Ishq Hona hi tha - 11 in Hindi Love Stories by Kanha ni Meera books and stories PDF | इश्क़ होना ही था - 11

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इश्क़ होना ही था - 11

** ओम नमः शिवाय **


** इश्क़ होना ही था part- 11 **

अभी तक हमने देखा की मितली और नितिन की धूमधाम से शादी हो जाती है विदाई के समय आता है...

सब मिल कर मिताली की विदाई करते है पर अक्षत जो वहा से अकेले ही गार्डन की तरफ जाने लगता है उसे इस तरह एकेले जाता देख कर दिया भी उसके पीछे पीछे जाने लगती है...

अक्षत जो एक पेड़ के सहारे खड़ा हो जाता है...

दिया जो उसके पीछे खड़ी हो जाती है और वो अक्षत को कुछ बोले उसे पहले की अक्षत पीछे हो कर गयाऔर दिया को गले लगा लेता है...

थोड़ी देर के लिए तो दिया भी चौक जाती है वो कुछ करे उसे पहले ही अक्षत उसे दूर हो जाता है और अपनी नज़ारे नीची कर लेता है...

दिया गुस्सा करने ही वाली थी पर जब उसकी नजर अक्षत के चेहरे पर जाती है तो उसके आँखों में आशु देख कर वो कुछ नहीं बोलती...

अक्षत जो दिया को देख कर ही उसके गले लग गया वो भी जानता था की उसने गलती की है और इसी वजह से वो अपनी नजरे नीची कर के खड़ा रहता है...

"सोर्री मुझे माफ़ करना...."

अक्षत आपने आँशु पोछते हुए बोलता है...

"कोई बात नहीं...."

दिया बोलती है...

"तुम यहाँ अकेले क्यों आ गए..."

दिया बोलती है...

" बस मिताली को जाते नहीं देख पाता में..."

अक्षत बोलता है...

" पर वो कहा हमसे दूर जा रही है जब जाहे हम उसे मिलने जा सकते है..."

दिया बोलती है...

"जब से मम्मी गयी है मेरी लाइफ से तरफ से में यहाँ चाचा के घर आ गया था रहने के लिए...

और अब मिताली भी मुझसे दूर हो गयी..."

अक्षत बोलता है...

"अरे आप जब चाहो तब मिताली से मिल सकते हो..."

दिया बोलती है...

"और हा , ऐसे आपके एकेले यहाँ बैठ कर रोने से क्या होगा..."

फिर से दिया बोलती है...

दिया अक्षत से पूछना तो चाहती थी उसकी मम्मी के बारे में पर वो पूछ नहीं पाती और अक्षत को समझाने के बाद वो दोनों सबके पास चले जाते है...

अक्षत जो अपनी बाते सिर्फ मिताली और शिव को ही बताता था और आज पहली बार उसने किसीसे अपने मन की बात की...

आज उसने पहली बार किसी लड़की को गले लगाया था और दिया क्या सोच रही होगी मेरे बारे में उसे बुरा लगा होगा तो की मेने ये किया...

अक्षत जो दिया के साथ ही चल रहा था पर उसके मन में यही सब चल रहा था...

"अरे तुम दोनों क्या भी सही है...

पता नहीं कहा गायब हो जाते हो...."

अहाना बोलती है...

" जल्दी चलो मेरे साथ..."

अहाना बोलती है और दिया का हाथ पकड़ कर दिया को अपने साथ ले जाती है....

अक्षत जो दिया को ही जाते देख रहा थे जब उसके कंथे पर किसीका हाथ महसूस हुआ तो वो पीछे देखता है...

"अरे अब कितनी देर तक ऐसे ही देखते रहोगे..."

शिव अक्षत के कान में बोलता है...

अक्षटी कुछ नहीं बोलता और अपने कंधे पर से शिव का हाथ हटाता है और वहा से चला जाता है...

"अरे रुको तो सही..."

शिव भी उसके पीछे पीछे जाने लगता है....

अक्षत भी जल्दी से आपने रूम में जाकर शिव अंदर आये उसे पहले ही दरवाजा बंध कर देता है...

*****

मिताली और नितिन दोनों घर पहुंचते हैं और वहां उनका स्वागत बेहद धूमधाम से होता है....

पहले नितिन की मम्मी दोनों की आरती उतरती है और बाद में मिताली को कलस गिरा कर घर में आने के लिए कहते है और कुमकुम की थाली में अपने पैर रखने के बाद मिताली को घर में प्रवेश करने को कहा जाता है...

आज मिताली ने अपनी जीवन की एक नयी शरुवात आपने प्यार के साथ की थी और एक एक करके सारी रस्मे होने लगती है...

नितिन मिताली की सारी फोटो जो रस्मो को दौरान ली गयी थी वो अक्षत को भेजता है...

अक्षत उन सारी फोटोस को देख कर भावुक हो जाता है...

शिव जब रूम में आता है तो वो अक्षत जो अपने फोन में ही कुछ देख रहा था...

" क्या कर रहे हो तुम..."

शिव बोलता है और उसकी नजर अक्षत के फोन में जाती है...

वो भी अपनी बहन की फोटो देखने लगता है...

वो दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते है और थोड़े से भावुक भी हो जाते है...

"चल ये फोटो हम अहाना और दिया को भी दिखाने चलते है..."

शिव बोलता है...

"हां.."

अक्षत बोलता है और दोनों वहा से मिताली के रूम में जाते है...

" हम आ सकते है क्या..."

शिव बोलता है...

दरवाजा खुल्ला ही था और वो दोनों अपनी पेकिंग कर रहे थे...

" अरे आ जाओना..."

दिया कहती है और वो दोनों रूम में आते है...

दिया और अहाना अपना जितना सामान बेड पर फैलाके के बैठी थी वो सब जल्दी जल्दी लेने लगती है और दोनों को बैठने के लिए बोलती है...

"अरे मिताली के फोटो नितिन जीजू ने भेजे है..."

शिव जो अपने हाथ में फोन था उसे दिखते हुए बोलता है...

अहाना सीधा शिव के हाथ से फोन ले लेती है....

" दिया यहाँ आओ.."

अहाना बोलती है और वो दोनों फोटोस देखने लगते है...

"ये लड़की भी कितनी अजीब है सीधा फोन हाथ से ले लिया..."

शिव अक्षत के कान में बोलता है...

अक्षत कोई जवाब नहीं देता, तो शिव उसके सामने देखता है...

" ये भी पता नहीं जब भी देखता है तो उसके आलावा किसी कोई को देखता ही नहीं..."

शिव बोलता है...

ये बात अक्षत सुन लेता है...

"तुम चुप चाप नहीं बैठ सकते..."

अक्षत बोलता है...

"हां तू देखता रे उसे..."

शिव मुँह फुलके बोलता है...

" आप ये सारे फोटो हमें भेज सकते हो..."

दिया बोलती है...

" हा जरूर..."

अक्षत बोलता है...

" आपका नंबर...?"

अक्षत बोलता है...

" दिया का नंबर मिलने पर उनकी बात आगे बढ़ेगी...?"

" दिया के जाने से पहले आपन दिल की बात बता पायेगा...?"

" शिव क्या उसकी मदद करेगा या काम बिगड़ेगा...?"

अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....

इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...

इश्क़ होना ही था का part - 12 आपके सामने 5 november को आ जायेगा ...