Hidden Incompleted love - 2 in Hindi Love Stories by Ruhi Pandey books and stories PDF | Hidden Incompleted love - 2

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Hidden Incompleted love - 2

शाम के टाइम ग्रहु बच्चों के रूम में अपना सामान सेट करती है और छत पर चली गई छत पर आने के बाद ताजी हवा में उसे अच्छा लग रहा था तो वो थोड़ी देर वहीं पर रूकती है और दोनों बच्चों के साथ खेलने लगती हैं

रात के नौ बजे ग्रहु की मासी और छोटी मासी दोनों बच्चों और ग्रहु मिलकर साथ में डिनर करते हैं और सोने के लिए चले जाते हैं ग्रहु बच्चों के रूम में सो रही थी एक बेड पर दोनों बच्चे थे और दूसरे बेड पर ग्रहु अकेले सो रही थी

दूसरी तरफ ग्रहु के मौसी के घर से थोड़ी दूर पर एक घर में बीस साल का लड़का अपना लगेज लेकर घर आता है और उसे देखकर सभी लोग खुश हो जाते हैं वो लड़का सबसे पहले पैंतालीस साल की खूबसूरत औरत के पैर छूकर आशीर्वाद लेता है और उसके बाद एक और औरत थी उनके भी पैर छुता है दोनों औरतें उसे खुश रहने का आशीर्वाद देती है

तो वो मुस्कुराते हुए पहली औरत के तारीफ करते हुए कहता हैं " क्या बात है मामी आप तो पहले से भी ज्यादा सुंदर लग रही है क्या राज है आपके इस सुंदरता का "

इतना कहकर वो मुस्कराने लगता है तो वो औरत जो कि उस लड़के की मानी थी वो उसके कान को खींचते हुए कहती है

" बदमाश तुम्हें शर्म नहीं आती है अपनी मामी से ऐसी बात करने में "

वो लड़का नौटंकी करते हुए कहता है " छोटी मामी बचाइए ना बड़ी मम्मी बहुत तेज से कान खींच रही है "

तो वो औरत उसके कान को छोड़ देती है और प्यार से कहती है " ज्यादा दर्द हो रहा है क्या ? "


वो लड़का मुस्कुराते हुए नहीं में अपना सर हीला देता है और कहता है " अगर आप नहीं चाहती कि मैं आपसे ऐसी बात करूं तो अपने भांजे की शादी कर दो मैं अपने वाइफ से ऐसी बात करूंगा "

उसकी बातों को सुनकर दोनों औरतें अपनी आंखें बड़ी-बड़ी करके उसे देखने लगती है ये बीस साल का लड़का कितना बेशर्म है

तभी वो घर से बाहर जाते हुए कहता है " मामी मैं थोड़ी देर में सबसे मिलकर आता हूं "

इतना कहकर वो घर से बाहर चला गया उसके जाते ही एक सोलह साल की लड़की अपने बगल में खड़ी लड़की को कोहनी मारते हुए कहती है

" मानसी ! संस्कार भाई कितने अच्छे से बहाने बनाकर घर से निकल गए उस श्वेता से मिलने के लिए "

उस लड़की की बात सुनकर बगल में खड़ी हुई लड़की हंसने लगती है

दूसरी तरफ वो लड़का जिसका नाम संस्कार है वो घर से निकाल कर कुछ कदम चलता है तो सामने एक बड़ा सा घर था वो मुस्कुराते हुए उस घर के अंदर जाने लगता हैं और अपनी बेचैन नजरों से किसी की तलाश करने लगता है

तभी एक पचास साल का आदमी उसके सामने आते हुए कहता हैं " अरे संस्कार बेटा तुम कब आए "

वो झुक कर उनके पैर छूते हुए कहता है " बस कुछ देर पहले ही आया हूं मामा ! वैसे मामी कहां है सो गई क्या "

तो वो आदमी बाहर जाते हुए कहता है " अरे नहीं अभी कोई नहीं सोया है तुम जाकर मिल लो "

वो लड़का यही तो चाहता था इसलिए मुस्कुराते हुए घर के अंदर चला जाता है जैसे ही अंदर आकर देखा है तो सामने एक खूबसूरत लड़की दिखाई देती है जो किचन में रोटी बना रही थी वो बिना कुछ बोले दबे कदमों से उसकी ओर बढ़ गया और उस लड़की के एकदम पास जाकर उसके गाल खींचते हुए कहता है

" श्वेता अच्छे से रोटी बनाओ मैं भी आज यही खाना खाऊंगा "

पहले वो लड़की अपने गाल खींचने से चिढ़ गई थी लेकिन जैसे ही अपने बगल में खड़े लड़के को देखती हैं और उसकी आवाज सुनती है तो उसकी आंखों चमक उठती है

वो जल्दी से उसे लड़के के गले लग कर कहती है "संस्कार मैने तुम्हें बहुत मिस किया " वो लड़का भी मुस्कुराते हुए कहता है

" मैं भी तुम्हें बहुत मिस किया है "

दूसरी तरफ ग्रहु को नई जगह पर पहली बार आने की वजह से नींद नहीं आ रही थी वो बार-बार अपनी करवट बदल रही थी