Prem - 3 in Hindi Love Stories by alaywritss books and stories PDF | प्रेम - मेरे प्यार की शुरूआत - 3

Featured Books
Categories
Share

प्रेम - मेरे प्यार की शुरूआत - 3

यादें और नई शुरुआत 

हमारा रिश्ता खत्म होने के बाद हम दोनो एक दूसरे की कहानी से निकल गए पर कुछ यादें थी जो कभी दिल और दिमाग से नही निकल सकती।

मेरी जिंदगी की वो पहली लड़की थी जिसे में पसंद करता था और प्यार करता था , जिगनेशा वो लड़की थी जिसके साथ मैं पूरी जिंदगी बिताना चाहता था पर हो ना पाया । उसकी सोच और मेरी सोच का कोई मैल नही था ।

वो इन सब चीजों में नही मानती थी वो तो सिर्फ प्यार को एक टाइम पास का जरिया मान लिया था और वो सिर्फ प्यार के नाम पर सिर्फ टाइम पास करती थी।

वो ऐसी लड़की हैं जिसको मेरे दिल और दिमाग से निकाल ना बहुत मुश्किल हैं , क्योंकि टाइम पास वो कर रही थी मैं नहीं । 

मानो या ना मानो लेकिन ये सच हैं की कोई भी इंसान अपने पहले प्यार को कभी भुला नहीं सकता और वो दिल से निकलता है । वो प्यार ही क्या जो उसके जाने के बाद खत्म हो जाए ।

हर इंसान के लिए अपने पहले प्यार को भुलाना बहुत कठिन होता हैं , वो प्यार को भुलाया जा सकता है पर 100 % नही , क्योंकी वो पहला शख्स जो कभी आपका हुआ करता था वो आज किसी और का हैं वो कभी 100 % दिल से नही निकल सकता 1% भी कही ना कही उसकी यादें रह जाती हैं।

उसके जाने के बाद मेरे पास सिर्फ उसकी यादें है और उनकी कुछ तस्वीरे जो कभी वो सामने से भेज दिया करती थी । अपनी तस्वीर ( Photo ) भेज कर पूछती थी कैसी लग रही हूं इस photo में ? वो सारी तस्वीरे हैं मेरे पास बस और कुछ नही ।

पर उसके जाने के बाद वो सब कम लगने लगा और कुछ उसकी यादें होती और तस्वीरे तो उसके सहारे ही में पूरी जिंदगी निकल देता ।

लोग कहते हैं अपने पहले प्यार को भुलाया जा सकता हैं पर नया प्यार ( हमसफर ) पहले वाले से भी बहेतरीन होना चाहिए , और ये बात थोड़ी बहुत सच भी है ।

में बस उसकी यादों के साथ अपना समय व्यतीत कर रहा था और भुला ने की कोशिश कर रहा था । ऐसे ही जिंदगी निकल रही थी , उसकी यादों में तब ही मेरे सोशल मीडिया पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और वो किसी लड़की की थीं ।लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट देख कर लगा कोई फेक अकाउंट वाला होगा और मैने उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नही करी , और इग्नोर करके सो गया ।

फिर वही लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट दुबारा आई हुई थी उसके बाद मुझे लगा की कोई पक्का कोई लड़का ही लड़की की प्रोफाइल बना कर टाइम पास करने वाला होगा । फिर मैंने उस प्रोफाइल देखा पर मुझे कुछ लगा नही की ये लड़के ने ये प्रोफाइल बनाई हैं ।

ये फ्रैंड रिक्वेस्ट का सिल - सिला ऐसे ही चलता गया वो हर रोज उसी प्रोफाइल से रिक्वेस्ट भेज रहा था या भेज रही थी।एक दिन उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट के साथ एक मैसेज भी आया था , Hii , Good Morning। उसके बाद तो मुझे पक्का लगने लगा की ये कोई लड़का ही हैं जो परेशान कर रहा है।

मैने उसके मैसेज का जवाब दिया , Good Morning से हुई बात की शुरुआत , फिर वो मेरी हर सोसल मीडिया की फोटो को लाइक करने लगा या लगी मुझे लग नही रहा था की ये कोई लड़की करती होगी ।

एक दिन मैंने अपने सोशल प्रोफाइल पर स्टोरी लगाई थी, वो मेरी स्टोरी भी लाइक करने लगी , पर मुझे विश्वास नहीं था की ये लड़की भी हो सकती हैं । फिर मैंने थोड़े समय बाद अपने एक दोस्त को दी ये सोशल मीडिया प्रोफाइल ( ID ) और उसको कहा कि कौन है ये पता लगा और ना हो तो बात करना कोई लड़की हैं या लड़का , उसके बाद वो उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी पर वो एक्सेप्ट ही नहीं कर रही थी।

मेरे दोस्त ने दो - तीन बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर देखी पर उसने एक्सेप्ट ही नहीं की फीर मेरे दोस्तने सीधे मैसेज किया कौन हो तुम और कहा से ही ये सब पर उसके मेरे दोस्त को कुछ नही बताया ।

एक दिन मैं ऐसे ही बैठा था तब उसका मैसेज आया , क्योंकि मैं तो करता नही था मैसेज क्योंकि मुझे कोई फेक अकाउंट लग रहा था इसलिए , उसका मैसेज था , कया कर रहे हो याद भी नहीं करते तुम ।

ये मैसेज देखा और मैने जवाब दिया की में तुम्हे जानता नही तो कैसे तुम्हे याद करू ?

इस तरह हमारी थोड़ी बातें शुरू हुई और हमारा परिचय हुआ , पता चला की वो मेरी पुरानी स्कूल की लड़की हैं जिसका नाम नव्या था , वो मेरे साथ कक्षा 10 तक मेरे साथ पढ़ती थी पर 11वी के बाद हम सब अलग अलग हो गए थे । 

नव्या मुझे बहुत अच्छे से पहेचानती थी पर में उसे पहेचान न पा रहा था क्योंकि की मेरे क्लास में दो नव्या नाम की लड़किया थी , पर मैं झूठमूठ का पहचान ने का नाटक करने लगा हा हा पहेचना कह दिया और बाते चलती रही।

ऐसे ही बिना पहचाने मैं उसे बाते करता था और बाते होती रही , एक दिन उसने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अपनी फोटो के साथ स्टोरी लगाई , तब मैंने उसे पहेचाना की कौनसी नव्या हैं ये , ये वो नव्या हैं जिसे में कक्षा 10 वी से पसंद करता था पर कभी बताया नही । ये वो नव्या थी ये जान के मुझे बहुत खुशी हुई कि मेरे कक्षा 10 वी की लड़की जिसे मैं पहले पसंद करता था , उसे बता नहीं पाया क्योंकि 10 वी के बाद हमारा स्कूल बदल गया और कक्षा 11 वी में वो जिग्नेशा नाम की लड़की को पसंद करने लगा था और आगे क्या हुआ ये सब जानते ही हो आप सब ।

में मेरे कक्षा 10वी की पसंदीदा लड़की से बात कर रहा हु ये मुझे विश्वास नहीं हो रहा था , नव्या से मेरी हर रोज बातें होने लगी और रात भर बाते करने लगे । मैने उसे बताया नही की वो मुझे कक्षा 10वी से पसंद थी , पर अब मैं कुछ कहना नही चाहता था क्युकी मेरे साथ जो पहले हुआ वो मुझे फिरसे दोहराना नही था । 

नव्या और मैं रात भर ऐसे ही बाते करते थे एक दोस्त से बाते करते हो बाकी कुछ और नही था , इसलिए मैंने उसे बाते करता था पर , क्या करे लड़को का स्वभाव किसी भी लड़की से बात हो और उसे उस लड़की से प्यार ना हो ऐसा हो ही नही सकता ,  लड़को का स्वभाव ही ऐसा होता हैं की उसे प्यार हो ही जाता है और में तो उसे कक्षा 10वी से पसंद करता था , मेरा उससे प्यार तो पहले से ही था पर बताना नही चाहता था , क्योंकि हम ऐसे ही दोस्त बन के रहते haj। और बाते करते उससे ज्यादा और क्या चाहिए । अगर मैं उसे कह दूं की तुम मुझे पसंद हो , तो वो मुझेसे बात करेगी या नही और उसे बुरा लगेगा , ये सोच के मैने उसे ना बताना ही अच्छा समझा और सोचा की अभी नव्या से बात करते समय ही कितना हुआ है थोड़ा समय के बाद क्या करना हैं वो देखेंगे , ये सोच के मैने उसे कुछ बताया नही ।

यहां से मेरी नई शुरुआत तो हुई पर दोस्ती की और में और नव्या ऐसे ही हर रोज दोस्त की तरह बातें करते थे , मेरी ये नई शुरुआत मेरी पुरानी यादों को भुलाने के लिए काफी हैं , पर ये दोस्ती की नई शुरुआत कब तक चलती है और आगे ये दोस्ती किस तरह मोड़ लेगी ये आगे की कहानी या Ch - 4 में क्या होता हैं ये देखते है। 

 

 

To Be Continued...