My Toxic Love - 21 in Hindi Love Stories by misbutterfly books and stories PDF | My Toxic Love - 21

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My Toxic Love - 21

वही बाहर पार्टी हॉल में,,,,

राकेश जी नायरा को ढूंढ रहे होते हैं कि उनकी नजर एक टेबल पर जाती हैं जहां उन के उम्र का आदमी और औरत बैठे हुए थे और वही एक लड़की अपना सर झुका कर एक 5 साल के लड़के को लेकर खड़ी थी और उसके आंखों से आंसू बह रहे थे।

वो टेबल सबसे दूर थी थोड़ी इस वजह से ज्यादा किसी का उस तरफ ध्यान नहीं जाता राकेश जी को उसे लड़की का चेहरा दूर से ज्यादा समझ नहीं आ रहा था इसलिए वो उस तरह अपने कदम बढ़ा देते हैं।।।।।

और वहां बैठे उन दोनों शख्स को देखकर राकेश जी की आंखें छोटी हो जाती है और वह खुद से बोलते है ये यह क्या कर रहा है।।।।

___________________________

नायरा एक विंडो के पास खड़ी बाहर चांद को देख रही थी आज चांद पूरा निकला था और मौसम भी साफ था जिस वजह से चारों तरफ चांदनी ही चांदनी फैली हुई थी ,

और बाहर चलती हल्की ठंडी हवा महसूस करके नायरा को बहुत ही अच्छा लग रहा था,

कि अचानक ही उसे महसूस होता है कि किसी ने उसकी कमर को बहुत ही कसके जकड़ रखा है,

वो हल्का सा हिलने की कोशिश करती है कि उसे ऐसा फील होता ह की उसके पीछे खड़ा शख्स उसकी गर्दन पर अपनी गर्म सांसे छोड़ने लगता है जिसे महसूस करके नायरा की तो जान ही हलक में आ गई थी।

वह अपना सलाइवा निगलते हुए पीछे देखने की कोशिश करती है कि वह शक्स बहुत ही ठंडी और कोल्ड वॉइस में बोलता है।।।।।।।।

dont, dont move atherwaise....

बोलकर हो इंसान अपने शब्दों को अधूरा ही छोड़ देता है जिसे सुनकर नायरा का चेहरा पीला पड़ने लगता है और वह किसी मूर्ति की तरह खड़ी रहती है नायर को देखकर उस शख्स के चेहरे पर एक गहरी स्माइल आ जाती है।।।।।

क्यों आया निकल यहां से वो इस बार लगभग गुस्से में बोल रहे थे सारी बाते


आदमी अपनी जगह से खड़े होकर राकेश जी को गले लगा कर उनकी पीठ थपथपाने लगते हैं जिससे राकेश जी हल्का चढ़कर बोलते हैं विराट की बच्चों वाली हरकतें करना ना बंद करो


मैं बड़ा हो गया हूं समझे विराट हल्का हंसते हुए बोलते सीरियसली पर तुम्हारी हरकतें अभी भी वैसे ही तो ह कैसे लड़कियों की तरह मुंह फुला लिया है तुमने बोल कर हंसने लगते हैं तो वही मिष्टी अपने डैड को इस तरीके से देखकर हैरान थे क्योंकि विराट एक स्ट्रिक्ट फादर थे वो तो जल्दी स्माइल भी नहीं करते थे उसके सामने।


विराट राकेश जी को सभी से मिलने के लिया आगे बढ़ता के उसे पहले ही राकेश जी उनके गले में हाथ डालकर उन्हें अपने साथ ले जातेहुए बोलते हैं भाभी जी हम आपसे बाद में मिलते हैं पहले हम थोड़ी इनकी खातिरदारी कर दे बोलकर साइड में चले जाते हैं।।।।


मिष्टी अभी भी अपने डैड को ही देख रही थी क्योंकि विराट का नेचर हमेशा खडूस टाइप का थाऔर वो आज बहुत अलग bahave कर रहे थे।।।।

i hope gys story aap logo ko pasand a rahi ho gi