Hot romance - Part 4 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | Hot romance - Part 4

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Hot romance - Part 4

अरव और अरुल तैयार होकर नीचे आए तो एक शख्स नीचे फ्लोर पर हाथ में एक फाइल लिए खड़ा था अटेंशन में जब अरव को देखा तो बोला मुस्कुराते हुए "गुड मॉर्निंग सर ,गुड मॉर्निंग मैम ..

अरव ने देखा बड़े एटिट्यूड से पैंट के दोनों जेबों पर हाथ डाले सोफे पर आया और राजा कि तरह बैठा फिर बोला "गुड मॉर्निंग रोनी ...

रोनी इस विला का मैनेजर वा होम टेकर है वो अरव के तरफ बढ़ा और एक फाइल खोलकर छोटे मेज़ पर रख दिया और एक्सप्लेन किया "ये बिल है कल के पार्टी के डेकोरेशन और केटरिंग कि ..!!

घर के मेड एक ट्रे में दो ग्लास लेकर आए और अरव को दिया फिर अरुल को देने लगी तो अरुल ने मना किया ...

अरव ने अरुल को बिना देखे ही कहा " जूस पीलो स्वीटहार्ट हेल्दी है ... फिर वो सारे बिल देखते हुए जूस पिया और ग्लास रखकर फाइल के सामने कुछ चेक पर साइन किया और फाइल को रोनी देते हुए खड़े हुआ ...

रोनी फाइल लिया और अरव को देखकर फिर सिर झुका कर कहा "अरव सर मिसेज निवेदिता मैम आपसे बात करना चाहती वो आपका इंतजार कर रही है ...

अरव के सोफे के पीछे अरुल खड़ी थी वो घर को आब्जर्वर करते जूस पीने लगी खुराना विला तो एक स्वर्ग की तरह थी लंबे लंबे ऊंची ऊंची लाइट रंगों की दीवारें उन पर बड़े बड़े पर्दे बड़े झूमर एक्सपेंसिव सजावटी सामान एक रॉयल ठाठ बाठ जैसे सोफे बिल्कुल राजमहल की तरह दोनों ओर से ग्लास की दीवारें बड़े बड़े खिड़कियों से गार्डन की ताजी हवा शानदार सर्कनुमा सीढ़ी ऊपर जाने के लिए फिर वो जब रोनी के मुंह से निवेदिता सुनी तो चौंक गई
हां इस घर में अरव खुराना की मॉम भी तो है पर वो अपनी मॉम से.... वो अरव को देखने लगी आश्चर्य से.....

अरव के चेहरे का एक्शप्रेशन बदल गया भौंहें चढ़ाकर कहा क्या काम है वो तुम्हें बोल सकती है मुझसे बात करने कि जरूरत नहीं वो एक कदम लिया तो पीछे से आवाज़ आई

अरव बेटा मुझे तुमसे काम है ....

अरव‌ ने लेफ्ट साइड चेहरा किया और कनखियों से देखा ...

अरुल भी कभी अरव को देखती तो कभी निवेदिता को फिर ग्लास मेड ने लिया अरुल देख सुन रही थी दोनों की बातें ऐसा लग रहा था जैसे वो दोनों सगे ना हो निवेदिता खुराना ने कोई बहुत बड़ी गुनाह कर दिया हो बात करके ऐसे रिएक्ट कर रहा था अरव ...

मिसेज निवेदिता खुराना अरव की सगी मां पर कुछ कारण से अपनी मां का शक्ल भी नहीं देखता तो बात दूर की है .. निवेदिता ने फिर कहा अरव के सख्त एटिट्यूड देखकर सहज स्वर में "अरव अक्षत घर आना चाहता है बहुत दिन हो गए उसे इंडिया देखे कोई भी त्यौहार में नहीं आया और तुमने जल्द बाजी में सगाई और शादी किया तो उसके पास समय नहीं था आने का क्योंकि फ्लाइट में दो चार दिन लग जाता अपनी भाभी से मिलना चाहता है ..

अरव पहले से नाराज़ हैं अब निवेदिता की बात सुनकर फट पड़ा गुस्से से और बेहद सर्द आवाज में कहा " मैंने उसे लंदन उसके पढ़ाई के लिए भेजा है और जब तक पढ़ाई कर रहा है तो मौज मस्ती की क्या जरूरत है बड़ी मेहनत से पैसा कमाता हुं यूं ही तुम्हारे बेटे पर पैसे नहीं खर्च कर रहा पहले पढ़ाई कर ले अपने पैर पर खड़े होने के लिए , फिर घर पर तो हमेशा ही रहेगा वो ,अरव दो टूक जवाब दिया और अरुल के हाथ पकड़कर बाहर की ओर कदम रखते हुए जाने लगा अरुल निवेदिता को देखते हुए जा रही थी और मन में निवेदिता के लिए सहानुभूति दिखाते बड़बड़ाई " बेचारी इतने प्यार से बात किया और ये खड़ूस खुराना निहायत बतमीज इंसान अपनी एरोगेंट एटिट्यूड दिखाता रहता है जाने क्या सुर पंख लगे हैं इसके ...

निवेदिता भी चुपचाप अरव को जाते देखने लगी उसके चेहरे पर मायूसी भर आई ..!!

घर के बाहर रोल्स रॉयस मर्सिडीज गाड़ी थी अरव और अरुल गाड़ी के पास आए और गाड़ी में बैठे अरव गाड़ी ड्राइविंग सीट पर था और अपने धूप का ब्लैंक चश्मा पहन रहा था अरुल बगल सीट पर थी वो अरव को देखी जिसके चेहरे पर एक शिकन नहीं थी अरुल ने जल्दी से पूछा " ये मैम आपकी मॉम है आपने उसके साथ किस तरह से पेश आए हैं...

अरव गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा "शट अप...उसने एटिट्यूड से कहते हुए गाड़ी चला दिया ..!!

अरुल और गुस्सा हुई और झिड़कते हुए बोली " उसने कितनी प्यार से बात किया आपसे आपने उसकी बातों पर ...

अरव ने आंखें दिखाते हुए गुर्राया " शट अप ,हाऊ डेयर यूं टीच मी ..अरव खुराना हुं मैं मुझे सिखाओगी .... गाड़ी रोक लिया था वो गुस्से से ..!!

अरुल सहम गई अरव के आंखों से आग और कड़वे शब्द की धमकी से ,अरव चश्मा पहना था फिर भी आंखें दहक गई थी अरुल ने महसूस किया ..!!

अरव अरुल के नीचे झुकी आंखें देखे फिर गाड़ी स्टार्ट किया और चल पड़ा , गाड़ी के अंदर रोमांटिक गाने बजते रहे अरव और अरुल के मन अलग अलग दुनिया में विचरण कर रही थी सारे रोमांटिक गाने का मुड खराब हो गया था तो जब गाड़ी ट्रैफिक पर रुकी तो अरव ने कोट के जेब से फोन निकाला और नंबर टच किया रिंग गया तो रिसिव हुआ आवाज आई तो अरव ने रौबीले आवाज में कहा "सीड सौरभ को कॉंन्ट्रैक्ट की फाइल देकर राजवंश हाऊस भेजो ... फिर उसने फोन डिस्कनेक्ट किया और अरुल को देखा जो मुंह फुलाए बैठी थी फिर उसने धीरे से अरुल के सॉफ्ट हाथ उसके जांघें पर रखी थी उसे अरव अपने हाथ में लेने को किया तो अरुल ने झटक दिया , अरव ने हटाते हुए हाथ को तेजी से पकड़ लिया और अपने उंगलियों को अरुल के हाथ के उंगलियों पर फंसा लिया तो अरव तिरछी मुस्कान देकर कहा " बेबी इतनी शर्माती क्यों हो मैं तुम्हारा हबी हुं और मेरे सामने खुद की बात किया करो मेरी बात किया करो मैं सुनूंगा , ट्रैफिक पर सिग्नल हुई आगे बढ़ने की और अरव ने गाड़ी बढ़ा दिया ...!!

अरुल मुंह मोड़ कर विंडो को देखने लगी और अरव कभी सड़क पर तो कभी अरुल को वो मुस्कुरा कर अरुल के हाथों पर किस करता उस समय गाड़ी पर एक रोमांटिक सॉग चली ....

"सजदे किये हैं लाखों
लाखों दुआयें मांगी
पाया है मैंने फिर तुझे,
चाहत की तेरी मैंने
हक में हवाएं मांगी
पाया है मैंने फिर तुझे,

तुझसे ही दिल ये बहला
तू जैसे कलमा पहला
चाहू ना फिर क्यों मैं तुझे,
जिस पल ना चाह तुझको
उस पल सजाये मांगी
पाया है मैंने फिर तुझे....

हो सजदे किये हैं लाखों
लाखों दुआएं मांगी
पाया है मैंने फिर तुझे,

जाने तू सारा वो दिल में जो मेरे हो
पढ़ ले तू आँखे हर दफ़ा
नखरे से नाजी भी होते है राजी भी
तुझसे ही होते है खफा,
जाने तू सारा वो दिल में जो मेरे हो
पढ़ ले तू आँखे हर दफ़ा हाँ
नखरे से नाजी भी होते है राजी भी
तुझसे ही होते है खफा..

कुछ देर में वो लोग राजवंश हाऊस पहुंचे ...

राजवंश हाऊस सफेद रंगों से रंगी थी सूरज के रौशनी हाऊस की चमक बढ़ा दिया था गेट खुली और गाड़ी अंदर आकर खड़ी हुई तो सिक्योरिटी खुश हुए और गाड़ी के दरवाजा खोलने आए अरुल सिक्योरिटी गार्ड दादा को देखकर मुस्कुरा दिया और बोली "कैसे है दादा ...

सिक्योरिटी गार्ड ने भी मुस्कुराकर जवाब दिया"सब ठीक है बिटिया ...

अरव बिन मुस्कुराए घर की ओर बढ़ा तो अरुल उसके पीछे पीछे गई

अंदर जाते ही बड़ी सी हॉल थी सफ़ेद टाइल्स चमचम रही थी घर पर शांति थी अरुल ने आवाज लगाई डैड , आंटी , आएशा दी .... कहां है आप सब वो आगे ही आई थी कि किचन से आंटी आते हुए बोली "अरु आ गई ...

(आंटी का नाम कोकिला पटेल इसे अरुल और आएशा के देखभाल के लिए रखा है और कोकिला ने एक मां की जिम्मेदारी निभाई थी इसलिए अरुल और आईशा कोकिला को मां की तरह आदर करती थी )

अरुल आंटी से मुस्कुरा कर गले लगी ..तभी शशांक राजवंश लाइब्रेरी रूम से बाहर आया होंठों पर मुस्कान थी पर दिल से खुश‌ नहीं लग रहा था , उसने अरव के पास आया और हल्का हग किया फिर कहा "चलो पहले ब्रेकफास्ट करते हैं लेट हो रहा है बाकी बातें बाद में करते हैं .... फिर अरुल ने डैड को देखा पर फीका रिस्पॉन्स था बस हल्का मुस्कुरा कर अरुल डायनिंग टेबल की ओर बढ़ गई ...

शेष अगले भाग में....

प्लीज़ रीडर्स स्टोरी अच्छी लग रही है तो कमेंट करे और फ़ॉलो करें मैं कोशिश करूंगी कहानी में मसाला चटपटे हो इसलिए रेटिंग कीजिए....