मीरा के खयाल मे समीम खोया रहता है ! तभी दरवाजे मे दस्तक होती है..
दरवाजा... खट खट .........खट खट.....
समीम एकदम से घबरा के उठता है.
समीम.. कौन है...आरे आ रहे है अब क्या दरवाजा को तोड दोगे क्या , मर खट खटाए जा रहे हो...!
समीम जैसे दरवाजा का पहला पल्ला को खोलता है, तो समीम की आंखे खुली की खुली रह जाती है!
समीम हक्लाते हुए बोलता है..
समीम... प....प....पुलिस.....
डरते हुए पुलिस से पछता है
समीम... जी.....जी सर .......बताये मेरे घर कैसे आना हुआ...क्या बात है..
पुलिस को देख कर समीम इतना डर जाता है..कि डर से उसका पूरा बदन कांपता रहता है......इंसपेक्टर सुभास चंद्रशेखर..(38)जो परेशान लोगो से नरमी और मुजरिम से बेहद सकती से पेश आता है...........वो सबइंसपेक्टर सूरज कुमार को कहता है....
इंसपेक्टर सुभास चंद्रशेखर..... सूरज कुमार समीम को पकड कर बैठाओ.. कुर्सी मे ...
सूरज वही अंदर के दरवाजे के पास से कुर्सी उठा कर लाता है..और समीम को पकड कर बैठाता है....
सूरज कुमार... चचा आप पहले यहा बैठो..सब बताते है आप को......
समीम सबइंसपेक्टर सूरज की तरफ देखता ...फिर इंसपेक्टर सुभास चंद्रशेखर की तरफ देखता डरते हुए बैठ जाता है.....तभी इंसपेक्टर सुभास...पास मे रखे टेबल मे रखे जग से गिलास मे पानी निकाल कर समीम को देता है ...पीने को....
इंसपेक्टर सुभास चंद्रशेखर..... समीम जी आप की बेटी कहा है...इस वक्त सीमा खान....कुछ खबर है उसकी....कहा है क्या कर रही है किसके साथ रहती है....
समीम डरते हुए फिर से सबइंसपेक्टर सूरज की दरफ हैरान हो कर देखता है..और पुछता है....
समीम ...सर मेरी बेटी ने क्या किया है....
......सर मै अपने बेटी की तरफ से माफी मांग रहा हु.......अगर उस से कुछ गलती हुई हो तो.....
समीम सुभास चंद्रशेखर के सामने हाथ जोडता है..
इंसपेक्टर सुभास चंद्रशेखर... आप परेशान ना हो आप की बेटी ने कुछ नही किया ...हमको खबर मिली है आप के बेटी को कुछ लोग किडनैप किया है....
यह सुन कर समीम रोने लगा कहने लगा..
समीम खान... मैने कितनी दफा मना किया ऐसे देर रात तक बाहर न रहा करो....पर मेरी नही सुनती थी........(रोते हुऐ कहता है) पता नही कहा होगी क्या हुआ होगा मेरे बेटी के साथ...
समीम दोनो हाथ उपर आसमान की तरफ उठा कर दुआ मांगता है....
समीम खान..... अल्लाह मेरे बच्ची की हिफाज़त करना जहा भी हो ..........अल्लाह उसके इज़्ज़त की हिफाज़त करना......
और रोने लगता है जोर जोर से नाम ले ले कर
सीमा को याद करता है ! और अपने पत्नी को याद करता है और कहता है...
समीम खान.... मीरा मैने हम दोनो की निशानी को नही सम्भाल सका ...ना एक अच्छा पिता बन पाया ना एक अच्छा पति...बन सका मुझको माफ कर दे मीरा...मैने तुम्हारी बात को नही सुना ये मुझको उस बात की सजा मिली है......
समीम इंसपेक्टर सुभास चंद्रशेखर की तरफ देख कर कहता है ...
समीम खान... सर मेरे बेटी को बचा लो ....वो लोग मेरे बेटी को मार डालेंगे सर.......प्लीज .........
समीम सुभास चंद्रशेखर के सामने हाथ जोड कर कहता है...
इंसपेक्सुटर भास चंद्रशेखर.... कुछ नही होगा सीमा को....तुम परेशान मत हो.......
सीमा को किसने किडनैप किया है ये जानने के लिये हमको फाॅलो करो.....
बकी की कहानी अगले पार्ट मे आएगी ...
हमको सपोर्ट करे हम ऐसे के रोमंचक कहानी लेके आएगें
ईसके बाद हम आपके लिये