My Toxic Love - 28 in Hindi Love Stories by misbutterfly books and stories PDF | My Toxic Love - 28

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My Toxic Love - 28

next morning...

sheargil house ,, agasteya room ,,

अगस्तये अपने कमरे में सौ रहा था परदो से छनकर आती उसकी धूम उसेके चेहरे पर पड़ रहीं थी जिससे वो एक हाथ अपने चेहरे पर रख वापिस सोने कि कोशिश करता है।।

बाथरूम का दरवाजा खोलकर एक खूबसूरत लड़की बाहर आती है,

उस लड़की ने एक रेड कलर की साड़ी पहनी थी ,, उसके बाल गीले थे, और पूरे रूम में से उस लड़की की पायल और चूड़ी की आवाज गूंज रही थी जो बहुत ही मधुर संगीत का काम कर रही थी ।

वो लड़की मिरर से अपने पीछे अगस्त को देखती हैं अगस्त्य को देखकर उस लड़की के फेस पर स्माइल आजती है।।।

अगस्त्य जिसे अपनी जल्दी बंद कर ली थी वो हल्का हल्का खुद ही मुस्कुराने लगता हैं

जिसे वो लड़की नही देख पाती और आंखों में शरारत लिए धीरे कदम अगस्त्य के तरफ बढ़ा देती हैं और अगस्त के करीब जा कर अपने गीले बालों का पानी अगस्त्य के ऊपर गिरने लगती ह

उसे परेशान करती है जिससे अगस्त उस लड़की को एक झटके में कमर से पकड़ कर खींचता है जिस से वो लड़की अचानक अगस्त्य के ऊपर जा गिरति ह की एक जोरदार आवाज उस रूम में गूंजती है।।

aaaaaa मेरी कमर ही अगस्त्य फिर अपनी आंख मसलते हुए और कब तक मुझे इस तरह पिलो को गले लगा कर सोना पड़ेगा कब आओगी तुम ,,,

मेरे सपनों की रानी अब तो तुम मुझे मेरे सपनों में भी परेशान कर रही हो पता नहीं मेरी रात ऐसे निकल रही है लेकिन तुम्हारा क्या तुम्हे भी तो थोड़ा परेशान करना पड़ेगा ना सोचते हुए अगस्त अपने दोनों हाथ बालों में घूमता है और सीधा बाथरूम में घुस जाता है।।।।

अभी अगस्त्य के दिमाग में बहुत कुछ था जैसे अभी वह कुछ बड़ा करेगा

अब पता नहीं अगस्त अपने अलसाए हुए घोड़े को कितनी तकलीफ देने वाला है।।।

sabrwal house


अग्रवाल हाउस में तो कुछ अलग ही पक रहा था ।।।

क्योंकि नीलम जी ने राकेश जी को रात में ही सब कुछ बता दिया था और अब यहां का हाल ऐसा था ।।

नायरा बेड पर अपनी गोद में पिलो को रखकर उसे पर अपने दोनों हाथ को टिका कर उसमे अपने चेहरे रखकर

अपने चाचा और चाची को देख रही थी क्योंकि दोनों ही उससे कुछ कहना चाह रहे थे लेकिन बोल कोई कुछ नहीं रहता था

कभी राकेश जी सोफे से उठ कर थोड़ा नायरा के पास आते फिर कुछ सोच कर वापस जाकर बैठ जाते , वही नीलम जी बार-बार राकेश जी को अपनी आंखें देखा कर उन्हें कुछ बोलने का इशारा कर रहे थे,,,

नायर अब गुस्से से दोनों को घूरते हुए कहती है __

आप लोगों को क्य हुआ ह इतनी देर से मुझे यहां बैठ के रखा है और आप कब से कह रहे हैं आप दोनों को मेरे से कुछ बात करनी है और कोई कुछ बोल नहीं रहा है।

ऊपर से मुझे फ्झे मुझे यह से उठने भी नही दे रहे हो और सुबह भी इतनी जल्दी उठा दिया जब आप दोनों का हो जाए तो मुझे बता देना मैं जा रही हूं सोने बोलकर जैसे ही कंबल अपने उपर डालने लगती है कि राकेश जी तुरंत आकर उसके हाथ से कंबल लेकर नीचे रखते हुए अच्छा ठीक है हम बताते हैं क्या बात,,

फिर एक लंबी सांस लेकर कल जो कुछ भी हुआ नायरा को बता देते हैं।