Wo Ankahi Bate - S2 - 5 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 5

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वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 5

बिमल ने कहा क्या मम्मी जी आप भी?हर बार ये बात कहना जरूरी तो नहीं है।।
यश ने कहा हां,बस अब गुस्सा आया पापा को!!
बिमल ने कहा नहीं बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आया हमें बल्कि हम समझा कर बहुत समय गुजर चुका है पर आप लोग तो।।।
निर्मला ने कहा हां, ठीक है यशु का शादी करा देते हैं बस।।

सब हंसने लगे और फिर यश ने कहा क्या दादी मां आप मेरे पीछे पड़ गई अब?
मोना ने कहा हां ठीक कहा दादी ने कोई है क्या??
यश ने कहा हां और क्या, है तो।।
वैसे अब चलिए खाना खाने। सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ गए।
सरिता ने सबका थाली लगा दिया और फिर सबको रोटी गर्म- गर्म खिलाने लगी।
यश के दादा जी बोले बस,बस एक दिन में पुरा खिला दोगी क्या?
सरिता ने कहा अरे बड़े बाबू जी नहीं, नहीं बिल्कुल नहीं।।
सब खाना खाने के बाद बिमल के द्वारा बनाए गया खीर खाने लगे।
यश ने कहा देखो मोना मेरे पापा क्या लाजबाव खीर बनाते हैं।।
मोना ने कहा ,हां ये तो सच है।।
फिर सब सोने चले गए।
मोना अपने चाचा जी और चाची के साथ ही सो गई थी।
बिमल सोने से पहले अपनी चांदनी से सुकुन के दो पल बात करने लगे और फिर उनका लाडला यश भी आ गए और फिर बोला अरे पापा अब आप सो जाओ।बिमल ने कहा हां, ठीक है तुम्हारी मां सदा के लिए सो कर मुझे जगा कर गई और मैं जब तक सदा के लिए नहीं सो जाता मुझे चैन कहां?
यश ने कहा क्या पापा!
बिमल ने कहा अब बस तुम्हें एक अच्छी जिंदगी देखना चाहता हूं बस एक बार शादी हो जाएं।
यश ने कहा क्या पापा। पहले मेरी ये लास्ट इयर तो पुरी होने दिजिए और उसके बाद मैं ही आपका बिजनेस सम्हालने वाला हूं आपको पता है आई एम द बेस्ट!. बिमल ने कहा हां, पर मुझे तो पहले पता होना चाहिए कि तुम क्या लव मैरिज करोगे या फिर??
यश ने कहा ओह डैड!अफ् कोर्स!लव मैरिज।आप की तरह समझौता वाली शादी तो नहीं करुंगा और वैसे भी आपने बताया भी नहीं कि क्यों ऐसी शादी किया आपने?
क्या मजबूरी थी?
प्यार था या फिर समझौता?
बिमल ने कहा हां, ठीक है समय आने पर मैं खुद तुम लोगों को बताऊंगा।।
चलो अब जाकर सो जाओ हां,
यश ने कहा ओके पापा।
यश चला गया।
और बिमल अपने पलंग पर जाकर बैठ गए और फिर चांदनी की तस्वीर को देखते हुए बोलें देखो तुम्हारे बेटे का सवाल कभी खत्म नहीं होता है हां, पता है आज भी तुम अपने यशुकी तरफदारी करोगी।
जब सही समय आएगा तो जरूर बताउंगा।
फिर रोज की तरह बिमल सो गए।
फिर सुबह सब उठ कर नहा धोकर तैयार हो कर डाईंग रूम में बैठ गए।
बिमल ने कहा मम्मी जी, पापा जी नींद आई थी?
बिमल के पापा ने कहा हां,बेटा पर सुबह की चाय और अखबार न मिले तो मजा नहीं आता।।
बिमल ने कहा ओह अभी तक सरिता नहीं आई ?तो किचन में कौन है?
मम्मी ने कहा अरे कौन होगा? मोना और यश दोनों मिलकर चाय तैयार करके सबके लिए ले कर आएं।
बिमल ने कहा वाह अदरक वाली चाय!लाओ भई!!
फिर मोना ने सबको चाय पीने को दिया और साथ में बिसकूट भी।
सब चाय खत्म किए तो सरिता आ गई और फिर अपनी राम कहानी लेकर।


क्रमशः