colors of life in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | ज़िन्दगी के रंग

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ज़िन्दगी के रंग

1.
जब भी तेरी याद आती है उदास कर जाती हैं।
न जाने क्यों तेरे बिना ज़िंदगी काटी नहीं जाती हैं।।

2.
भूल क्या हुई खबर नहीं दोष क्या है पता नहीं,
हर कोई नाराज़ है मुझसे कौन है जो खफा नहीं?

3.
समझदार हो गई ये दुनिया तुमसे जो मोहब्बत हुई है,
इस तरह से पेश आते है लोग इश्क़ नहीं जैसे कयामत हुई है।।

4.
तुझमें कहीं में चलती रहूं मुझमें सफ़र तू करता रहे,
रग रग मे तेरी में बहती रहूं हर सांस में मेरी तू गुजरता रहे ।।

5.
ये इश्क़ की आग होगी न कम तुम और हम एक एटम बम
बारूद के जैसा अपना मिलन छलनी करे दिल को ये जलन

6.
ऐ दिसम्बर तू जा तो रहा है पर,
जनवरी से कहना हजारों खुशियां साथ लाए ।।

7.
सुना है कि आखिर में सब ठीक हो जाता हैं
मुझे इंतजार रहेगा जिंदगी के आखरी पलों का ।।

8.
कोई वादा ना कर, कोई इरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर ।

9.
न जाने किसने "पढ़ी" हैं मेरे "हक" में "दुआ" ?
आज "तबियत" में ज़रा "आराम सा" हैं ।।

10.
तेरे ही ख्याल पर खत्म हो रहा ये साल,
तेरे ही ख्वाहिश से फिर शुरू होगा नया साल ।।

11.
"कह दो उन निगाहं से उनकीं गली को न ताडना,
उनकीं कशिशों का समदंर उन आरजूं से कहीं बडा हैं "

12.
दूर बैठकर क्याँ मयखानें देखती हैं,
उस निगाहं से गूजर फिर खुर्दे को नशें मे देखें...

13.
तुझे लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा,
साल बदलेगा पर दिल का हाल नहीं बदलेगा...!

14.
उनके मेसेज न आना भी ये मेसेज हैं
कि उनके दिल में अब हमारी जगह नहीं

15.
तारीखे वहीं रहती है,
साल बदलते रहते हैं ।।

16.
कभी शब्दों में ना करना तलाश वजूद मेरा,
मैं उतना लिख नही पाता जितना महसूस करता हूं । ।

17.
कह दो उन निगाहं से उनकीं गली को न ताडना,
उनकीं कशिशों का समदंर उन आरजूं से कहीं बडा हैं ।।

18.
एक तेरा चहेरा देखते ही, चहेरे पे मुस्कान
आ जाती है, अगर तुम मिलकर जाते तो कितना अच्छा लगता

19.
मेरी मौजूदगी का एहसास तुझको दिलाऊं कैसे,
तू जिन्दगी है, जिन्दगी को धड़कनें सुनाऊँ कैसे,
वैसे तो बात होती है खुदा से, हर रात ही मगर,
तू मुकद्दर में ही नहीं, तुझे पाऊँ तो पाऊँ कैसे..!!

20.
हमने कभी पूछा नहीं उसने कभी बताया नही
क्या वजह रही कि हमें छोड़ दिया हमने तों कभी हक जताया हीं नहीं

21.
मुझे पसंद है चुप रहना, पर ये मेरी कमजोरी नहीं !!

22.
तन्हाई से मेरा क्या वास्ता तुम्हारी यादो का कारवाँ, जो साथ है मेरे ।।

23.
बातों में तो शायद झलक जाए इश्क़ पर,
जो इन ख़ामोशियों में इश्क़ है वो लफ़्ज़ों में कहां ।।

24.
तुझसे दूर जाने का कोई इरादा ना था,
पर रुकते भी कैसे जब तू हमारा ना था।।

25.
जा कर कोई समझायें उन्हें जो हमें नादान समझते हैं,
बात ना करने से दिल के रिश्ते खत्म नहीं होते हैं ।।

26.
दिल्लगी कर ने आया है वो,
जिंदगी मेरी बन गया है वो ।।

27.
अगर जीत तय हैं तो, कायर भी लड सकता है,
बहादुर तो वो है जो हार तय हो, फिर भी मैदान ना छोडे ।।

28.
इन होठों की भी ना जाने क्या मजबूरी होती है,
वहीं बात छुपाते है जो कहनी जरूरी होती है ।।