Tanmay - In search of his Mother - 30 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 30

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Tanmay - In search of his Mother - 30

30

मास्टर माइंड

 

अभिमन्यु की गाड़ी वहाँ पहुँच गई I वह गाड़ी से उतरकर स्कूल की तरफ बढ़ा तो उसने देखा कि दोनों बच्चे स्कूल के गेट के बाहर खड़े हैंI उनके पास  पहुँचकर उसने कहा,

 

अरे ! तुम हॉफ क्यों रहें हो?

 

मैच खेलकर आए  हैं, न पापा  इसलिएI

 

अच्छा चलो, गाड़ी  में  बैठोI

 

 तन्मय ने राघव को मुस्कुराते हुए देखा तो वह भी मुस्कुरा दियाI अभिमन्यु ने दोनों को सोसाइटी के बाहर  छोड़ा और  ख़ुद  मॉल  की तरफ निकल गयाI 

 

अब गाड़ी  सामने से  हट गई  और सबने देखा कि  रुद्राक्ष ने योगेश की गर्दन पकड़ रखी  है और वो  बुरी  तरह  काँप   रहा हैI  इसका  मतलब  सर ने उसे गाड़ी  के नीचे  आने से पहले ही खींच लिया थाI  पूरी  पुलिस टीम  रुद्राक्ष के पास पहुँची और उसे पुलिस गाड़ी  में बिठाया गयाI

 

प्रिया अभिमन्यु से मिलने उसके मॉल पहुँच गईI  उसने उसे बिठाया और उसके लिए कुछ कॉफ़ी  आर्डर कीI

 

अभि बहुत जल्द  तुम्हारी मुश्किलें दूर होने वाली हैI

 

मज़ाक कर  रहीं  हों I

 

नहीं, सच  कह रहीं  हूँI

 

क्यों किसी ज्योतिषी के पास गई  थींI

 

प्रिया ने हँसते हुए कहा, हाँ ऐसा ही समझ लो,  किसी ज्योतिषी को ही  हाइयर किया हैI

 

तुम भी न, बिल्कुल  नहीं बदलीI उसने उसे कॉफ़ी देते हुए कहाI

 

पुलिस स्टेशन में  पहले  तो रुद्राक्ष ने उसकी जमकर पिटाई की फ़िर  वह सख़्ती  करते हुए बोला,

 

बहुत घुमाया तूने, नैना  राठौर कहाँ है?

 

सर मुझे नहीं पताI उसने उसके मुँह पर एक ज़ोरदार थप्पड़ दे माराI

 

सच कह रहा हूँ, कुछ नहीं पताI  उसने उसे फ़िर  माराI

 

साहब तो आज इसकी हड्डियाँ ही तोड़ देंगेI

 

तुझे पता नहीं है, हरिलाल, यह  भी कोई कम  बदमाश नहीं हैI  इसकी फाइल खोली है, कई अपराध को अंजाम दे चुका  हैI रूपम ने उसे  समझाते  हुए कहाI थोड़ी  देर तक इतनी मार खाने के बाद योगेश ने बोलना शुरू कियाI जो-जो वो बताता गया, उसे सुनकर रुद्राक्ष और शिवांगी दोनों  सकते में  आ गएI फ़िर

 जब उससे पूछा गया कि  इन सबके पीछे किसका हाथ है तो उसने जिसका नाम  बताया  वह  भी हैरान  करने वाला  थाI पूरी  बात  सुनकर उसने एक ज़ोरदार चाटा उसके मुँह पर मारा और शिवांगी को केस फाइल करने के लिए कहाI इस पर मर्डर और  किडनैपिंग का चार्ज  लगाओI मैं  ज़रा  अभिमन्यु राठौर सिंह के मॉल जा रहा हूँI  रुद्राक्ष पूरी टीम के साथ उसके मॉल  के लिए रवाना हो गयाI

 

घर पहुँचकर तन्मय ने अपना बस्ता अपने बेड पर फेंका और वह अपना फ़ोन उठाकर उसका नंबर घुमाने लगाI पहले तो उसने लाइन बिजी होने के बारे में  बताया, मगर दो-तीन बार नंबर मिलाने के बाद बेल बजने लगीI वह भगवान  से प्रार्थना करने लगा कि हे ! भगवान आज मुझे  निराश मत करनाI दस मिनट  तक बेल बजने के बाद किसी ने फ़ोन उठा लिया,

 

हेल्लो,

 

हेल्लो, अंकल आपने हमारे घर पार्सल भेजा थाI

 

कौन?

 

मैं नैना राठौर का बेटा, तन्मय हूँ I

 

तन्मय नाम सुनकर वह आदमी हैरान हो गयाI

 

तन्मय, मैं अभिषेक कपूर बोल रहा हूँI

 

नैना कैसी है? और तुमने मुझे कॉल क्यों किया?

 

अंकल, मम्मी 1 अक्टूबर से घर नहीं आई I आपको कुछ पता है, आपने  मम्मी के लिए  बुक भेजी थींI

 

उसने दिमाग पर ज़ोर देते हुए कहा, नैना उस दिन मुझे एयरपोर्ट छोड़ने आई थीं, मगर उसके बाद उसने कहा कि " कोई ज़रूरी काम है" और वो वहाँ  से चली गई I बुक तो मैंने गिफ्ट की तरह भेजी थींI

 

पर अंकल मम्मी का कुछ पता नहीं चल रहाI

 

मैं दस दिन बाद इंडिया वापिस आ रहा हूँ, आकर तुमसे मिलता हूँI अपना ध्यान रखनाI कहकर उसने फ़ोन रख दिया और तन्मय  उदास होते हुए बोला,  आख़िर मेरी मम्मी है, कहाँ ? वह अब आँसू बहाते  हुए बिस्तर पर लेट गयाI तभी नंदनी आई और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली,

 

बेटा, खाना खा लोI मुझे आगे भी जाना हैI

 

तन्मय की आँखों में आँसू देखकर उसने पूछा कि  क्या हुआ तो उसने सारी बात दींI

 

बेटा, मम्मी मिल जाएगी, वह बहुत जल्द आ जाएगीI उसने फ़िर उसे पुचकारा तथा खाना खाने का बोलकर घर से निकल गईI

 

राजीव ने नंदनी को देखा तो बोल पड़ा,

 

आज थोड़ी देर हो गई I

 

हाँ, वो अभिमन्यु  जी ने कह रखा है कि  जब  तन्मय घर पर  हो तो उसे खाना खिलाकर ही जाया करो और तन्मय को किसी ने कह दिया कि  उसकी  मम्मी जर्मनी  में  भी नहीं है तो इसलिए वह बहुत उदास था I अब मैं उसे किसी तरह समझाबुझाकर खाना खिलाकरआई  हूँI उसने सब्ज़ी गैस पर रखते हुए कहा I

 

राजीव ने यह सुना तो हैरान हो गया, यह  लड़का  कितना तेज़ हैI इसने मुझसे पहले पता कर लिया कि इसकी माँ देश से बाहर नहीं हैI  इससे तो मानना पड़ेगाI उसने  मुस्कुराते हुए कहाI अच्छा तुम्हें  क्या लगता है, नैनाजी कहाँ होगी? उसने नंदनी से पूछा I

 

मुझे तो लगता है कि वो किसी मुसीबत में  हैI

 

क्यों ? ऐसा क्यों लगता हैI

 

वो अपने बेटे से बहुत प्यार करती है, इतने दिन तो नहीं रह सकती, उसके बिनाI अब उसने फुल्के बनाना  शुरू कर दिया

 

और अभिमन्युजी से भी तो प्यार, मेरा मतलब  है कि  कोई पत्नी  अपने पति से इतने दिनों के लिए भी तो दूर नहीं रह  सकतीI

 

नंदनी ने हँसते हुए जवाब दिया, क्यों आपकी पत्नी नहीं रह रही आपसे दूर I

 

राजीव ने सुना तो झेंप  गयाI उसने राजीव को झेंपते हुए देखा तो बोल पड़ी,

 

मैं भी तो रह  रहीं  हूँI  वैसे उनके बीच मुझे कोई अनबन नहीं दिखीI अब उसने टेबल पर खाना लगाना शुरू कर दिया I

 

तुम ?

 

मैं  विधवा हूँI उसने राजीव को देखते हुए जवाब दिया तो उससे कहे बिना नहीं रहा गया कि" इस  पर तो किसी का कोई ज़ोर नहीं हैI आओ, साथ में  खाना खाते  हैंI" वह हल्के से  मुस्कुरा दीI उसने गौर किया कि  नंदनी की हँसी भी उसकी तरह बहुत मासूम हैI

 

प्रिया तो अभिमन्यु से मिलकर जा चुकी है और अभिमन्यु वेंडर से सामान को लेकर बहस कर रहा हैI तभी पुलिस की टीम को देखकर वह उसे भेजते हुए उनसे बोला,

 

आप?

 

हाँ, हमI 

 

आपको हमारे आने की उम्मीद नहीं थीI

 

पुलिस को कौन देखना चाहता हैI रुद्राक्ष ने सरसरी सी नज़र उस पर डाली और  गंभीर होते हुए बोला,

 

फिर ऐसे काम ही नहीं करने चाहिए  कि  हमें  देखना पड़ेI

 

बताए कैसे आना हुआ?

 

योगेश पकड़ा गया है I

 

सही में, नैना मिल गई I पहले आप बताए, आपका स्टॉफ कहाँ हैI सभी को ज़रा बुलाएI अभिमन्यु ने ईशारा किया और सभी हाज़िर हो गएI

 

सब आ गए?

 

हाँ, सभी है पर मैनेजर नहीं दिख रहा I उसने माधव को अविनाश को बुलाने के लिए कहाI

 

माधव गया और जल्दी से आते हुए बोला,

 

सर वो तो नहीं हैI

 

मुझे लग भी रहा था, उसने अपनी टीम को ईशारा किया और सभी बाहर  की तरफ निकल गएI

 

इंस्पेक्टर, मुझे कुछ समझ  नहीं आ रहाI

 

हाँ वो तो मुझे लग ही रहा हैI 

 

आपकी जानकारी के लिए बता दो कि इन सबका मास्टर माइंड अविनाश हैI