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गुड न्यूज़..

क्या होती है गुड न्यूज़?
जो मन मे आये वो मिल जाए या जो कुछ हम तय कर ले ,वो हमे मिल जाये या फिर अचानक से हमे कुछ मिल जाये। या फिर किसी काम के हो जाने का पूरा विश्वास मन मे आ जाए वो गुड न्यूज़ है। या फिर गुड न्यूज़ कुछ और ही होती है।

इंशान को सिर्फ गुड न्यूज़ ही क्यों चाहिए?
क्या बेड न्यूज़ मे इंशान खुश नही रह सकता अगर नही तो क्यों।

क्या हर रोज इंशान को गुड न्यूज़ मिलती है या फिर किसी खास दिन ही गुड न्यूज़ मिलती है।

हम सबको गुड न्यूज का हमेशा इंतजार रहता है। एक माँ को अपने बेटे के घर आने की गुड न्यूज चाहिये, एक बाप की गुड न्यूज़ बाप बेटे के नाम से जाना जाए, एक पत्नी अपने पति का सम्मान ही गुड न्यूज़ समझती है, वही एक पति , हर गुड न्यूज़ अपनी पत्नी मे खोजता है। बच्चो को खिलौने मिल जाये वही उनके लिए तो गुड न्यूज़ है।

एक बैंक मैनेजर जिसकी ब्रांच रेटिंग मे पहले पायदान पर आ जाए और उसे तनिक सम्मान मिल जाये, वही उसके लिये गुड न्यूज़ है, किसी कंपनी मे काम करने वाले कर्मचारी को एक दिन की छुट्टी मिल जाये वही उसकी गुड न्यूज़ बन जाती है।
इन सब छोटी छोटी गुड न्यूज़ के पीछे इंशान हर वक्त भागता रहता है, कभी अपने अंदर नही झाकता, कभी अपने आप को सवाल नही करता की आखिर उसे इस जीवन से चाहिए क्या, कौन सी गुड न्यूज़ पानी है उसे इस जीवन मे, और किस तरह स्वअनुशासीत होकर हम पा सकते है।

अपने आप को मजबूत बनाओ बेशक शारिरिक रूप से, लेकिन असली मजबूती आप के आंतरिक भाग मे होनी चाहिए। आप का मन हमेशा विजेता की भाती व्यवहार करना चाहिए, किसी को अपने उपर अधिकार मत करने दो, जब आप अंदर से इतने मजबूत हो जाओगे तब आप को किसी गुड न्यूज़ का इंतजार नही करना होगा, बल्कि आप दुसरो के लिए गुड न्यूज़ बन जाओगे।

किसी ने सही ही कहा है -
"मन के जीते जीत है मन के हारे हार"।
अगर मन में जीत की भावना पनप रही है। तो समझ लो एक बड़ी जीत की सौगात आप को बहुत जल्दी मिलने वाली है। बस आप को प्रतिदिन लगातार उसी दिशा में,उसी वेग से अपने आप को अनुशासित करते हुए लक्ष्य की और बढ़ना है। पूरे जोश से अपनी गति को धीरे धीरे लक्ष्य की और तीव्र करने की जरूरत है फिर देखो हर एक गुड न्यूज़ आप की और अग्रसर होती दिखेगी।

गुड न्यूज पाने के लिए अपनी संवेदनाओं को हमेशा जीवंत रखकर। मन, मस्तिष्क एवं अपने जज्बातों की पूरी ताकत को अपने लक्ष्य प्राप्ति में लगा देना चाहिए। अपने मन में उठ रहे हर सवाल का जवाब खोजना चाहिए। कही बार गुड न्यूज मिलने का इंतजार करना पड़ता है ऐसे परिस्थितियों में अपने जज्बातों को ,अपनी भावनाओं को, अपनी संवेदनाओ को दबाकर रखते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए,एवं सही समय का हमेशा इंतजार करना चाहिए।

इंशान कही बार सिर्फ गुड न्यूज से संतुष्ट या फिर परिपूर्ण नही होता । जीवन का लक्ष्य हमेशा चलते रहना चाहिए। जीवन में कही गुड न्यूज आएगी और चली जायेगी।

तो इंशान को ज्यादा गुड न्यूज के पीछे नहीं भागना चाहिए बल्कि अपनी आत्मा को हमेशा खुश रखना चाहिए।


भरत (राज)