Ishq - 13 in Hindi Short Stories by om prakash Jain books and stories PDF | इश्क. - 13

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इश्क. - 13

इस कहानी को पाठको द्वार बहुत अच्छा सम्मान मिल रहा है ।मैं पाठकों को धन्यवाद देता हूँ।
शेखर ,सिम्मी को ले कर सोच रहा है।अमेरिका वाली सहेली कहाँ से लाऊँ।सिम्मी भाभी झूठ कहा कर फ़स गई है।मुझे कुछ करना होगा।
वेदांत बॉम्बे जाने को सोच रहा है ।राज सर के दिल को तोड़ना नहीं कहता।अपने फ़िल्म प्रोडक्शन का काम शेखर को सौप ही दिया है।वेदान्त रामु काका को सब अपने दिल का बात बता रहा है।काका कहता है-
बेटा, तुम एक बार सिम्मी बेटी के माँ -बाप से मिल कर सिम्मी के हांथ मांगने का प्रस्ताव रख दें।तुम सिम्मी से शादी कर बॉम्बे जाने को हम तुमको नहीं रोकेंगे।
रामु काका ,मैं भी यही सोच रहा था।शेखर कहाँ मर गया है।डाली को मना करने पर भी हेरोइन बना कर फ़िल्म बना डाला।मोनिका मेरे संबंध में क्या सोच रही होगी।कि वेदान्त सर स्वार्थी हैं ।
रामु काका-नहीं बेटा ,शेखर तुम्हारा अहित नहीं करेगा।भला नेक इंसान है ।डाली को लेने का कोई वजह ही होगा।और मोनिका की शादी होने वाली है।
निमंत्रण पत्र तुमको को देने मोनिका आई थी।तुम घर मे नहीं थे।
शादी निमंत्रण कार्ड मुझे दिखाइए।
शेखर पढ़ रहा था,उसी के पास है ।
ठीक है।सिम्मी के घर जाने की तैयारी कीजिये ।
शेखर के साथ चले जाइये।आज बंगले में मुझे बहुत काम है ।शेखर के नाम लेते आ ही गया।दोनों बातें कीजिये मैं कॉफी बना कर लाता हैं ।
वेदान्त गुस्से से -शेखर तुम कहाँ चले जाते हो।मोनिका का सादी कार्ड नही दिखाए।
तुम्हारे ही टेबल के दराज में रखा है।पढ़ लेना।कल सादी पार्टी है।मोनिका कह दि है मुझसे ,सादी के पश्चचात वह फ़िल्म में काम नहीं करेगी।
हाँ, ठीक है।
मैं इसी कारण डाली को हेरोइन बना लिया है।बुरी नही है। बॉम्बे से काम सिख कर आई है। सेक्सी लड़की है।मुझे क्या करना मैं काम लिकालना जनता हूँ।साले मनोज को भी आउट कर दिया।ओ रहता तो डाली पर डोरे डालते।और डाली उनका बिस्तर गर्म करने में मस्त रहती।हमारी प्रोडक्शन का भट्टा बैठ जाता।
वेदान्त कहता है-शेखर तुम्हे नालायक ही समझ रहा था।तुम तो चतुर आदमी निकले।डाली के साथ होटल के कोठारी में क्या कर रहा था।बेटा मुझे सब मालूम है।क्या गुल खिला रहे थे।बच के रहना।
किससे
डाली से और किससे
है तो माल एक नंबर ,क्या होगा उनका सेक्स की पूर्ति हो जाएगा।
कमीना तेरा भेजा निकाल कर रामु काका से फ्राई करवा कर कुत्तों को खिलाऊंगा।समझे।
अरे ,खिला देना ।सिम्मी भाभी मुझे गार्डन में मिलने मुझे बुलाई है।किसी मुसीबत में है मुझे लग रहा है ।जा रहा हूँ ।
अबे,सुन मेरे हनुमान जी सिम्मी को क्या परेशानी है।अभी फोन कर।
फोन तुम क्यों नहीं कर लेते।
अरे यार ओ मुझसे बहुत नाराज है।
कोई वजह होगा,तू पगल है ।तुझे तो बॉम्बे जाने का चसखा लग गया है।राज सर का डाइरेक्टर बन जायेगा ।मैं छत्तीशगढ़ का वेदान्त फ़िल्म प्रोडक्शन का मालिक।
दिन में मुंगेरी लाल के सपने न देख कर ।यैसे गढ्ढा में गिरेगा पानी पिलाने वाला तुझे कोई नहीं मिलेगा ।सिम्मी का बता ।उसे क्या परेशानी है मेरे रहते।
तू लल्लू क्या कर सकेगा उनसे शादी ।सिम्मी तुम से प्यार कर के गलती कर डाली है।सब काम मैं करूऔर गाली भी खाऊ।सिम्मी की शादी एक चपरासी के बेटा चपरासी से हो रहा है।जल्दी कर नहीं तो पसताएगा।
मैं सिम्मी से मिलने जाने वाला ही था।उनके बाप से हाँथ मांगने।
उसका बाप तुम्हे सिम्मी का हाँथ नहीं देगा।तू रहीस बड़ा आदमी है।
मैं गरीब बन जाता हूँ ।किसी आफिस में मैं भी चपरासी की नौकरी कर लूंगा।
मेरा चपरासी बन जा।एक काम करना मेरा अंडरवियर,बनियान धो देना समझे।
सिम्मी के लिए मंजूर है।अभी चल उनके घर,कार निकलता हू।
पागल तुम ,धैर्य रख ।मुझे कुछ करना पड़ेगा।
उनके घर और सिम्मी की बात मैं ही जनता हुँ।