Tanmay - In search of his Mother - 26 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 26

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Tanmay - In search of his Mother - 26

26

पीछा

 

 

अभिमन्यु की गाड़ी  ख़राब होने की वजह से पुलिस ने दोनों को उनकी सोसाइटी के बाहर  छुड़वा दिया। इतेफाक से राजीव भी वहीं  सोसाइटी के कंपाउंड में टहल रहा है।  उसने उन दोनों को पुलिस की गाड़ी  से उतरते  हुए देख लिया, वह अभिमन्यु से पूछना तो चाहता था मगर उसकी  उतरी  हुई शक्ल देखकर वहीं  रुक गया। लगता है, मेहरा जी ने मेरा काम कर दिया है, तभी दोनों बाप-बेटा  पुलिस की गाड़ी से  आ रहें हैं। इसका मलतब नैना का पता चल गया है और अपनी बीवी को  किसी अनजान की बाँहो में  देखकर दुःख तो होता ही है। राजीव यही सब सोचकर मन ही मन मुस्कुराने लगा। अभिमन्यु तन्मय का हाथ पकड़कर  लिफ्ट में  चला गया। घर के अंदर पहुँचकर उसने तन्मय को उसके कमरे में  धक्का देते हुए कहा,

 

"आज के बाद तुम्हारी हर हरकत पर मेरी नज़र रहेगी। आज अगर राघव न होता तो पता नहीं क्या हो जाता। समझे।" तभी तन्मय फूट-फूटकर रोने लगा। अभिमन्यु का दिल पसीज गया। उसने उसे गले लगाते हुए कहा,

 

"तुम्हें अगर कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता। तुम्हारी मम्मी जब वापिस आएगी और उन्हें इन  सबका पता चलेगा तो  वह यह  सब सहन नहीं कर पायेंगी।" अब उसने तन्मय के आसूँ पोंछे और उसे आराम करने के लिए कहा। तन्मय अपनी मम्मी की फोटो को लेकर बेड पर लेट गया । उसकी आँखों से अब भी आँसू बह रहें हैं। अभिमन्यु निढाल होकर हॉल में बिछे सोफे पर लेट गया। आज उसने पहली बार तन्मय पर हाथ उठाया है। उसके थप्पड़ के निशान अब भी उसके चेहरे पर है। उसे याद है, एक बार  तन्मय अपने दोस्तों के साथ बिना बताए चला गया था, तब भी वह उसे मारने के लिए दौड़ा था तो कैसे नैना बीच में आ गई  थीं और  व थप्पड़ उसके मुँह पर लग गया था।

 

22/09/2023

 

कितनी देर हो गई है, तन्मय अभी तक नहीं आया?

 

आ जायेगा?

 

क्या आ जायेगा? फ़ोन भी लेकर नहीं गया। बिना बताए कैसे चला गया वो?

 

मुझे बताकर  गया है।

 

झूठ मत बोलो। तुम्हारा चेहरा पढ़ सकता हूँ, मैं। नैना ने उससे अपना मुँह मोड़ते हुए कहा।

 

तुमने ही उसे इतना बिगाड़ रखा है, आने दो, आज इसे। नैना ने उसे घूरा, मगर कहाँ कुछ नहीं।  थोड़ी देर तक घर में  खामोशी छाई  रहीं पर जैसे ही तन्मय  अंदर आता दिखाई  दिया। अभिमन्यु उसे मारने के लिए दौड़ा और नैना  बीच में  आ गई और एक ज़ोरदार थप्पड़ उसके मुँह पर लग गया। यह  देखकर तन्मय डर गया और अपनी माँ से लिपट गया।

 

अभिमन्यु पीछे हटते हुए बोला, मत बिगाड़ों इसे इतना।

 

मेरे बेटे पर गलती से भी हाथ नहीं उठाना ।

 

यह  मेरा भी बेटा है।

 

नहीं, सिर्फ़  मेरा बेटा  है।

 

 तभी तन्मय बोल पड़ा,

 

पापा मुझे लगा कि मैं जल्दी आ जाऊँगा पर देर हो गई, 'सॉरी पापा' अभिमन्यु गुस्से मे पैर पटकते हुए चला गया। नैना ने उसे कसकर पकड़ लिया और वह भी  अपनी माँ  से लिपटा रहा।

 

घर की घण्टी ने उसका ध्यान अपनी तरफ़  खींचा। उसने दरवाजा खोला तो सामने  राघव  खड़ा है। उसे देखते ही वह उस पर चिल्लाते हुए बोला,

 

"राघव तुम तन्मय के हर गलत बात में  साथ मत दिया करो।

 

अंकल वो....... वो वो कुछ नहीं। अगर कल को मुझे कुछ ऐसा सुनने को मिला तो तुम दोनों की खैर नहीं। राघव ने कोई जवाब नहीं दिया और लटके मुँह के साथ तन्मय के कमरे में चला गया।

 

तनु! उसने उस गले लगा लिया।

 

तनु ! अंकल ने मारा तुझे। राघव ने उसके गाल पर  थप्पड़ के निशान देखकर कहा।

 

तो तुझे  क्या लगता है, मुझे गले लगा लेते।

 

मैं तो पहले ही कह रहा था कि वे लोग सही  नहीं है।

 

और मेरी मम्मी भी उनके पास नहीं है।

 

उन लोगों  का क्या हुआ ?

 

 पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया है। शायद वो पल्लवी दीदी का मंगतेर है।

 

सही में  ....

 

लग तो ऐसा ही रहा है। उसने अपने गाल पर क्रीम लगाते हुए कहा।

 

अभिमन्यु ने प्रिया  को फ़ोन पर सब बता दिया। प्रिया  वहां आना चाहती थीं, मगर अभिमन्यु ने मना कर दिया। वह कुक के बने खाने को ओवन में  गरम कर रहा है। उसने दोनों बच्चो को आवाज़  लगाई  तो तन्मय ने खाना खाने से मना कर दिया और राघव दादा-दादी के  साथ खाने का बोलकर वहाँ  से चला गया।  अभिमन्यु ने अकेले ही खाना खाया और फ़िर अपने कमरे में  चला गया।

 

प्रिया जतिन पर नज़र रखे हुए हैं, आज  तो इसका यह  राज  खुल ही जायेगा।  डिनर के बाद जतिन के खाना खाया और अपने कमरे में  चला गया। मगर प्रिया को नींद  ही नहीं आ रही है। उसका ध्यान बाहर  ही लगा हुआ है, वह पानी पीने  के बहाने हॉल  में  आई तो उसने देखा कि जतिन के कमरे की लाइट बंद  है। उसने कमरे में  झाँका तो वह बड़े आराम से सो रहा है। आज यह  गया नहीं? वह कुछ सोचते  हुए काफ़ी देर तक उसके कमरे पर ही नज़र रखे रही, मगर वह  अपने कमरे से बाहर  ही नहीं निकला। अब उसका सब्र ज़वाब  दे गया और वह भी सोने के लिए वापिस अपने कमरे में आ गई ।

 

अगली सुबह अभिमन्यु ने तन्मय को स्कूल ही नहीं भेजा। उसे एक दो-दिन घर रहने की हिदायत दी। तन्मय ने इस बात का विरोध नहीं किया और टी.वी देखने लग गया। अभिमन्यु  मॉल में  बैठा अपना नया बिज़नेस प्लान एक वेंडर को बता रहा है। तभी पुलिस को देखकर उसने उसे जाने के लिए कह दिया।

 

मिस्टर अभिमन्यु आपका बेटा  कैसा है ? रुद्राक्ष उसके  सामने  वाली  चेयर पर बैठते हुए बोला।

 

ठीक है, घर पर है।

 

"आपकी जानकारी के  लिए बता दूँ कि  वह योगेश उसका मंगतेर नहीं, उसका एक्स बॉयफ्रेंड था। दरअसल पल्लवी  अपने एक्स बॉयफ्रेंड के साथ ही मुंबई भाग रहीं थीं। सोहम को तो उसके माँ-बाप ने पसंद किया था।" "इसका मतलब  तन्मय की किडनैपिंग का प्लान उसने बनाया था और नैना की?" कुछ सवालों  के जवाब योगेश के पकड़े जाने के बाद ही मिलेंगे। तब तक आप सावधान रहिये। तन्मय ने बताया था कि "उसका कोई पीछा कर रहा था, मुझे लग रहा है वो योगेश ही होगा, आप तन्मय का ध्यान रखें क्योकि जब तक वो बाहर है, कुछ भी हो सकता है।"