किसान आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। किसान जो सबका पेट भरते हैं आज के समय में भूखे मर रहे हैं जिसका मुख्य कारण हमारी सरकार और भ्रष्टाचार हैं किसान को चाहे अनाज बेचना है या खाद खरीदना है उस पर नुकसान किसान ही उठता है।
किसान जब अनाज को बेचता है तो उसे पर मुनाफा बिचौलिए को होता है जो अनाज को खरीद कर गोदाम में रखते हैं किसान के पास इतना पैसा नहीं होता है कि वह अनाज को गोदाम में रखे और सही समय आने पर उसे बेच सके। साल भर की तंगी झेलने के बाद जब फसल तैयार होती है तो किसान की मजबूरी होती है कि उसे बेचकर कुछ रुपए प्राप्त कर सके जिससे वह अपना घर चला सके।
किसान के पास पर्याप्त पैसे ना होने के कारण किसान साहूकारों, बैंक और किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लेता है जो वापस नहीं कर पाने के कारण उसके पास एक आखरी रास्ता बचता है और वह आखरी रास्ता है आत्महत्या I
किसानों को महंगे दरो पर बीज खरीदना पड़ता है ताकि उनकी फसल अच्छी हो सके। लेकिन अच्छी फसल के लिए किसानों को खाद की भी जरूरत पड़ती है जो पर्याप्त मात्रा में सोसायटी
पर उपलब्ध नहीं हो पाता है जिसके फल स्वरुप किसान को बाहर से ही खरीदना पड़ता है। जिससे किसान को दोहरा दंड भोगना पड़ता है एक तरफ फसल का उचित मूल्य न मिल पाना और दूसरी तरफ खाद महमें दामों पर खरीदना। जिसका मुख्य कारण यह है कि सरकारी समिति पर घूसखोरी । सरकारी समिति पर पर्याप्त मात्रा में खाद न मिलने के कारण किसान किसान की मजबूरीहैं कि वह बाहर से खाद खरीदे और और खेत में खाद का छिड़काव करें। सरकारी समिति और बाहर के मूल्य के बीच अंतर लगभग डेढ़ गुना तक होता है जिसका भार किसान को उठाना पड़ता है
किसानों को यही यही तक नहीं सहना पड़ता है किसान की फसल को जंगली जानवर और छुट्टे पशुओं के द्वारा भी नुकसान होता हैं जिसका भार किसानों पर होता है किसानों को फसल की सुरक्षा दिन मे तो करते हैं रात को भी करना पड़ता है जिसका मुख्य कारण छुट्टे पशु और जंगली जानवर होते हैं।
आज की दौर में खेती करना आसान नहीं रह गया है नौकरी तो सभी कर सकते हैं पर खेती करने को कहा जाएगा तो सभी नहीं कर सकते।
किसानों को खेती करने के लिए दिन पर दिन नए उपकरण बाजार में आ रहे हैं लेकिन उपकरण महंगे होने के कारण किसानों के पास पहुंच नहीं पाते हैं।
हमारी सरकार को चाहिए कि किसानों की सहायता करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग खेती क कामो से जुड़ सके l
हमारी सरकार को यह भी चाहिए कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करें ताकि खेती में ज्यादा लोगों की रुचि बन सके l जितना ज्यादा लोग खेती से जुड़ेंगे उतना ही ज्यादा हमारा देश तेजी से तरक्की कर सकता है l
किसने की मजबूरी का फायदा इतना ज्यादा उठाया जाता है कि किस दिन पर दिन टूटटा जाता है और उसकी मन खेती की ओर नहीं लग पाता है।
किसान की मजबूरी का इतना ज्यादा फायदा उठा लिया जाता है कि किसान अपना पेट की मजबूरी लिए खेती करता है।