Darinde se Pyaar - 3 in Hindi Horror Stories by Alam Ansari books and stories PDF | दरिंदे से प्यार - 3

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दरिंदे से प्यार - 3

शिकार




( अब तक के भाग में आपने पढ़ा कि तीन स्टूडेंट्स रगुजा से आकर दिल्ली के कॉलेज में एडमिशन लेते हैं जिनमे एक रायसन का बेटा अमर है। टीना एक सिंपल लड़की भी अपने दो दोस्तों के साथ सेंट पीटर कॉलेज में एडमिशन लेती है। )




अब आगे




अमर,थॉमस और तनु ने आसानी से सेंट पीटर कॉलेज में स्टूडेंट्स बन कर एडमिशन ले लिया जिस पर रगुजा का मालिक रायसन बहुत खुश था। धरती पर साम्राज्य स्थापित करने का प्लान आरम्भ हो रहा था।







रगुजा टापू पर रायसन खुशी से बोला,"वाह,वाह मेरा बेटा अमर और उसके दोस्त कॉलेज में एडमिशन ले चुके हैं। लेकिन ये काफी नहीं है। दिल्ली के दूसरे जगहों पर भी हमे अपने वैम्पायरों को भेजना होगा। तभी तो हम सभी पर हुकूमत करेंगे।"







रायसन ने मारिया और अबीर को बुलवाया।




अबीर ने कहा,"जी रायसन।"







रायसन ने पूछा,"अबीर जिन लोगो को दो दिन पहले लाया गया है,उनके वैम्पायर बनने की ट्रेनिंग कब तक पूरी होगी?"




अबीर ने जवाब दिया,"कम से कम दो महीने सर। लेकिन जो बहुत अच्छे से वैम्पायर बन सकते हैं वो तीन लोग हैं-- टीना,मानव और मीना। इन्हें पहाड़ो से लाया गया है।







रायसन ने कहा,"ठीक है। पहले इन तीनो की ट्रेनिंग पर concentrate करो।"




मारिया ने सिर झुकाते हुए कहा,"ठीक है सर। ऐसा ही होगा।"







दोनों चले गए।




सेंट पीटर कॉलेज(कुछ दिन बाद)




पूरे कॉलेज में शोर मचा हुआ था। कॉलेज के बैकयार्ड में एक स्टूडेंट, की बॉडी मिली थी। जल्द पुलिस आ गयी। पुलिस ने तहकीकात में कहा,"पूरा खून शरीर से सूख चुका है। एक भी बूंद नही है। जैसे किसी वहशी का काम हो। कुछ दिन पहले ऐसा ही हादसा डलहौजी में भी हुआ था।"







पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। तीनों वैम्पायर्स वहीं खड़े थे। तनु और टॉम एक दूसरे को देखकर मुस्कुराये। अमर ने दोनों को गुस्से से देखा। उसने दोनो को एक क्लासरूम में चलने का इशारा किया।




अमर गुस्से में फट पड़ा,"ये क्या किया तुमने? मना किया था ना तुमको। फिर भी।"




इस पर तनु बोल पड़ी,"तो क्या करें? इन्सान के खून की गंध हमको पागल कर देती है। कंट्रोल करने में मुश्किल होती है। भूख लगेगी तो ये लोग ही काम आएंगे ना।"




अमर ने समझाते हुए कहा,"हमें अपनी भूख को कंट्रोल करना भी ट्रेनिंग में सिखाया जाता है। तुम्हे कंट्रोल करना अगर नहीं आ रहा तो रगुजा वापिस चली जाओ। और तुम भी टॉम।




टॉम ने भी अपना गुस्सा दिखाते हुए कहा,"क्यों जाएं वापिस? यहां हम वैम्पायर्स का साम्राज्य स्थापित करने आये हैं। उन पर रहम करने नही। तुम्हे ये समझना होगा। ये जो इंसानियत का कीड़ा तुम्हें विरासत में मिला है ना,उसको अपने पास रखो।"




तनु बीच मे ही बोली,"वरना हमे रायसन सर से सब कहना पड़ेगा।"




अमर ने टॉम का गला पकड़ लिया और बोला,"मैं चाहूं तो तुझे अभी यही खत्म कर दूं। लेकिन मैं ऐसा कभी नही करूँगा। ज़्यादा खून की प्यास है तो जो ब्लड बैंक हम लाये हैं उसको यूज़ कर। समझा।"




दोनों में मारपीट होने ही वाली थी कि तनु ने उनको रोक दिया और कहा,"स्टॉप इट यु बोथ। बन्द करो ये लड़ाई। "




अमर और टॉम ने लड़ाई बन्द कर दी। समर वहां से चला गया। टॉम को बहुत गुस्सा आ चुका था। वह उसके जाते ही तेज़ चिल्लाया,"अब मैं फैलाऊंगा यहां दहशत। तुम देखना। कॉलेज में ही नही पूरी दिल्ली में। हा हा हा हा।"




दो दिन बाद




टीना,नीरू और अजय तीनो ने अपने क्लासेज़ में जाना शुरू कर दिया था। तीनों वैम्पायर्स भी उन्हीं की क्लास में थे।




उस दिन टीना अपनी क्लास में जाने ही लगी थी कि वह अमर से टकरा गई और दोनों गिर पड़े।







निया चिल्लाई,"दिखाई नही देता क्या? ये बड़ी-बड़ी नीली आंखें हैं या बटन।"




अमर भी बोल पड़ा,"ओ मैडम। दिखाई तो तुम्हें नही देता। मोबाईल पर गप्पें मारती हुई तुम चल रही थी और बोल मुझे रही हो। कमाल है। स्टुपिड।"




स्टुपिड वर्ड सुनकर निया को गुस्सा आ गया। वह उठकर कपड़े झाड़ती हुई बोली,"You stupid.अंधे कहीं के।"




ये बोलकर वह चली गयी। अमर पता नहीं इसके आगे निया को कुछ भी बोल ही नहीं पाया। वह उसकी खूबसूरती से सम्मोहित हो चुका था। तनु ये सब देख रही थी जो वह बर्दाश्त नही कर पाई। लेकिन फिलहाल उसने चुप रहना ही ठीक समझा।







उसके बाद आये दिन अमर और टीना आपस में टकराने लगे। टीना को हमेशा अमर पर गुस्सा आ जाता लेकिन अमर कभी भी कुछ नही कहता था।







टॉम ने अमर को पूछ ही लिया,"कहीं तुझे टीना से प्यार तो नहीं हो गया? हा हा हा हा। लगता है तेरे मम्मी-पापा की लव स्टोरी रिपीट होने वाली है। एक वैम्पायर और आम लड़की की प्रेम कहानी। Interesting.."







क्लास अटेंड करने के बाद नीरू टीना से बोली,"चल ना टीना। कैंटीन चलते हैं। मुझे बहुत जोर की भूख लग रही है।"




टीना ने नीरू का हाथ पकड़ते हुए कहा,"चल बाबा। भूख तो मुझे भी बहुत लगी है।"




दोनो कैंटीन चली गईं।







पीछे की डेस्क पर टॉम बैठा था जो बोल उठा,"भूख तो मुझे भी बहुत लगी है। इस टीना के खून की गंध। उफ्फ मुझे पागल कर देती है। दिल करता है...."




तभी अमर ने उसका कॉलर पकड़ लिया और एक जोरदार तमाचा मारते हुए बोला," खबरदार अगर टीना की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो जान से मार दूंगा।"




टॉम ने अपना कॉलर छुड़ाया और बोला,"क्यों? क्या लगती है वो तेरी?"




अमर ने गुस्से में जवाब दिया,"नही लगती कुछ। फिर भी तू उससे दूर रहना। संमझा।"




ये कहकर अमर चला गया।







कैंटीन




टीना बैठी नीरू के साथ स्नैक्स का मज़ा ले रही थी कि तभी सीनियर, साहिर उसके पास आ गया और बोला,"क्या बात है? अकेले -अकेले स्नैक्स। हमसे भी कभी पूछ लीजिये।"




टीना और नीरू ने उसका ध्यान नहीं दिया। साहिर ने टीना का हाथ पकड़ लिया और बतमीज़ी करने लगा।




टीना चिल्लाई और बोली,"छोड़ो मेरा हाथ। मैंने कहा छोड़ो मेरा हाथ।"




साहिर हंसते हुए बोला,"अगर ना छोड़ू तो?"




तभी आवाज़ आयी,"जब वो कह रही है कि हाथ छोड़ दे तो छोड़ क्यों नही देता। छोड़ दे।"




साहिर ने मुड़कर देखा। पीछे अमर खड़ा था।




साहिर ने कहा,"यू जूनियर। चल निकल। ये मेरे और टीना के बीच का मामला है। समझा।"




अमर आगे आया और उसने टीना का हाथ साहिर से एक झटके में छुड़वा लिया और उसको धक्का दिया। साहिर अमर के ऊपर हाथ उठाने ही वाला था कि अमर की आंखों का उस पर ऐसा प्रभाव हुआ कि उसकी आँखें चौंधियां गयीं। वह समझ ही नही पाया कि आखिर हुआ क्या। उसका शरीर डर के मारे कांपने लगा।




साहिर अपना डर छुपाते हुए कॉलर उठाकर बोला,"देख लूंगा तुझे।"




उसके बाद वह वहां से भाग गया। सीधा वह अपने दोस्तों के पास पहुंच गया और पूरी बात उनको बताई।




मीनल बोली,"मुझे तो उसी दिन इन तीनो पर शक हुआ था। तीनो की आँखों मे कुछ है जो डराता है। कौन हैं ये तीनों? अचानक से कॉलेज में इन्होंने एडमिशन लिया। और वो स्टूडेंट जो मरा।"




नितिन हंसने लग गया और मीनल से बोला,"तो तुझे लगता है कि उनमें से किसी ने उस लड़के का खून पिया और उसके बाद मार डाला। Are you out of your mind? ये काम वैम्पायरों का होता है। और वैम्पायर बस किताबों में होते हैं। समझी।"




मीनल ने मुँह बनाकर कहा,"मत मान। ऐसा ही है। मैं जा रही हूं। मेरी क्लास है।"




कॉरिडोर की क्लास




मीनल अपनी क्लास के लिए जा रही थी। उसकी क्लास दूसरी ओर वाली बिल्डिंग में थी। वह कॉरिडोर से होते हुए क्लास में जा ही रही थी कि उसको किसी लड़की के कराहने की आवाज़ आयी जो किसी क्लास में से आ रही थी। उसने कमरे में झांक कर देखा तो मीनल के होश ही उड़ गए। उसके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई। कमरे में एक लड़का था जिसने एक लड़की को जकड़ रखा था। वह लड़का और कोई नही टॉम था जिसका चेहर मीनल नहीं देेख पाई।




टॉम ने अचानक अपने दांत बाहर निकाल लिए और जैसे ही उस लड़की की गर्दन में गाड़ने लगा था तो मीनल की चीख निकल गयी। टॉम चीख सुनकर घबरा गया। उसने मीनल को भागते हुए देखा लेकिन शायद मीनल की किस्मत अच्छी थी कि वह मीनल का चेहरा देख नहीं पाया।




मीनल भागते - भागते वाशरूम में जाकर छुप गयी। उसके बाद वह बिना किसी से मिले ही घर चली गयी।




टॉम समझ गया था कि कॉलेज में एक तो उसका राज़ जान चुका था। लेकिन कौन?




उसी रात तनु चली जा रही थी। उसको भूख लगने लगी। पास से उसको इंसान के खून की गंध आने लगी। तभी उसने देखा कि एक लड़का गाड़ी में बैठ कर जा रहा था। तनु की आंखों में चमक आ गयी। वह उस लड़के के पास पहुंच गई।




तनु ने उस लड़के को कहा,"हाय हैंडसम। क्या तुम मुझे लिफ्ट दोगे?"




उस लड़के ने तनु को चेक आउट किया और एक खूबसूरत लड़की को देखकर उसको लिफ्ट देते हुए उसके लिए कार का दरवाज़ा भी खोला। तनु भी खुशी से बैठ गयी।




उस लड़के ने रास्ते मे बात शुरू की,"आपको कहाँ जाना है?"




तनु ने स्माइल के साथ जवाब दिया," बस थोड़ी दूरी पर।"




थोड़ी दूरी पर जाकर तनु ने गाड़ी जंगल की ओर मुड़वा दी।




उस लड़के ने कहा,"ये तो .."







तनु ने जवाब दिया,"आप चलिये तो !"




लड़के ने सोचा,"लगता है ये मेरे साथ कुछ टाइम स्पेंड करना चाहती है।"

तनु मन मे सोच रही थी ,"ये है मेरा पहला शिकार।"

उसने लड़के से कार रोकने को कहा। गाड़ी रुकते ही तनु बाहर निकल आयी। उसने लड़के को बड़े प्यार से उंगली के इशारे से बाहर बुलाया। लड़का तुरंत बाहर आ गया।




तनु उसके नज़दीक गयी। पहले उसके गालों पर किस किया। उसके बाद अचानक तनु ने अपना रूप बदल लिया। उसकी आंखे भयंकर हो गई और दांत बाहर आ गए। लड़का डर के मारे गिर गया।




तनु उस लड़के की ओर बढ़ने लगी। लड़का उसके आगे हाथ जोड़ने लगा,"मुझे जाने दो प्लीज़। मुझे जाने दो।"




तनु ने उसकी एक नहीं सुनी। वह उसके ऊपर झुकी और उसका खून पीया। उसके बाद वह उसकी लाश छोड़कर हंसती हुई चली गयी।




वह जंगल से बाहर आकर तेज़-तेज़ हंस रही थी,"हा हा हा हा हा। अब और भी शिकार होंगे। कोई नहीं बचेगा। हा हा हा ।"




बढ़ती जा रही थी अब दिल्ली में खौफनाक वैम्पायरों की दहशत। क्या बच पाएंगे लोग इनके चंगुल से?




To be continued...




आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " दरिंदे से प्यार " और बने रहिए कहानी पर।।







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See you in the next chapter till then take care...













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