चलने की रफ्तार और सलीका तुम बराबर रखना ...
कदमों से कदमों का तालमेल जमा कर रखना ...
राहों में बिछड़ना फिर शायद हो जाएगा नामुमकिन ...
बस हालत और जज्बात से खुद को बेखबर ना रखना ...
5.
नदी की बहती एक शांत धारा ...
सागर से प्रकट करती है अपनी विचारधारा ...
तुम्हारे साथ जिस दिन मिल जाऊंगी ...
खत्म हो जाएगा मेरा अस्तित्व सारा ...
भूल जाएंगे मुझे यह पेड़ पौधे ...
भूल जाएगा वह किनारा ...
राहगीर आया करते थे जहां ...
शीतल करते थे, अपने मन को, पीकर मेरी जलधारा...
चांद, तारे, सूरज तलाश करेंगे मेरी ...
सागर की गहराई में, कैसे ढूंढ पाएंगे मेरा बहता हुआ नजारा ...
समय की चाल है यह ...
चलता इसी से संसार सारा ...
वक्त गुजर ही जाता है हर किसी का ...
बस अच्छे या बुरे का सवाल होता है सारा ...
6.
लहजा तुम्हारा बदला है, इल्जाम हम पर आएगा ...
मोहब्बत में यह मंजर भी ,चलो देखा जाएगा ...
वक्त - वक्त की बात है, क्या पता था ...
गुलाब की खूबसूरती देखने में, यह दिल, उसके कांटों की चुभन को भूल जाएगा ...
7.
चांद तारे नहीं, तुम सूरज बनकर आया करो ...
रोशनी से मेरा घर आंगन भर जाया करो ...
यह जिंदगी गुजर तो रही है, जैसे तैसे ...
तुम महकती हुई कोई याद सांसो को दे जाया करो ...
मुझे नहीं देखनी यह रंगीन दुनिया ...
तुम बस अपने रंग में रंग जाया करो ...
चांद तारे नहीं, तुम सूरज बनकर आया करो ...
8.
अक्सर तनहाई में जब, हम तुम्हें ढूंढने निकल पड़ते हैं ...
महसूस करते हैं, तुम्हारे हाथों के स्पर्श को ...
मेरे कदमों के साथ चलने वाले तुम्हारे कदमों की आहट को ...
कुछ इस तरह से हम, तुमसे गुफ्तगू करते हैं ...
इन खयालों के पलों में हम सुकून की सांसों को भरते हैं ...
अक्सर तनहाई में जब, हम तुम्हें ढूंढने निकल पड़ते हैं ...
9.
हमें ना ढूंढा करो तुम महफिलों में ...
हम मिलेंगे तुम्हें जंगलों में ...
एकांत किसी पेड़ के नीचे बैठे हुए ...
सुकून से अपनी मस्ती में खोए हुए ...
10.
फिसल रही है रेत सी,
मुट्ठी से जिंदगी ...
तेरे बिना बिताए पलों का,
हिसाब लगाना ही छोड़ दिया ...
11.
बेचैन हूँ इस कदर,
मुझे बेचैन ही रहने दे ...
ये बीमारी इश्क की है,
मज़े में हूँ दवा रहने दे ...
12.
इंसान तो है मगर वह इंसान नहीं लगता हमें,
जो दहेज का लोभी यारो इस जहाँ में आज बन गया है।
13.
तुम्हारे आने से ही चहकता है आंगन का वो पौधा,
अब तो तुम्हारी याद में उसकों भी मुरझाना है।
14.
तुम रखो तो सही कभी अपना कदम मेरे टूटे हुए मकान में,
तुम्हारे एक इसारे पर मैं खुद को नीलाम कर सकता हूँ।