get along with in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | सजना साथ निभाना

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सजना साथ निभाना

1.
कौन है जिसको नज़रों में फिर छुपाने लगी हो
लोग कहते है ग़ज़ल तुम भी मुस्कुराने लगी हो
फिर मोहब्बत का असर तुम पे आ गया शायद
या देख ख़्वाब तुम कहानी कोई बनाने लगी हो

2.
सुना है वो कह कर गये है के अब तो हम,
सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मैं ही आएँगे,
कोई कह दे उनसे की वो वादा कर ले हम से,
ज़िंदगी भर के लिए हम सो जाएँगे…

3.
नजर मिली जो पल भर उससे,
दिल की धड़कन डोल गई,
बंद पड़े दिल के दरवाजे शय,
कोई तो खोल गई,
दो राहे अनजान मोड़ पर आकर यू,
टकराए के खामोश रहे लब मेरे उसके,
नजरे सब कुछ बोल गई...

4.
अगर हो हमसफर
तुम्हारे जैसा,
फिर मंजिल की
परवाह कौंन करें,
अगर मिल जाये जगह
तुम्हारे दिल में,
फिर जन्नत की
चाहत कौन करें...

जन्नत की तलाश तो उन्हे होती है
ज़िन्हे जन्नत की परवाह होती है

मेरी जन्नत तो आपसे शुरू
और आप पर खत्म होती है...

5.
ऐसा नहीं कि दिल में तेरी
तस्वीर नहीं थी,पर हाथो में
तेरे नाम की लकीर नहीं थी
तेरे खुशियों के हमसफर हम
नहीं तेरे दर्द की हमराही हूं मैं,
जो कभी खत्म ना हो वो मोहब्बत
की स्याही हूं मैं कर दे नजरे
करम मुझ पर मैं तुझपे ऐतबार
कर दूं, दीवानी हूं तेरी ऐसी,
कि दीवानगी की हद पार कर दूं...

6.
जिसके बाद कुछ और
बाकी नहीं रहता...

मेरी वही
ख्वाहिश तुम हो...
तुम छुपाने लगे हो बातें हमसें
ये कौन - सा दौर आया हैं
बदल गई मोहब्बत तुम्हारी
या दिल में कोई औंर आया है,
हमेशा रोशन रखेंगे तेरी चाहत के दिये को...
क्या पता किस पल तेरा आना हो जाये...

7.
उम्मीदें जुड़ी हैं तुझसे टूटने मत देना,
दिल एक मोम का है पिघलने मत देना।

दिल ने चाहा है तुझे ये आज पता चला,
तुझे कसम है तेरे प्यार की...
इस धड़कन को कभी बंद होने मत देना।।

8.
आदत बदल सी गई है अब वक्त काटने की...
हिम्मत ही नहीं होती किसी से अपना दर्द बांटने की...
मेरी जान मेरी वफ़ा हो तुम
उस कुदरत का दिया हुआ
एक नायब तोहफा हो तुम दिल में
आप हो और कोई खास कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा...

9.
तुम्हारी आशिक़ी ने मुझे,
इस क़दर बांधा है...।

दूर जाऊं तो दिल तड़पता है ,
पास आऊँ तो साँसें थम जाती है...।।

काश ये मोहब्बत भी तीन तलाक
जैसी होती ... तेरे हैं... तेरे हैं... तेरे हैं...

कह कर बस तेरे हो जाते.चार घड़ी के महबूब से...
उम्र भर का दोस्त बेहतर है ...

सिर्फ मोहब्बत ही नहीं जनाब
कुछ तो दोस्तियां भी एक तरफा होती है...

10.
तुमको जो बता दें, वो इश्क नहीं
जो समझ जाओ हाल मेरा, वो इश्क है।

साथ रहने वाले अक्सर मिल जाते हैं पर,
साथ न रहकर जो पास रहे, वो इश्क है।

हर पल याद करें जो, सुंदर एहसास यह भी
पर हर वक्त जो महसूस हो, वो 'इश्क़ है।

अधूरी पड़ी है कितनी प्रेम कहानी जहां में
फिर भी प्रेम पथ पर चल पड़ना, वो इश्क है।

सच्चा 'प्रेम' नसीब कहां हर किसी का
हमसफर जैसा मिले उसे सच्चा बना लेना,
वो इश्क है...