Dard Dilo ke - 8 in Hindi Love Stories by Anki books and stories PDF | दर्द दिलों के - 8

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दर्द दिलों के - 8

ईशा आरवी को खींच कर ले जाती है।
अरनव ईशान से अपना हाथ छुड़ा कर उसकी कमीज की कॉलर पकड़ लेता है और कहता है - तुझे दोस्त नहीं भाई समझा था पर तू तो दोस्त भी नहीं निकला। उस लड़की के पीछे तूने आज मेरा हाथ पकड़ लिया ।
ईशान आंखों में आसूं लेकर भारी आवाज में कहता है - तुझे भाई समझ कर ही हाथ पकड़ा अगर आज तू आरवी पर हाथ उठा देता तो principal तुझे कॉलेज से ही निकाल देती । तभी निया बीच में बोलती है तुम लोग please यहां से चलो अभी । सब लोग हम लोगो को ही देख रहे है ।

दूसरी तरफ आरवी और ईशा की खुशी का ठिकाना ही नहीं है दोनो को ऐसा लग रहा है जैसे उन लोगो ने कोई जंग जीत ली हो । तभी ईशा आरवी से कहती है - यार अगर वो तुझ पर हाथ उठा देता तो मुझे तो सोच कर ही डर लग रहा है ।
ऐसे कैसे हाथ उठा देता उसके हाथ तोड़ के उसके हाथ में दे देती मैं । आरवी भी पूरे जोश के साथ कहती है।
But आरवी अभी एक और टेंशन है जिसका हल तेरे पास भी नहीं है ?
अच्छा ऐसी क्या टेंशन है ?
ईशा मुस्कुराते हुए कहती है - मैडम aunty aur uncle के कल से फोन पर फोन आ रहे है । रात को तो मैंने हैंडल कर ली थी बात । पर अब मैं उनका गुस्सा हैंडल नी कर सकती । अब आ गया तेरा घर । तू कर हैंडल मैं तो जा रही हूं bye ।

शाम के समय
क्लब में निया अरनव और उनके दोस्त बैठे हुए है तभी निया कहती है बस करो अरनव कब से पी रहे हो । अब घर चलो ।
आज पूरे कॉलेज के सामने एक मामूली लड़की ने अरनव सिंह को थप्पड़ मारा । दिल कर रहा है पूरे शहर को आग लगा दूं । अरनव बोलते बोलते कांच का गिलास हाथ में ही तोड़ देता है।
तुम पागल हो गए हो ये क्या बचपना है अरनव । निया अरनव पर चीखते हुए कहती है । सनी रियान तुम अरनव को उसके घर छोड़ दो वरना ये ऐसे ही खुद को चोट पहुंचाता रहेगा और याद रहे आज की बात किसी को पता न चले ।

दूसरी तरफ आरवी के घर पे उसे डांट पड़ रही होती है -
आरवी ये क्या हरकत है । रात से शाम हो गई और तुम अभी घर आ रही हो । कम से कम एक कॉल ही कर देती ।आरवी के पापा जिनका नाम शाम है और ये एक teacher है उसे डांटते हुए कहते है ।
चलो छोड़ो अब जाने दो । बच्ची है हो गई गलती अब माफ भी कर दो इसे।आरवी की दादी उसका बचाव करते हुए कहती है ।
मां जी पड़ने दीजिए डांट इसने मुझे तंग करके रखा है । आरवी की मां शांता देवी आरवी की तरफ देखते हुए कहती है ये हाथ पे क्या हुआ है ?
कुछ नही मम्मी बस मैं गिर गई थी ।
चल खाना खा ले फिर तुम्हें हल्दी वाला दूध देती हूं ।

सुबह सुबह अरनव के घर पर हल चल मची हुई है ।
अरनव की भाभी जिनका नाम मिनाक्षी सिंह है वो उसे उठाने में लगी है ।
उधर अरनव की मां जानकी सिंह उसे आवाज देती हुई अरनव के कमरे में आती है - बहु ये उठा क्यों नही अब तक ।
मिनाक्षी सहमी हुई अपनी सास से कहती है - मां जी आप ही कुछ करिए । देवर जी को उनके और पापा जी के गुस्से से बचा लीजिए ।