23
भूल जाओ!
तन्मय राघव से मिलने स्टेडियम की तरफ जा रहा है l आज वह दोनों वहाँ से यमुना स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स टेनिस खेलने जाने वाले हैं l सड़क के किनारे पर चलते हुए तन्मय का ध्यान अपने पीछे आती आहट ने अपनी तरफ खींचा l उसने पीछे मुड़कर देखा तो कोई नहीं है l थोड़ी देर बाद, उसे लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है l उसने फ़िर पीछे मुड़कर देखा तो उसे फ़िर कोई नज़र नहीं आया l मगर इस दफा उसने अपने कदम तेज़ कर दिए और ऐसे ही तेज़ी से चलता हुआ वह स्टेडियम आ पहुँचा l उसने राघव को इधर-उधर देखा l अब वह बहुत डर गया था l अभी वह चारों तरफ देख ही रहा है कि कँधे पर आए एक हाथ से वह चौंका, उसने फुर्ती से मुड़कर देखा तो पीछे राघव खड़ा है l
तू इतना डरा हुआ क्यों है ?
यार ! मुझे लगा कि कोई मेरा पीछा कर रहा था l
तेरा पीछा कोई क्यों करेंगा?
वहीं तो l उसने गहरी साँस लेते हुए कहा l
चल चलते है, अब दोनों दोस्त काम्प्लेक्स की तरफ़ जाने लगे l
पुलिस स्टेशन में शिवांगी ने रुद्राक्ष को बताया कि मनोहर बिश्रोई सही कह रहा था, उसके फैक्ट्री के नौकर कह रहें थे कि एक बार उमा और नैना की जबरदस्त बहस हो गई थीं l
तुम्हें बात पता चली?
एक ने बताया है कि उमा नैना को धमका रहीं थीं, आगे से नैना भी उस पर चीख रहीं थीं l मगर झगड़ा किस बात पर हुआ, यह किसी को नहीं पता l
सर, उमा से पूछ लें ?
वो सच बताएगी, कोई और कहानी सुना देगी l मनोहर बिश्नोई के बारे में कुछ ख़ास ?
सर यहीं कि वो कुछ अवैध शराब के ठेके चलाता था, जिसको लेकर दोनों भाइयों में अक्सर झगड़ा हो जाता था l
अब भी चलाता है?
सर, अब तो उसने दो का लाइसेंस ले लिया है और एक बंद कर दिया है l
उसका छोटा भाई किशन ?
सर, वो तो राजेन्द्र के बिज़नेस में हाथ बटाँता था, उसके अपने भाई के साथ अच्छे संबंध थें l उसके बच्चे बोर्डिंग स्कूल में है और बीवी की एक साल पहले ब्रेन टूयमर से मौत हुई है l
और मनोहर ?
सर, इसके बीवी बच्चे तो इसी शहर में है l बीवी ज्यादातर कीर्तन मंडली में लगी रहती है l
जिस दिन बिश्नोई का क़त्ल हुआ, उस दिन वह दोनों भाइयों से मिला था l
हाँ, सर मिला तो था और उमा के मुताबिक उस दिन भी उसका झगड़ा मनोहर के साथ हुआ था l मनोहर के पिता ने सबसे ज़्यादा प्रॉपर्टी राजेंद्र को दी थीं l पुश्तैनी फैक्ट्री भी उसी के नाम थी, इस वजह से भी दोनों में अनबन रहती थीं l
रुद्राक्ष ने कुछ सोचते हुए कहा, पता करो उमा और नैना का किस बात पर झगड़ा हुआ था l कहीं नैना के गायब होने के पीछे उमा का हाथ तो नहीं है l
तन्मय और राघव स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में टेनिस खेल रहें हैं l टेनिस खेलते हुए उन्हें टाइम का पता ही नहीं चला, शाम के सात बज रहें हैं l दोनों ने रैकेट रखें और रजिस्टर में अपने नाम की एंट्री करके वहाँ से निकल गए l चल, यार ऑटो ले लेते हैं l यहाँ से सीधे पापा के मॉल चलेंगे l तन्मय ने एक ऑटो रोका और दोनों उसमे बैठ गए l दोनों इस बात से बेख़बर है कि उनके ऑटो का कोई और भी पीछा कर रहा है l मॉल पहुँचकर उसने देखा कि उसके पापा और प्रिया बैठे बातें कर रहें हैं l
यार ! यह यहाँ भी आ पहुँची l
लगता तो यहीं है l तन्मय ने चिढ़कर जवाब दिया l प्रिया तन्मय को प्यार से हेल्लो कहकर वहाँ से निकल गई l मगर तभी योगेश वहीं आ गया l अभिमन्यु ने उसे कुछ पैसे थमाते हुए कहा,
नौकरी तो मैं नहीं दे सकता, हाँ कुछ पैसे ले लो l
सर काम मिल जाता तो....
तुम्हें तो पता ही है कि अभी पल्लवी का केस चल रहा है, ऐसे में मैं कोई रिस्क नहीं ले सकता l
योगेश ने तन्मय को देखा और फ़िर मायूस होते हुए वहां से निकल गया l
पापा, यह अंकल उस दिन पल्लवी दीदी का हाथ मोड़ रहा था l
क्या !! तुम्हें कैसे पता ?
मैं वहीं था l पहले दोनों झगड़े और फिर हँसते हुए कहीं चले गए l
बेटा, यह सब तो रिश्तो में चलता ही रहता है l तुम घर जाओं, मैं आ जाऊँगा l
दोनों ने केक और चॉकलेटस उठाई और फ़िर वहाँ से निकल गए l राघव तो रास्ते में मिले अपने दादाजी के साथ निकल गया और तन्मय अकेला ही अपने घर की ओर चलने लगा पर अब उसे फ़िर ऐसा महसूस हुआ कि कोई उसका पीछा कर रहा है l उसने अपने कदम तेज़ कर दिए और जल्दी से सोसाइटी के गेट के अंदर चला गया l कोई तो मेरा पीछा ज़रूर कर रहा है l मगर कौन ? और क्यों? उसने लिफ्ट के बटन दबाते हुए सोचा l
रात के दस बजे हैं प्रिया और जतिन डिनर कर रहे है l आज दोनों के वकील की मीटिंग हुई है, मगर प्रिया ने जानबूझकर फ़िर डिले कर दिया l जतिन को जब से यह बात चली है, वह गुस्से में पागल हो रहा है l मगर तब भी अपने गुस्से पर काबू रखता हुआ, चुपचाप खाना खा रहा है l प्रिया खाते हुए उसे बीच-बीच में देख भी लेती हैं l आज उसने सोच लिया है कि वह जतिन का पीछा करते हुए सच्चाई का पता जरूर लगाएँगी l
राजीव फ़ोन पर सुपरमार्केट वाली रोड पर लगे कैमरे की फुटेज निकलाने के लिए किसी से बात कर रहा है l मगर जिससे बात करता है, वो यहीं कहता है कि पैसे ज़्यादा लगेंगे और पुलिस को भी पता लग सकता है l उसने शराब का एक गिलास हाथो में लेते हुए सोचा क्यों न पुलिस को बता दो, वो अपने आप ही पता लगा लेगी l मगर वह सामने नहीं आना चाहता l फिर क्यों न अभिमन्यु को बता दो, वह पुलिस को खुद ही बता देगा l उसे मेहरा जी का नाम लेकर बता दूँगा , ऐसे उसे मुझ पर शख भी नहीं होगा l यह सोचते हुए उसके चेहरे पर मुस्कराहट आ गई पर अगर अभिमन्यु ने मुझे पुलिस के सामने आने के लिए कह दिया तो....????उसने शराब का घूँट पीते हुए कहा l
रात के साढ़े ग्यारह बजे जतिन गेराज में गया और अपनी गाड़ी निकालता हुआ बाहर की तरफ निकल गया l प्रिया ने भी बिना समय गवाएं, गाड़ी उसके पीछे लगा दी l आज तो मैं सच्चाई मालूम करके ही रहूँगी l
तन्मय सोने की कोशिश कर रहा है, तभी उसके सेल पर मैसेज आया l उसने नींद में ही उस मैसेज को पढ़ने की कोशश की l मगर मैसेज की पहली लाइन पढ़ते ही उसके होश उड़ गए---
"अपनी मम्मी से मिलना चाहते हो तो स्टेडियम के पीछे, जो बैंकेट हॉल है, वहाँ आ जाना l"
उसने काँपते हाथों से टाइप किया l
कौन ???
अगर पुलिस को बताया या किसी को भी बताया तो अपनी मम्मी को भूल जाओ l उसने यह पढ़ा तो उसकी आँखों से आँसू बहने लगेl