेरा अर्जुन कभी शादी नहीं करेगा क्या जिन्दगी भर अकेला ही रहेगा " माया को समझाते हुए राधिका ने कहा " अर्जुन की शादी होगी भाभी आप ऐसा क्यों सोंच रही है । मैं कुछ कहूं भाभी अगर आप बुरा ना माने तो " राधिका ने झिझकते हुए कहा ।
"हां कहो राधिका " माया ने कहा । भाभी आपने मेरी बहन की बेटी सुनैना को देखा ही है वो लंदन से अपनी पढ़ाई पुरी करके कल ही इंडिया आई है और सुनैना बचपन से अर्जुन को जानती है और उसे पसंद भी करती है , आप कहे तो मैं उसे यहां बुला लू " राधिका की बातो पर माया ने खुश होते हुए कहा " हां क्यों नहीं। मुझे तो बस ऐसी लड़की चाहिए अर्जुन के लिए जो अर्जुन का अकेलापन दूर कर उसके दिल में अपनी जगह बना सकें उसे बहुत प्यार कर सके" ।
सना का घर ,
"लगातार डोर बैल बजने की आवाज़ सुन कर खाना खा रही सना ने उठते हुए कहा" हम देखते है कोन है "। "कोन है " कहते हुए सना ने डोर ओपन किया तो उसके सामने दो शैतान लड़कियां खड़ी थी जिन्हें देख कर सना खुद को चीखने से रोक नहीं पाई और सना ने चिखते हुए कहा " तुम दोनों यहां क्या कर रही हों "। निशा और आयशा ने जबरदस्ती सना को धक्का देकर अंदर आते हुए बोली " तेरी हेल्प करने आए है "। कहते दोनों डाइनिंग टेबल के पास गई और अपनी अपनी चेयर पीछे कर बैठते हुए बोली " आंटी आज हम नहीं दो दिन तक हम यहीं रहने वाले है " । दोनों की बातें सुन कर अहद ने कहा " बेटा ये भी तुम दोनों का ही घर है जब तक रहना चाहो तब तक रहो कोई तुमसे कुछ नहीं कहेगा "।
जन्नत ने भी सना के हिस्से का सारा प्यार दोनों के उपर लुटाते हुए कहा " बेटा तोड़ा और लो और अच्छे से खाओ तुम दोनों कितनी कमजोर लग रही हों " ।
दो दिन बाद ,
बैंच पर बैठी सना बार बार झपकियां ले रही थी। नींद जैसे सना का साथ छोड़ने को तैयार ही नहीं थी। सना ने खीजते हुए खुद से कहा " निशा आयशा हम तुम दोनों को छोड़ेंगे नहीं दो रातों से तुम दोनों ने हमे सोने नहीं दिया । अगर ये नींद हम पर ऐसे ही हावी रही तो हम स्पीच और परफोर्म कैसे करेंगे " ।
"आज तु रहने दे मैं ड्राइव करता हुं " राजू कहते हुए ड्राइविंग सीट पर बैठ गया । अर्जुन के बैठते ही राजू ने कार स्टार्ट कर दी । अर्जुन अपने टैब में काम कर रहा था ब्रेक लगने पर अर्जुन ने अपनी नजरे टैब से हटा कर सामने देखा ।
"ये कहा ले आया तु मुझे सामने का नजारा देख कर अर्जुन ने राजू से कहा । "तु यहां हो रहे फंक्शन का आज चीफ गेस्ट है " इसलिए तुझे यहां लेकर आया हुं " राजू की बातों पर अर्जुन ने कहा " तुझे मेरी एक एक सेकंड की कीमत पता है ना फिर भी तु ये चाहता है, मैं अपना करोड़ों का लॉस कर इस कॉलेज के बकवास फंक्शन को अटेंड करू " ।
"मैं नहीं चाहता ऐसा मां चाहती है उनका फोन आया था उनके कहने पर ही मैं ये सब कर रहा हुं " । मां का नाम सुन कर अर्जुन चुप हो गया।
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❤️❤️❤️
कोन थे वो लोग जो अर्जुन को मारने के लिए चाले चल रहे थे?
क्या इस बार सना और अर्जुन की मुलाकात हो पाएगी ?
To be continued...
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " किस एंड सेफ लाइफ" और बने रहिए कहानी पर।।
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See you in the next chapter till then take care...
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