matters of the heart in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | दिल की बातें

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दिल की बातें

1.
जिस इंसान को, सच बोलने की आदत होती है।
उस इंसान से लोग, सबसे ज्यादा नफरत करते हैं।।

2.
अच्छे संस्कार और संस्कृति ही,
हमारे जीवन को सभ्य और सराहनीय बनाते हैं।

3.
अरसे बित गए, तेरे इश्क को लिखते लिखते।
दो लफ्ज़ तू कभी, मेरे सब्र पर ही लिख दे।।

4.
अनुमान "मन की कल्पना" है, और अनुभव "जिंदगी का सबक" है।
सच्ची खुशी तभी होती है, जब आपकी सोच, "कथन और कर्म में समानता" हो ।।

5.
मेरे इनकार में तुम हो,
मेरे इजहार में तुम हो,
मेरी हर जीत में तुम हो,
मेरी हर हार में तुम हो,
मेरी हर इक उदासी का,
मेरा प्रतिकार तुमसे है,
मेरे हर गीत में तुम हो,
मेरे श्रंगार में तुम हो।

6.
जिसमें जैसे संस्कार होंगे,
वो सदैव वैसा ही आचरण करेगा।

7.
मधुर वाणी और अच्छे संस्कार,
हमारे बड़ों से मिले हे "साहिबा"
कहीं से कोपीराइट नहीं किए।

8.
"समस्याएँ" हमारे 'जीवन' में बिना किसी 'वजह' के नहीं आती है।
उनका आना एक 'इशारा' है कि हमे अपने जीवन में कुछ "बदलना" है।।

9.
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है।
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जता है।।

10.
वक्त से हारा या जीता नही जाता, केवल सीखा जाता हैं।

11.
टटोल खुद को, ए मन देख जरा।
किसी कोने में पड़ी, ज़िन्दगी लौट आएगी।।

12
नाज़ तब से है हाथो की रेखाओं पर,
आप जब से मेरे राशिफल हो गए।

13.
आज के दौर में दिल की कीमत क्या है
इसको तो यहाँ हर कोई छला करता है
मुफ्त की पड़ती है शायरी आज कल
दिल जला कर जो लिखना पड़ता है

14.
बहुत कुछ सिखाया,
ज़िंदगी के सफ़र ने अनजाने में।
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं,
जो पढ़ाया सबक़ जमाने ने।।

15.
दिल का क्या है, कहीं भी लग जाता है।
तबाह तो तब होता है, जब कहीं ठहर जाता है।।

16.
सारा जहाँ उसी का है, जो मुस्कुराना जानता है।

17.
“Success की सबसे खास बात है की,
वो मेहनत करने वालों पर फ़िदा हो जाती है।”

18.
सिर्फ महसूस किये जाते हैं,
कुछ एहसास कभी लिखे नहीं जाते हैं।

19.
किसी से ईर्ष्या करके मनुष्य उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता,
पर अपनी नींद और सुख - चैन अवश्य खो देता है।

20.
मेरे दिल में वो आई भी तो खुशबू की तरह,
मैं उसे जितना स्मेटू वो बिखरती ही जाए।

21.
लिबास कितना भी कीमती हो,
घटिया किरदार को छुपा नहीं सकता हैं।

22.
अंदाज़ा लगा लेते हैं सब दर्द का मेरे,
मुस्काते हुए चहरे का नुक़्सान यही है।

23.
आईना आज फिर रिश्वत लेते पकड़ा गया,
दिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकड़ा गया।

24.
फूल पर बैठी तितली - सी,
छूते ही उड़ जायेगी,
रंग लगे रह जायेंगे,
उंगलियों पर शेष ...!
जादू-सा जगाती है,
कितनी मनमोहक है,
तू ऐ ज़िन्दगी ...!

25.
पता क्या था हमे ...
होती क्या है शायरी ...
देखा इश्क तेरा ...
तो हमे भी ...
लफ्जो से खेलना आ गया ...

26.
अपनी आख़री हद तक रोये है उसके सामने ...
की सारे आंसू हो गये बेअसर ...
जब तक कर ना लेगा मुझे पत्थर ...
उसको सुकून नहीं आने वाला ...

27.
नाजुक से पाँव थे मेरे, चलना सिखा दिया;
राहों की ठोकरों ने, संभलना सिखा दिया;
हालात और वक्त की जादूगरी देखो;
मुझको समय के साथ बदलना सिखा दिया...

दिनेश कुमार कीर