Kya Ekant hi sukh hai ? - 2 in Hindi Motivational Stories by Poonam Kuhar books and stories PDF | क्या एकांत ही सुख है ? - 2

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क्या एकांत ही सुख है ? - 2

फिर वह अध्यापक तुषांत के पास आता है और उसकी नोटबुक चेक करता है तो उसे पता चलता है की ये स्टोरी लिखने का शौकीन है । फिर वह तुशांत को लंच टाइम में अपने पास आने के लिए बोलता है ।
आगे यह होता है की तुषांत अकेले उस अध्यापक से मिलने जाता हैं तो वह उसे कुछ पैसों का offer करता है। अगर तुम्हे पैसे चाहिए तो मेरे लिए काम करना होगा जिसके बदले में तुम्हे पैसे दे दूंगा । और जिस पैसों से तुम अपनी जरूरतें पूरा कर सकते हो लेकिन हमारी ये बाते हम दोनो के बीच में ही रहनी चाहिए ।


तब तुषांत बोलता है की सर मुझे आपकी बाते मंजूर हैं पर मुझे क्या करना होगा ।

फिर वह अध्यापक बोलता है की जो तुम कहानियां लिखते हो वो मुझे अच्छी लगती हैं और में उसके बदले तुम्हे कुछ पैसे दे दूंगा । यदि वे कहानियां लोगो को पसंद आई तो उसके बदले में जो पैसे मिलेंगे उनका कुछ हिस्सा तुम्हे मिल जायेगा ।

तुषांत बोलता है कोई नी सर जैसा आप बोलोगे में वैसा ही करूंगा । और ये बाते किसी को नही बताएउगा ।

तब वह उसे कुछ पैसे दे देता है और उसके द्वारा लिखी हुई कहानियों की नोटबुक रख लिया हैं ।

फिर तुषांत उन पैसे को लेकर college के ऑफिस में लेकर अपनी फीस जमा करवा देता हैं ,जो की बकाया थी ।

फिर तुषांत अपनी क्लास में चला जाता है और मन - मन मुस्कुराता हुआ सोचता है की आज सर ने मेरी कितनी बड़ी मदद की ही और मुझे पैसे भी दिए हैं जिससे मैने अपनी फीस जमा करवा दी और में ऐसी ओर कहानियां लिखूंगा जिससे मुझे और पैसे मिलेंगे !

फिर कॉलेज की छूटी होने पर वह अपने घर चला जाता हैं और अपने मम्मी पापा से प्यार से बोलता हैं की मेरे college वाले मुझसे फीस नहीं लेंगे तो आपको पैसों की टेंशन लेने की कोई जरूरत नही हैं ।

तब उसके मम्मी पापा उससे पूछते हैं की कॉलेज वाले तुमसे फीस क्यों नही लेंगे ।

तुषांत बोलते हुए - वो बात यह हैं की मेरे व्यवहार से खुश होकर और मेरे अच्छे नंबर आने के कारण उन्होंने मेरी फीस माफ कर दी और बोल रहे हैं की अगर तुमने अच्छे नंबर से कॉलेज pass आउट किया तो आपको इनाम मिलेगा ।

ऐसा सुनकर उसके घर वाले खुश हो जाते है क्योंकि उनकी कॉलेज की फीस को लेकर टेंशन दूर हो चुकी थी।

वही वह तुषाँत का अध्यापक उस कहानियां से भरी एक नोटबुक को लेकर सोचता है की इस नोटबुक के सहारा लेकर एक wriitter बन सकता हु और अपना नाम दुनिया तक पहुंचा सकता हु ।

फिर वह अध्यापक उस बच्चे तुषांत के सहारे कहानियां लिखाकर उन कहानियों से अपना फायदा करने की कोशिश करता हैं ।

वही से समय बीतता जाता है और तुषांत का कॉलेज भी पूरा हो जाता है और वह अध्यापक एक जाना माना wriitter बन जाता हैं ।

और वह तुषांत को अपनी कमाई का कुछ ही भाग देता हैं फिर भी तुषांत इस बात से अनजान था की उनके द्वारा लिखी गई कहानियां लोगो को कितनी पसंद आती हैं ।

और तब तुषांत को दुनियादारी समझ आ चुकी थी और वह लोगो की असलियत से वाकिफ हो जाता है की दुनिया कितनी मतलबी और अपने मतलब के लिए कुछ भी कर सकती है ।

एक दिन तुषांत को उस अध्यापक के बारे में पता चला की उस अध्यापक ने मेरी कहानियों को अपना नाम देकर एक wriitter बन गया और मेरे साथ खिलवाड़ किया हैं।
तब तुषांत उस अध्यापक से मिलने उस घर के पास जाता हैं और उसे बोलता हैं की सर आपने मेरे साथ ठीक नही किया हैं ।
आपने मेरी कहानियों को अपना नाम क्यों दिया ?
आपकी मुझसे क्या दुश्मनी हैं ?
आपने मेरी मासूमियत का फायदा क्यों उठाया ?
प्लीज सर बताइए ऐसा क्यों किया आपने मेरे साथ ?

इसके बाद वह अध्यापक बोलता हैं की मैने क्या गलत किया तेरे साथ ।
मेने कहानियों के बदले तुम्हे पैसे भी दिए थे और वैसे भी तुम्हे इन सब चीजों के बारे में भी नही पता था
और तुम्हारी कहानियां वैसे भी एक कोरे कागज पर ही थी ।
अब तुम्हे जो करना है वो करो ।
फिर उस अध्यापक की बातो से हताश होकर तुषांत चुप चाप वहा से चल देता हैं ।
अब तुषांत बड़ा हो चुका था और एक समझदार इंसान बन चुका था ।
वह अपने परिवार के साथ काम मेहनत मजदूरी करता और पढ़ाई भी करता था ।
उस अध्यापक से वापस आ रहा और साथ ही मन ही मन दुखी था ।
(सोचते हुए) "काश वो अध्यापक मेरे साथ ऐसा ना करता तो में भी एक writter बन जाता और अपना नाम लोगो तक पहुंचा सकता था "
लेकिन अब ऐसा क्या करू
शुरू से शुरू किया जाए क्या ?
वह घर की तरफ लोट रहा था तब उसने जो चीज देखी उसे देखकर हैरान हो गया ।

इसके अगले भाग के लिए मेरे साथ बने रहे ।
थैंक यू सभी का ___
🙏🏻🙏🏻🙏🏻