Ghost and Dream in Hindi Short Stories by Pawan Kumar Saini books and stories PDF | Ghost and Dream

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Ghost and Dream

मैंने जो सीखा खुद के अनुभव से सीखा। मैंने कही नहीं पढ़ा कि सपने क्या होते है और क्यों आते मैंने अनुभव किया और लिखा। सपने में वही चीजे दिखती है जिन परिस्थियों में इंसान हक़ीक़त में होता है।
एक नार्मल इंसान को सपने में वहीँ चीजे दिख सकती है, जों वों हक़ीक़त में देख चूका है।
और इंसान का दिमाग़ 24 घंटे लगातार चलता रहता है।
ये बातें मैंने मेरे अनुभव से लिखी। बाद में किसी ने ये बातें मेरे सामने आई कि साइंस फैक्ट है।
अगर ये किसी ने लिखी हो आपके सामने आये तो मुझे बताना। मैंने ये 2014 के आस पास फेसबुक पर पोस्ट कि थी अब चलते है आगे।
पहले मैं मानता था, सपने में सिर्फ वो ही चेहरे दिखते है, जो उसके देखे हुए होते है, लेकिन उसके बाद मेरे साथ एक घटना घटित हुई- महाभारत की, ये बहुत बड़ी घटना थी, जिसने मुझे पुरे को हिला दिया था। इस घटना के दौरान मैं सपने किसी अनजान लड़की के घर चला जाता; उससे बाते करता। रात को सपने में अनजान जगह पहुंच जाता जों जगह मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। फिर दिन में सोचता ये घर किसका था। ऐसी जगह कहाँ है?आप कहो कि मैं भी देख सकता हूँ,तो शायद गलत होगा, क्योंकि उसके लिए वो माहौल चाहिए यानि की मेरे दिमाग़ में बहुत भारी उथल पुथल चल रही थी, इसलिए मैं किसी अनजान के घर चला जाता-अनजान चीज देखता और अनजान चेहरे और वो चेहरे दिन में मूझे याद भी रहते।ऐसे ही दिमाग़ में अनजान जगह अनजान चेहरे कैसे और एक चीज भी इंसान का दिमाग़ कभी नहीं रुकता हमेशा चलता रहता है मैंने इन चीजों का यही निष्कर्ष निकाला कि इसके लिए किसी बड़े माहौल की जरुरत है यानी की वो उथल पुथल होना जरुरी है,क्योंकि पहले नहीं दिखते थे
 
भूत क्या होता है?
 
मैं तुम्हे एक कहानी बताता हुँ भूत की।असल में भूत है मैं इस चीज से वाकिफ हूँ, क्योंकि मैं जन्म से इसी चीज से लड़ता आया हूँ ; मूझे इसकी खामिया और कमिया दोनों पता है, क्योंकि मेरे लिए ये एक नार्मल चीज है, मैं खेलता आया इन चीजों से, तो मूझे इस बारे में ज्यादा पता है । एक चीज, जो मूझे रात को जकड लेती थी बुरी तरह ; मैं चाहकर भी खुद को नहीं छुड़ा सकता था। अंत में मैं हार जाता था इससे कोई नहीं जीत सकता वों शरीर का पूरा सत निकाल लेता तब छोड़ता। शुरुआत में वो एक पूरा बालो आदमी था। उसके सम्पूर्ण शरीर पर बाल होते थे। वो हमला करता और जकड लेता।मूझे कभी कभी उसके बाल भी पकड़ में आ जाते धीरे धीरे उसने अपना रूप बदल लिया दो चार दिन वो कपड़े पहने हमला करता फिर एक 10,12 साल का बच्चा लगभग 5,6 साल तक चलता रहा, बाद में उसने मेरे छोटे भैया का रूप ले लिया 3 चार दिन तक ये चला ऐसा नहीं है की वो मूझे परेशान ही करता मुझसे मज़ाक भी करता बाद में उसने फिर उसी बचे का रूप ले लिया 10, 12 साल तो ये मूझे जकड़ता रहा मूझे इसके बारे में बहुत सारी जानकारी मिली यानी की ये सिर्फ अंधरे में ही हमला करता है लाइट की रौशनी में नहीं अगर कमरे दरवाजा लॉक हो, तो ये हमला नहीं कर सकता भले ही खिड़किया खुली हो मतलब खुली खड़की से नहीं आ सकता इससे आदमी जितना स्पेस चाहिए अदर आने का और एक चीज ये सोये हुए पर ही हमला कर सकता है जगे हुए पर नहीं जगे हुए का बाल भी बाक़ा नहीं कर सकता।
आप जागते हुए भूत नहीं सकते है। यही भूत है
 
कभी आपने सोचा भूत आत्मा होती है तो, बैगर हाथ के, बगैर पैर कैसे किसी को मार सकती है? बगैर आंख के कैसे किसी को देख सकती है? कैसे पहचान सकती है? यह वहीँ इंसान है इसको मैं मेरी जीवनी में विस्तार से समझावूंगा।इसके पीछे कोई जिन्दा आदमी होता वों कुछ सिद्ध करना चाहता है, आपके जरिये। ऐसा इंसान जिसके पास देवीय शक्ति हो बुझा निकाले वाला, कोई साधु, कोई पंडित और कोई ऐसा इंसान हो सकता है, जों भगवान में अन्दविश्वास करता हो, जों उसकी भक्ति में लीन होता हो। इनके पास ताकत होती है। यानी कि ये जिस वक़्त किसी पर हमला करते है उस वक्त इनकी भी एनर्जी लगती है। ये केवल नींद में सोये हुए इंसान पर ही हमला कर सकते है। अब ये चीजे धीरे धीरे विलुप्त हो रही है। फिल्मो और साइंस के सिद्धांतो ने इन चीजों पर विश्वास समाप्त कर दिया आज इन चीजों से प्रभावित लोग सिर्फ 20%, रह गये है। धीरे धीरे ये भी समाप्त हो जाएंगे, तो आप समझ गये होंगे की भूत कहाँ से आते है? भूत क्या होते है?
ये मेरा अनुभव है। मैं इन चीजों को बखूबी जानता हूँ और बहुत बारीकी से परखा है।
 
थैंक्स, अपनी राय कमेंट बॉक्स में दे।