Kya Ekant hi sukh hai ? - 4 in Hindi Motivational Stories by Poonam Kuhar books and stories PDF | क्या एकांत ही सुख है ? - 4

Featured Books
  • चाळीतले दिवस - भाग 6

    चाळीतले दिवस भाग 6   पुण्यात शिकायला येण्यापूर्वी गावाकडून म...

  • रहस्य - 2

    सकाळ होताच हरी त्याच्या सासू च्या घरी निघून गेला सोनू कडे, न...

  • नियती - भाग 27

    भाग 27️मोहित म्हणाला..."पण मालक....."त्याला बोलण्याच्या अगोद...

  • बॅडकमांड

    बॅड कमाण्ड

    कमांड-डॉसमध्ये काम करताना गोपूची नजर फिरून फिरून...

  • मुक्त व्हायचंय मला - भाग ११

    मुक्त व्हायचंय मला भाग ११वामागील भागावरून पुढे…मालतीचं बोलणं...

Categories
Share

क्या एकांत ही सुख है ? - 4

तुषांत बहोत खुश था की उसे अवि के रूप में भाई मिल गया और मम्मी पापा को अवि के रूप में एक बेटा । इसके विपरित तुषांत इस बात से अनजान था की उसकी जिंदगी में आगे कितनी कसोटिया और चुनौतियां आयेगी उसे पीछे खींचने के लिए । यह जानने के लिए कहानी को पढ़िए __

तुषांत सुबह जल्दी उठता था और उठकर स्नान करता फिर घर वालो के लिए चाय बनाकर उन्हें उठाता था । तुषांत का ये डेली लाइफ रुटीन बन गया क्योंकि वह एक संस्कारी समझदार बालक था जो की घर वालो की सेवा करना अपना परम कर्तव्य मानता था ।

अगले दिन सुबह जल्दी उठकर , स्नानकर और फिर चाय बनाकर अपने घर वालो को चाय पिलाता हैं । फिर वह अवि से बोलता हैं की तुम कभी स्कूल गए हो क्या ?
अवि कहता हैं की हा मम्मा मुझको स्कूल छोड़ने आती थी और मुझे खुद से पढ़ाई भी करवाती थी ।
फिर तुषांत बोलता हैं की जल्दी से तैयार हो जाओ। आज तुम्हे नए स्कूल में नए दोस्तो से को मिलना हैं ।

फिर अवि जल्दी से तैयार होकर तुषांत के साथ स्कूल जाने के लिए चल देता हैं और वहा पहुंचते ही सबसे पहले तुषांत अवि का new स्कूल में admission करवाता हैं । फिर वह उसे class रूम में ले जाकर नए दोस्तो से मिलाता हैं ।

उसके बाद तुषांत अवि के क्लास टीचर से बोलता हैं की आप अवि का ध्यान रखना यह थोड़ा सा नादान , मासूम बच्चा हैं । फिर क्लास टीचर बोलता है की आप चिंता न करे में अवि पर अच्छे से ध्यान दूंगा और उसे अकेलापन महसूस नही होने दूंगा ।
तुषांत बोलते हुए - धन्यवाद आपका 🙏🏻🙏🏻

ऐसा बोलकर तुषांत वहा से चल देता हैं और घर पहुंचकर भोजन करने के पश्चात कोचिंग जाने के लिए अपने मम्मी पापा की अनुमति लेता हैं ।

तुषांत की कोचिंग उसके गांव से 10 km दूर एक शहर मुजफरनगर था वहा थी । वह कोचिंग में जाने के लिए साइकिल का सहारा लेकर जाता था क्योंकि उसके पास इतने पैसे नही थे जिससे उसके घर वाले उसे बाइक खरीदकर दे दें ।

तुषांत सोचता हैं की अब मेरे उप्पर जिमेदारिया बढ़ गई है और अवि की पढ़ाई का खर्चा इसके साथ मेरी कोचिंग का खर्चा भी होंगा जो मम्मी पापा से पूरा नही होगा इसके लिए में कोई पार्ट टाइम जॉब करू तो अच्छा रहेगा ।

फिर तुषांत अपने घर से कोचिंग के लिए जाता हैं और उसकी कोचिंग 4 घंटा की होती हैं । वह अपनी कोचिंग अटेंड करने के बाद 3,4 जगह पार्ट टाइम जॉब के लिए जाता हैं तो वो बोलते हैं की आपको 1,2 दिन में बताएंगे यदि में किसी की ज़रूरत पड़ेगी तो ।

तुषांत कोचिंग के बाद सीधा अपने घर आता । फिर खुद पढ़ता और साथ में अवि को भी पढ़ाता था । उसके बाद खाना खाने के बाद उसने अपनी स्टोरी लिखने की सोची। वह सोचता है की में अपने "स्टोरी राइटिंग" से किसी का मनोरंजन कर सकू तो इससे बड़ी बात क्या होगी और इससे मुझे भी कुछ सीखने को मिलेगा जिससे में बेहतर से बेहतरीन की तलाश में खुद के विचार , भावनाओं , कल्पनाओं , मनन ,चिंतन कर एक बेहतरीन *स्टोरी राइटिंग* करके इसे लोगो तक पहुंचने में सक्षम हुआ तो मेरी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी ।

आगे तुषांत खाना - पीना करने के बाद रात के 9 बजे के बाद अपने घर के बरामदे के बाहर अपनी नोटबुक ,पेन साथ लेकर स्टोरी राइटिंग करने लग जाता हैं ।
(अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने की सोच रखते हुए)

तुषांत इस बात से अनजान था की उसकी खुशिया थोड़े समय के लिए हैं क्योंकि उनकी खुशियों में नजर बैठाए उसका कॉलेज का टीचर रविकांत तुषांत पर नजर रख रहा था। क्योंकि रविकांत से जब तुषांत मिलकर जाता है तो रविकांत को दर लगने लगता हैं की यदि तुषांत अपनी राइटिंग के माध्यम से एक अच्छा राइटर बन गया तो पूरी दुनिया को पता चल जायेगा की मैने तुषांत की स्क्रिप्ट चुराकर उसे अपना नाम दे दिया हैं । जिसके कारण मेने जो वर्षो से इज्जत रूपी पूंजी कमाई हैं वो मिट्टी में मिल जायेगी और मेरा काम तमाम हो जायेगा ।

इस बात का डर रविकांत को सताए जा रहा था जिसके कारण उसने तुषांत पर नजर रखनी शुरू कर दी और उसे पता चल गया की तुषांत ने राइटिंग करना शुरू कर दी हैं ।
इसके साथ ही वह मुजफ्फरनगर में कोचिंग करता था ।

कुछ दिनों के बाद तुषांत के पास कॉल आता है की आपने हमारे यहां पे पार्ट टाइम जॉब के लिए जो आवेदन किया है वो हमने स्वीकार कर लिया हैं क्योंकि हमे आप जैसे कर्मठ , पढ़े लिखे टीचर की जरूरत हैं जो बच्चो को अच्छे से ट्यूशन पढ़ा सके।

फिर उसके बाद तुशांत ने उस ट्यूशन में पढ़ना शुरू कर दिया था । तुषांत अपनी कोचिंग पूरी करने के बाद एक घंटा इस ट्यूशन में math पढ़ाने जाता था और ट्यूशन पूरा करने के बाद जब घर आते तो उसे शाम हो जाती थी ।

ऐसा डेली रूटीन चलता गया फिर एक प्रेमां नाम की लड़की ने ट्यूशन ज्वाइन किया जो की 12 वी क्लास में पढ़ती थी और यहां math की ट्यूशन करने के लिए आना शुरू कर दिया ।

धीरे- धीरे तुशांत और प्रेमा एक दूसरे के बारे में जानने लगे क्योंकि तुषांत उसेmath पढ़ाता था जिससे उनमें जान - पहचान हो गई ।

इस तरह से ये दोनो एक दूसरे को मन ही मन पसंद करने। फिर एक दिन प्रेमा ने तुषांत के पास जाकर उसे propose करने लगी की में आपको बहोत पसंद करती हु पर आपको कभी बताया नही, मुझे डर लगता की आप मुझे पढ़ाना छोड़ दोंगे और मुझे डांटोगे ।
पर अब मुझसे रहा नही गया इसलिए आपको बोल दिया और आपको जो अच्छा लगे वो ही करना ।

प्रेमा की बात सुनकर तुषांत के चेहरे पर एक नई चमक सी आ जाती हैं और वो मुस्कुराकर बोलता है की पसंद तो एम भी तुझे करता हु पर कभी बोल नही पाया । आज तुमने जो बात बोली है। जो मेरे दिल को बहोत सुकून दे रही हैं ।
तुषांत बोलता हैं की अब हम पूरी जिंदगी साथ रहेंगे । क्या तुम मेरे साथ रहना पसंद करोगी । प्रेमा हंसकर बोलती हैं जी जनाब ___

तुषांत की जिंदगी का ये नया चैप्टर उसे किस मोड़ पे ले जायेगा इस बात से तुषांत अनजान था।
इसलिए आप तुषांत की life में आगे क्या होता हैं ये जानना चाहते हो तो अगला भाग जरूर देखना ।

Please आप मुझे follow करके मेरे नोबेल को रेटिंग जरूर देना ।

थैंक यू सभी का ___
🙏🏻🙏🏻🙏🏻