Tu meri mohabbat ho - 3 in Hindi Love Stories by Muskan Gupta books and stories PDF | तूं मेरी मोहब्बत हों ?? - 3

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तूं मेरी मोहब्बत हों ?? - 3

समर्थ कुछ देर बाद वॉर्ड में चला जाता है....!! वो देखता है कि वो लड़की बेहोश थी तो वो वहीं पास में खड़ी नर्स से पूछ कि वो बेहोश क्यों है...!!

नर्स : वो बहुत कमज़ोर थी...! लगता है कि बहुत दिनों से इन्हे खाना नहीं मिला था...! इसलिए डॉक्टर ने इनको बेहोशी का इंजेक्शन दिया है जिससे ये आराम से सोती रहें....!! नर्स ये बोल कर वहां से चलीं जाती है....!!

समर्थ उस लड़की के वॉर्ड के बाहर खड़ा था.....! वो वहीं कोरिडोर मे इधर उधर टेहलने लगता है....! और कुछ देर बाद वहीं बेंच पर बैठे बैठे सो जाता है...!!

करीब दो घंटे बाद....!!

मिस्टर मलिक...! डॉक्टर समर्थ को आवाज देती है...!!

यस डॉक्टर... समर्थ उठते हुएं बोला...!!

डॉक्टर : मिस्टर मलिक आप जिस लड़की को लेकर आए थे उसको होश आ गया है...!!

समर्थ जल्दी से उठते हुएं बोला : क्या उसको होश आ गया...!!

डॉक्टर : जी...!

समर्थ वॉर्ड के अन्दर जाने लगता है...!! डॉक्टर उसे रोकती है कुछ बताने को पर वो बिना सुने वो वहां से चला जाता है...!!

समर्थ कमरे के अन्दर जाता है तो वो देखता है कि वो लड़की बेंड पर टेक लगाए बैठी है और खिड़की के बाहर देख रही है....!

वो धीरे धीरे कदम रखते हुए...! बेंड के पास जाता है और उस बेड के बगल में रखी कुर्सी पर बैठ जाता है...! पर फिर भी वो लड़की वैसे ही बाहर देखती रहती वो एक भी समर्थ की तरफ नहीं देखती...!!

समर्थ अपना गला सही करते हुए धीरे से बोला : अब कैसी हों आप....!

समर्थ की आवाज सुन कर वो लड़की उसकी तरफ हैरानी से देखने लगती है...!!

वो समर्थ को ऐसे देख रही थी जैसे वो उसको जानती ही नहीं हों.... उस को ऐसा खुदकी तरफ देखते हुए समर्थ हैरान होते हुए बोला : ऐसे क्या देख रही है आप मुझे...!!

वो लड़की अपनी कमजोर आवाज में आंखें बड़ी करते हुए उसको हैरानी से देखते हुए धीरे से बोली : आप कौन हों...!!

समर्थ उसकी बात सुन हैरान रह गया.... उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो उसे नहीं पहेचान रही थी...!! समर्थ हिम्मत करके बोला : तुम सच्च में मुझे नहीं जानती हों....!!

वो मासूमियत से उसे देखते हुए ना में सर हिला देती है....!!

.......................

इधर एक नाईट क्लब में वीआईपी रूम में कुछ लोगों की कोई मीटिंग चल रही थी....!!
उस रूम में कुछ आदमी बैठे थे और उनके बीच में एक दो लड़कियां बैठी थी जो इसी क्लब में काम करती थी....!!

उन सबमें से एक आदमी ने गुस्से में बोला : इस दिव्यांश कपूर ने हमारा धंधा ही चोपठ ही कर दिया है....!!

दुसरा आदमी ड्रिंक का गिलास लेते हुए दांत पिसते हुए बोला : साले की उम्र कम हैं...!! पर साले बड़े बड़े बिजनेस मैन को पीछे छोड़ दिया है....!!

अरे डॉन्ट वेरी दोस्तों बहुत जल्द उस गटर की गन्दगी उसी गटर में जाने वाली है....!! उन सबका लीडर और दिव्यांश कपूर का सबसे बड़ा दुश्मन सम्राट सेगल एक लड़की के गल छूते हुए बोला....!!



क्या पर कैसे....!! वो सब हैरानी से सम्राट की तरफ देखते हुए बोले....!!

मैंने कुछ लोगों को भेजा है उस दिव्यांश का काम तमाम करने के लिए और कुछ ही देर बाद हमें गुड न्यूज मिल जाएगी....!! वो अपनी सारी बस्ती दिखाते हुए हंसते हुए बोला....!!

सम्राट की बात सुन कर वहां बैठे सभी लोग जोर जोर से हंसने लगते हैं कि तभी दरवाजे से कुछ लोग अन्दर सीसे की टेबल पर गिरते हैं आके जिससे वो डर से उठ जाते हैं और पीछे चले जाते हैं....!!

वो लोग हैरानी से एक दूसरे को देख रह थे कि तभी उनको किसी की आवाज सुनाई दी....!!

दिव्यांश कपूर किसी दिवाली में जलते पटाखों का नाम नहीं है...! दिव्यांश कपूर एक ऐसे बम का नाम है जिसके जलते ही लोगों के शरीर के चिठ्रे उड़ जाते है....!!

दिव्यांश की आवाज सुन कर लोग अन्दर से डर कांपने लगते हैं और घबराते हुए दरवाजे की तरफ देखते हैं....!!

वो देखते हैं कि दिव्यांश अपने बॉडी गार्ड के साथ अन्दर आ रहा था...!! उसने एक ब्लैक रंग का ठिरी पीस सूट पहना हुआ था और उसने अपने हाथ पोकेट में डालें हुए होते हैं....!!

तुम सबकी हिम्मत कैसे हुई मुझे दिव्यांश कपूर को गुंडे भेज कर मरवाने की तुम सबको क्या लगा दिव्यांश कपूर इन दो कोठी के गुंडों से मरा जाएगा....!! तुम सबने मुझे ग़लत व्यू में लें लिया....!!

अब देखो मैं तुम सबका क्या हाल करता हूं....!! दिव्यांश सम्राट को देखते हुए बोला...!!

दि.... दिव्यांश हमाने तुम्हें मरवाने के लिए गुंडे नहीं भेजे थे....!! वो...! वो तो सम्राट ने भेजे थे...! देखो दिव्यांश हमें जाने दो हमने कुछ नहीं किया हैं....!!

ऐसे कैसे जाने दे सकता हूं तुम सबको तुम सबको भी दिखाना है कि दिव्यांश कपूर से पंगा लेने वाले का क्या हाल होता है.....!! दिव्यांश सम्राट के पास जाते हुए बोला....!!

सम्राट : दिव्यांश मैं तुमसे लड़ना नहीं चाहता हूं...!!

दिव्यांश : मुझे भी कोई सोख नहीं है पर तुमने मुझे मजबूर कर दिया है....!! अगर मैंने तुमको समझाया नहीं तो मेरी क्या रेपुटेशन रहें जाएगी....!

हूं...! रेपुटेशन...! तुम जैसे गटर की गन्दगी की क्या रेपुटेशन होगी.... जिसके ना बाप का पता है और ना मां का....! जिसको ये भी नहीं पता है कि वो किस गन्दगी से आया है....!

सम्राट....! दिव्यांश चिल्लाते हुए सम्राट के मुंह पर जोर से घूसा मार देता है....!! तेरी इतनी हिम्मत तूने मेरे मां बाप को गन्दगी कहां मैं तुझे मार डालूंगा साले तुझे मैं बर्बाद कर दूगा....!! दिव्यांश सम्राट को घूसे पर घूसे मारते हुए बोला.....!!

दिव्यांश का ये रूप देख कर एक पल को तो वहां खड़े लोग डर से काप उठें थे...!! किसी तरहां दिव्यांश के बॉडी गार्ड हिम्मत करके दिव्यांश को सम्राट को दूर करते हैं और मोका देख कर सम्राट वहां से भाग जाता है....!!

......................

To be Continue.....
मुस्कान 🙂