collection of good thoughts in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | सुविचार संग्रह

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सुविचार संग्रह

1.
कितने खुबसूरत हुआ करते थे
बचपन के वो दिन,
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से,
दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी...

2.
इधर उधर से रोज यूँ ना तोड़िए हमें,
अगर खराब हैं तो फिर छोड़िये हमें...

3.
अब उसकी हर बात पे चुप रहता हूँ,
हम - सा पत्थर भी कोई क्या होगा...?

4.
ज़िन्दगी में सब कुछ आसान लगने लगता है,
जब हमारा परिवार हमारे पास होता है।

5.
आँखे हँसती हैं, मग़र दिल ये रोता है,
जिसे हम अपनी मंजिल समझते हैं,
उसका हमसफ़र कोई और ही होता है...

6.
"प्यार अगर सच्चा हो तो...
कभी नहीं बदलता...
ना वक्त के साथ...
ना हालात के साथ..."

7.
"हमारे दरमियां की रजिंशे
जम़ाने को न बता
मोहब्बत का भ्रम
अभी रहने दे।"

8.
"जैसे पतंग उड़ नहीं पातीं
अपनी डोर के बिना,
वैसे ही मेरी जिंदगी भी
अधूरी है आपके बिना..."

9.
"खुद को साबित करने को,
बनावट की जरूरत ही नहीं,
सच्चा दिल, मासूम - सी निगाहें,
देखो कितनों को घायल कर जाती हैं..."

10.
"एक समझदार आदमी वही है,
जो दूसरों को देख कर,
उनकी विशेषताओ से सीखता है,
उनसे तुलना और ईर्ष्या नहीं करता है।"

11.
"क्यों...? रब के दरपे लोग खुशी कि भीख मांगते है,
जब खुशी की सही वजह तो घर, परिवार के लोग ही है...!"

12.
"रिश्ते मुरझा जाते हैं
गलतफहमियां से,
बिखर जाते हैं
अहंकार से रिश्ते..."

13.
"बहुत, मर - मर के जी लिए,
चलो, अब जी कर मरते हैं।"

14.
"चलो न साथ चलते हैं,
समंदर के किनारों तक,
किनारे पर ही देखेंगे,
किनारा कौन करता है..."

15.
"ख़ूबसूरती, दिल और ज़मीर मे होनी चाहिए,
बेवजह लोग, उसे सूरत व कपड़ो मे ढूढ़ते है..."

16.
"मैंने हिसाब मे रहने वाले लोगों को बेहिसाब होते देखा है,
मैंने लोगों को बदलते नहीं बेनकाब होते देखा है..."

17.
"कैसे भुलाए उन अतीत की यादों को,
जो हर शाम ढलते सामने आ जाती है..."

18.
"मैंने तितली की नब्ज़ पकड़ी है,
मैंने फूलों का दर्द देखा है,
मैंने अक्सर बहारे शफक़त में,
सबज़ पत्तों को ज़र्द देखा है... "

19.
"आंखें रोती भी है और आंखें हंसती भी है,
आंखें सोती भी है और आंखें जागती भी है,
आंखें आंखों से इशारों में बोलती भी है,
आंखें आंखों से भला - बुरा देखती भी है..."

20.
"कचरें में फेंकी रोटिया
रोज़ ये बयां करती हैं कि
पेट भरते ही इंसान
अपनी औकात भूल जाता है... "

21.
"अगर आप सही हो तो
कुछ सही साबित करने की कोशिश ना करो,
बस सही बने रहो
गवाही ख़ुद वक़्त देगा..."

22.
"मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे
तेरे आंसू,
मेरी साधारण - सी कमीज़,
अनमोल हो गई..."

23.
"दिल की हसरत ज़ुबान पर आने लगी,
तूने देखा और ज़िंदगी मुस्कुराने लगी,
ये इश्क़ की इंतेहा थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत मे सूरत तेरी नज़र आने लगी..."

24.
"मैं डरता हूँ उनसे,
जो चुप रहते है,
बिना कुछ कहे,
बहुत कुछ कह जाते है,
सीमा शब्दों की होती है,
मौन असीम होता है..."

25.
हम दोनों नदियां के तीरे,
मध्य हमारे अविरल धारा।
अलग - अलग अपनी दुनिया पर,
अनाद्यनंत रहे साथ हमारा।।

26.
जैसे चाँद के होने से,
रोशन ये रात है।
हां तेरे होने से मेरी ज़िंदगी में,
वैसी ही कुछ बात है।।

27.
उम्मीदें कम कर्तव्य ज्यादा रखो,
खुशियां दोगुनी और गम आधा रखो,
आसान हो जाएगा राहे सफर,
सुनने में सहनशीलता और बोलने में मर्यादा रखो।।

दिनेश कुमार कीर