** ओम नमः शिवाय **
** इश्क़ होना ही था part- 12 **
अभी तक हमने देखा की अक्षत और शिव दोनों मिताली की फोटोस दिया और अहाना को दिखाने के लिए आते है और दिया वो फोटोस उन्हें भेजने के लिए बोलती है...
" आपका नंबर...?"
अक्षत बोलता है...
"अरे में अपने नंबर पर भेज देती हु..."
अहाना बोलती है और खुद ही अक्षत के फोन से फोटोस भेज देती है...
" मेने बोला था ना ये लड़की..."
शिव धीरे से बोलता है पर अक्षत उसके हाथ को पकड़ लेता है और शिव चुप हो जाता है...
"मुझे लगता हे ये लड़की जिसे सब पता है फिर भी वो नहीं समझेगी..."
शिव मन में ही सोचता है...
"एक मौका मिला था फिर भी..."
अक्षत अपने मन मै सोचता है...
"तुम दोनों घर कैसे जाओगे...?"
शिव बात बदलने के लिए बोलती हैं....
"हम टैक्सी बुलाने वाले हैं...."
अहाना बोलती हैं....
"नहीं, हम तुम्हें घर छोड़ने आएंगे..."
शिव बोलती हैं...
"नहीं, हम चले जायेगे आप परेशान मत हो...."
दिया बोलती हैं...
"मिताली ने मुझसे पहले ही कह दिया था की आप दोनों को हम ही आये घर छोड़ने के लिए ...?"
अक्षत कहते हैं....
तब यह तय हो जाता है.... और अगले दिन सुबह निकलने का निर्णय किया जाता है...
"चलो अब हम चलते है ..."
अक्षत बोलता है और दोनों रूम से बहार निकल जाते है...
"तुमे दिया से उसका नंबर मांगना चाहिए था..."
शिव बोलता है...
"अरे अभी हमने उनके रूम के बहार ही है , चलो अपने रूम में जाकर बात करते है..."
अक्षत बोलता है...
दोनों अपने रूम में जाते है
"मेरे भाई तेरी तो लव स्टोरी शरू होने से पहले ही ख़त्म हो गयी...
तुमें जल्दी ही अपने दिल की बात दिया को बतानी चाहिए और एक तुम हो जो कुछ बोलते ही नहीं उसके सामने..."
शिवजो बोले ही जा रहा था पर जब उसका दयान अक्षत पे जाता है तो वो निराश हो कर बैठा हुआ था...
वो भी आ कर अक्षत के बाजु में बेथ जाता है...
" यार कल तो दिया चली जाएगी फिर में उसे कैसे बात करुगा..."
अक्षत बोलता है...
" अरे मेरेभाई तू चिंता मत कर हम कल कुछ जुगाड़ कर लेंगे..."
शिव बोलता है...
"हां मेरे भाई..."
शिव बोलता है...
"अब हम मिताली से ही नंबर ले सकते है ..."
शिव फिरसे बोलता है...
"अगर में मिताली से नंबर ले भी लू तो उसे मेसेज कैसे करुगा और वो क्या सोचेगी..."
अक्षत बोलता है...
" इसी वजह से में चाहता था की तू खुद ही उसे नंबर मांग ले पर तू तो कुछ बोल ही नहीं पाता..."
शिव बोलता है...
" कल का दिन है बस अब मेरे पास..."
अक्षत बोलता है...
"कल अगर जल्दी उठना है तो हमें अभी सोना पड़ेगा..."
शिव बोलता है....
आज दोनों जल्दी ही सो जाते है क्युकी कल जल्दी तैयार हो कर निकल ना था...
" क्या सच में कल के बाद में दिया से बात नहीं कर पाउगा...?
दिया ने ही मुझसे बात नहीं की तो..?
दिया को मेरे दिल की बात पता चलेगी तो वो क्या जवाब देगी...?.."
अक्षत ये सब सोच रहा था पर तभी उसे दिया को गले लगाना याद आता है और इस बारे में सोचते सोचते ही उसे नींद आ जाती है...
आज के दिन की भाग दौड़ से अहाना और दिया भी बहोत थक चुके थे इस वजह से जल्दी से सर पेकिंग कर न के बाद जल्दी ही सो जाते है...
*****
अक्षत जो आज जल्दी ही उठ गया था और कब से शिव को उठा रहा था पर शिव है जो उठ ही नहीं रहा...
" शिव तू तो जल्दी सो गया था अब तो उठ जा..."
अक्षत चीड़ कर बोलता है...
" थोड़ी देर सोने देना...
तुजे इतनी जल्दी क्यू है..."
शिव बोलता है...
अक्षत जो शिव का बेल्केट लेता है और फेन बंध कर के वहा से चला जाता है...
" अक्षत इसका बदला में जरूर लूंगा..."
शिव बोलता है और तैयार होने के लिए चला जाता है...
दिया और अहाना भी जल्दी ही उठ गए थे और तैयार हो रही थी...
अक्षत और शिव हॉल में ही बैठे थे और दोनों लड़कियों का आने क्या इंतज़ार कर रहे थे...
दिया और अहाना अपना सारा सामान ले कर आती है...
" तुम दोनों आओ हम सामान ले कर रख देते है..."
अक्षत बोलता है और शिव के साथ सामान ले कर दोनों कार में रखने क लिए चले जाते है...
"अरे अब ये लड़किया कितनी देर करेगी..."
शिव बोलता है...
" सबसे मिलने में थोड़ी देर तो लगती है ना..."
अक्षत बोलता है...
दिया और अहाना बहार बहार आते है...
" अरे तुम दोनों ने कितनी देर कर दी आने के लिए..."
शिव बोलता है...
" अरे वो में अपना फोन भूल गई थी इसी वजह से आने में देरी हो गई..."
अहाना बोलती है...
"कोई फोन कैसे भूल सकता है इतना भी लापरवाह नहीं होना चाहिए..."
शिव बोलता है और अहाना इस बात का कोई जवाब देती तभ ही दीपाली बहन वहा जल्दी जल्दी आते है...
"अरे शिव तुम अपना पर्स तो यहाँ ही भूल गए थे..."
दीपाली बहन बोलते है...
" हां वो जल्दी में..."
शिव बोलता है...
" लोग खुद इतने लापरवह होते है और दूसरे को समजाते है..."
अहाना बोलती है...
"हां तो गलती हो जाती है..."
शिव बोलता है और अहाना के सामने देख कर आपने मुँह फेर लेता है...
"तुम दोनों अब झगड़ना बंध करो और जल्दी चलो..."
अक्षत बोलता है...
"चलो तुम चारो दयान रखना..."
दीपाली बहन बोलते है और वो चारो कार में बैठ जाते है...
अक्षत ड्राविंग सीट पे बैठता है और शिव आगे बैठता है...
अहाना और दिया पीछे जाकर बैठ जाती है...
वो चारो वहा से निकल जाते है...
"जाते जाते अक्षत दिया से उसका नंबर ले पायेगा...?"
"क्या आज के दिन मई अहाना और शिव कितनी बार झगड़ने वाले है...?"
" क्या अब अक्षत दिया से बात कर पायेगा...?"
" क्या दिया और अक्षत की लव स्टोरी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गयी...?"
अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....
इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...
इश्क़ होना ही था का part - 13 आपके सामने 7 december को आ जायेगा ...