Ishq aur Imaan - 1 in Hindi Fiction Stories by mohammad sadique books and stories PDF | ईश्क और इमान - 1

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ईश्क और इमान - 1

उमर के अब्बा अनवर चाचा(55) गरीब फैमली से रहते है अनवर चचा चार भाईओ से छोटे है अनवर चाचा से दो बहेन भी छोटी है...जिसमे से एक छोटी बहेन राबिया का मेन रोड मे ट्रक हादसे से इंतेक़ाल(म्रत्यू) हो गया है
अनवर चाचा के चार भाई अकरम, असलम, मुनीर,मुसीर और सब से छोटी बहेन कुलसूम है
राबिया अनवर चाचा से छोटी थी कुलसूम अभी जवान है उसकी उम्र कम से कम 28 साल है....
कुलसूम की देख भाल भी अनवर चाचा को करना था
उनके वालिद राहिल पठान और अनवर चाचा की वालिदा जैनब, राबिया का सदमा बरदास्त नही कर सकी ....राहिल पठान भी अपने बेटी और अपने बीवी के हादसे के बाद बिमार हो गये थे और 1992 मे 10 फरवरी को वो भी दुनिया को अलविदा कह गये.
इस का फायदा सब भाईओ ने उठा लिया सब भाई मिलके जो भी उनके वालिद के पास था सब बटवारा कर लिया और अनवर चाचा को सिर्फ कच्चा मकान दिया.....जो देख कर लग रहा था की बस अब गिर जाएगा...अनवर चाचा अपने बीवी जो की अनवर चाचा से 10 साल की छोटी...और अपने 7 बच्चे और एक बहेन के साथ उस कच्चे मकान मे ज़िन्दगी बसर कर रहे है.....अनवर चाचा के भी तीन लडकी है और चार लडके है, जिसमे सब से बडी लडकी है ज़िकरा(28) फिर लडका उमर(26) और लडकी जुबैदा(24) लडका अयान(20) फिर एक लडकी शाएमा(18) और लस्ट मे दो लडके कामरान(16) यूसुफ(10या12साल) का है !
अनवर चाचा बहुत मेहनत करते है उनको पहले अपने बहेन कुलसूम की शादी करनी है...जो बहुत बडी टेंशन है क्यो की अब अनवर चाचा के बच्चे भी जवान हो गये है उनकी भी शादी करनी है इस बात की टेंशन लेके वो पूरे दिल्ली मे घुमते रहते है शादी के लिये पैसो की बंदोबस्त करने को......

गरमी के दिन आ गऐ थे अनवर चाचा और उनके दो बेटे रात मे बाहर लेटते है....

मंगलवार की सुबह अनवर चाचा सुबह जलदी उठ जाते है....उनके कान मे फज़र के अज़ान की आवाज पडती है....तो वो अपने आप को कहते है
उठके वजू बना लु अब कौन सी सर्दी है...
तभी उनकी नज़र उमर के उपर पडी जो पडा सो रहा है, अनवर चाचा यह देख कर उमर के उपर गुस्सा होते है
अनवर चाचा नमाज के लिय वजू बना रहे है और जोर जोर से आवाज दे कर उमर को उठाते है

अनवर चाचा
उमर .......उमर........... नालायक पडा सो रहा है उठ कर चल के नमाज़ पठ ले अल्लाह से डर ....फज़र मे पठा सो रहा है......पता नही इसकी अम्मा क्या तालीम दे रही है...

अनवर चाचा उमर उपर पानी डाल देते है वज़ू का..
उमर एकदम हडबडा जाता है ...

उमर
उम......उह....उह.....क्या हुआ.........अरे अब्बा आप भी ना पूरा दिन अम्मी परेशान करती रहती है और रात मे आप.....सोने नही देते हो...

अनवर चाचा
अच्छा लाड साहब को ये रात लग रही है....
उठ जा अब ........सुबह का वक्त हो रहा है ... ..इनको रात लग रही है......

अनवर चाचा अपने बीवी को अवाज दे के नमाज़ पडने चले जाते है.....

अनवर चाचा
ज़िकरा की अम्मी उठ के नमाज़ पड लो....खुद पडी सोती रहती हो और बेटिओ को भी सोने देती हो.......
मै नमाज़ पढने जा रहा हु उठ के नमाज़ पढ कर चाय बनाओ...( तेज से सब बच्चो को डांटते है) ....सब की सब नालायक पडे सो रहे है ........पूरा घर मनहूस जैसे पडे है......


अगले एपिसोड मे क्या कुलसूम के लिये लडका तलाश कर पायेंगे अनवर चाचा


बने रहे हमारे साथ ईश्क और इमान की सिरीज मे....
हम आपको ऐसे ही अच्छे और आपके पसंद के फिल्मी कहानी सुनाते रहेंगे............👍✍️✍️