शेरगिल हाउस,,,
गार्डन को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था हर जगह लाइटनिंग की गई थी वहा पर लगे हुए पेड़ पौधों पर खूबसूरत तरीके से लाइट से डेकोरेट किया गया था वहां की लाइट में इतनी खूबसूरत थी कि देखने वालों की आंखें चमक जाए ,
वहां पर हल्के फ्लावर्स और लाइटनिंग के कॉम्बिनेशन से उस पूरे गार्डन को जिस तरीके से सजाया गया था वह बहुत ही खूबसूरत था ।।।।
तो वही अगस्त्य एक जगह पर अपनी प्यार भरी नजरों से बस एक ही जगह पर निहारे जा रहा था तभी वहां पर नरेंद्र जी आकर उसके कान मोड़ते हुए ,
शर्म नहीं आती बेशर्म इस तरीके से लड़की को ताड़ते हुए
अगस्त एक दम से अपने डेड की आवाज सुनकर हड़बड़ा जाता है ।
और जल्दी से अपना कान उनके हाथों से छुड़ाते हुए dad में लड़की को ताड़ नहीं रहा था मैं तो बस देख रहा था कि वह कितने डेडीकेशन के साथ काम कर रही।
dad आपको क्या मैं ऐसा लड़का लगता हूं
बोल कर अगस्त बिल्कुल मासूम सी शक्ल बना लेता हैं नरेंद्र जी उसे ऊपर से लेकर नीचे तक घूरते हुए मुझे तो कभी खुद पर भी इस उम्र में यकीन नहीं था,, तू तो फिर भी मेरा ही बेटा है।।।।
अगस्त्य नरेंद्र जी को अजीब नजरो से देखने लगता है तभी वहा पर सरिका जी आ जाति है
और अगस्त को रक्षित को लेने के लिए भेज देती हैं ।
अगस्त्य जा ही रहा होता है तभी उसकी नजर मिष्टी से मिलती है
मिष्टी एक पार्टी ऑर्गेनाइज की टीम मेंबर थी वह यहां पर पार्टी को ऑर्गेनाइज करने के लिए अपने मेंबर्स के साथ आई हुई थी।।।।।
और वो एक जगह देखते हुए मुस्कुरा कर अपने पास आने का इशारा कर रही थी वही अगस्त नजर भी मिस्टी पर थी उसे लगता है कि मिस्टी उसे बुला रही हैं वह मिस्टी की तरफ चला जाता है।।।।
अगस्त मिष्टी के पास जाकर उसे कस के गले लगा लेता ।।
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वहीं दूसरी तरफ ,,,,
एक आदमी अंधेरे में खड़ा था,, उसके हाथ में एक लाइटर था और एक हाथ में फोटो जिसे वह बुरी तरीके से घूरते हुए
जैसे तुमने मुझसे मेरी सारी खुशियां ,,मेरी आजादी,, मेरे जीने की वजह छीन है ना,,, उसी तरह मैं भी तुमसे तुम्हारा सब कुछ छीन लूंगा,,
जितनी मासूमियत है ना तुम्हारी शक्ल पर एक दिन में तुमसे तुम्हारी सारी मासूमियत छीन लूंगा
तुम्हें इतना अकेला कर दूंगा कि तुम पल पल मरने की भीख मगोगी पर तुम्हें मौत भी नसीब नहीं होगी,,,,,
बोलते हुए वह आदमी तेज हसने हा हा हा हा हा हा
लगता है।
उसकी हंसी इतनी डरावनी थी कि वहां के आसपास के माहौल को और ज्यादा डरावना बना रही था वह आदमी अंधेरे में खड़ा था बस उसकी हेजल आंखें जो एकदम लाल हो चुकी थी वह चमक रही थी,,,,
तभी उस कमरे का दरवाजा खुलता है और एक शख्स अंदर आता है वो कमरे में इतना अंधेरा देख कर उस कमरे की लाइट जला देता है।।।
सामने खड़े शख्स को देखते हुए भाई आप इतने अंधेरे में क्या कर रहे हैं नीचे डैड आपको बुला रहे हैं
चलिए बोलते हुए मानव रक्षित की तरफ आ जाता है रक्षित जो एक टक उस फोटो को देख रहा था और कुछ देर उस फोटो को घूरता हा और वापिस उसे अपनी पॉकेट में रख लेता है।।।।
खाली आसमान की तरफ अपनी बेजान आंखों से देखने लगता है।।।।
मानव रक्षित को इस तरीके से खाड़ा देख उसके बिल्कुल बगल में जाकर खड़े होकर अपने दोनों हाथ रेलिंग पर रखकर सामने देखते हुए बोलता है।।।
आप वापस क्यों आए हैं जहां तक मुझे पता था आप कभी वापस नहीं आने वाले थे ?लेकिन अब आप क्यों आए हैं?
बोलते हुए चांद को देखने लगता है तभी रक्षित अपनी बेजान आवाज में,
जब महबूबा उसके सनम से दूर हो जाए ना ,,तो सनम खुद अपनी महबूबा तक पहुंचने का रास्ता बनाता है,,
और यहां तो मेरी महबूबा मुझसे बहुत दूर जा चुकी है मुझे तो वापस आना ही था ना।।
बोलते हुए उस चांद को निहारने लगता है ।।।
मानव को रक्षित के बात कुछ समझ नहीं आ रही थी वो रक्षित को देखते हुए_
भाई आप आखिर कहना क्या चाहते हैं मैं कुछ समझा नहीं अगर यह बात नायरा से जुड़ी है तो।
मानव आगे कुछ बोलता उससे पहले ही रक्षित मानव की तरह अपनी नजर कर अपनी बेजान नजरों से उसे घूरते हुए बोलते हैं ।।
पहले अपनी जान को संभालना सीख जाओ उसके बाद मेरे काम में अपनी टांग अड़ाना ।।।
बोल कर दूसरी तरफ देखता है ।।।
जब मानव उसकी नजरों का पीछा करता है
तो उसकी आंखे एकदम से लाल होने लगती हैं और उसकी नसे दिखने लगती है वह अजीब तरीके से अपना एक हाथ गर्दन में घूमता है।।।।
रक्षित एक नजर मानव को
देखकर अपने होंठ साइड से हल्के मोड़ कर एक डेविल स्माइल करता है और वहां से चला जाता है।।।