Prem ka Purvabhas - 12 in Hindi Love Stories by Rakesh Rakesh books and stories PDF | प्रेम का पूर्वाभास - भाग 12

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 12

सुबह अरूणा आदित्य को फोन करके पूछती है? "कॉलेज में हो।"
"कुछ देर बाद तुम्हारी छोटी मां को अंग्रेजी सीखने जाऊंगा।" आदित्य कहता है
"और मेरे स्कूल से घर आने से पहले वहां से चले जाना क्या औरों की तरह आप भी मेरे खूबसूरत जिस्म से ही प्यार करते हो।" अरुणा कहती है "नाराज मत होओ मेरी जान तुम्हारी छोटी मां की मदद से रणविजय के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने जा रहा हूं।"
"मैंने पहले भी आपसे कहा था रणविजय मुझे कोई अपराधी नहीं लगता है, बल्कि वह तो दान-पुण्य के कार्य आए दिन करता रहता है उसने आज तक मेरे साथ भी कोई ऐसी हरकत नहीं की है, जिससे कि वह मुझे राक्षस या हैवान लगे वह सिर्फ मेरे हुस्न का दीवाना है और यह मुझे पता नहीं ऐसा क्यों।"अरूणा कहती है
"अभी तुम बच्ची हो भोली हो तुम्हें नहीं पता इस दुनिया में लोगों के मासूम चेहरे के पीछे क्या-क्या छुपा हुआ होता है।" यह कहकर आदित्य अरुणा से नाराज होकर अरूणा से आगे बात करने कि जगह फ़ोन काट देता है

लेकिन उस दिन रूपाली उर्फ छोटी मां के तेवर बदले हुए थे, वह आदित्य से छूटते ही कहती है "तू यहां मत आया कर मेरे पति रणविजय को तेरा यहां आना बिल्कुल भी पसंद नहीं है।"
आदित्य सोचता है अभी मैं यहां से चुपचाप चला गया तो दोबारा इस बूढी घोड़ी लाल लगाम से दोस्ती करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

इसलिए वहां से जाने का नाटक करते हुए कहता है "बस मेरी एक बात ध्यान से सुन लो बस अरुणा के बालिग होने तक रणविजय आपका झूठ या सच्चा पति है और मेरे जीवन में आपके अलावा कोई दूसरी लड़की नहीं है।"
कड़वा सच सुनकर रूपाली उर्फ छोटी मां आदित्य से कहती है "अंदर आ जाओ ठंड बहुत है, कॉफी पीकर जाना।"

और रूपाली उर्फ छोटी मां से कमरे में घुसते ही आदित्य प्रेम का नाटक करना शुरू कर देता है और पूरी तरह अपने प्यार के जाल में फंसा कर उससे पूछता है? "अगर रणविजय का हाथ आपके सर से हट जाए तो आप गरीबी भुखमरी से तंग आकर मर जाओगी और आप दर-दर की ठोकरे खाओगी, लेकिन आप चिंता ना करें मैं आपका पूरा ख्याल रखूंगा।" आदित्य छोटी मां को रणविजय के खिलाफ भड़काने के लिए कहता है
"ऐसा कभी नहीं हो सकता रणविजय ने आज तक जितने भी कुकर्म किए हैं, उन सब का लेखा चिट्ठा मेरे पास है। मैं बस सही समय का आने का इंतजार कर रही हूं।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है
"इससे अच्छा सही समय कब आएगा जब वह आपकी भतीजी से शादी करके आपको दर-दर की ठोकर खाने के लिए छोड़ देगा।" आदित्य कहता है
"तो मैं क्या करूं।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है
"रणविजय के खिलाफ जितने भी सबूत है, सब तुझे दे दो। आदित्य कहता है
"लेकिन पहले मेरे साथ शादी करनी पड़ेगी।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है
आदित्य कुछ सोच समझ कर कहता है "बताओ कब करनी है शादी।" "रणविजय हर साल नए साल की पार्टी अपने दोस्तों बिजनेस पार्टनरो कंपनी की स्टाफ को देता था, इस बार में रणविजय की पार्टी में शामिल ना हो कर अपनी इसी आलीशान कोठी में तुम्हारे साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ शादी करूंगी और शादी के पक्के सबूत इकट्ठा करने के लिए दोबारा कोर्ट मैरिज करूंगी सही कह रही हूं ना मेरे प्यारे लालू में नए साल से अपने नए जीवन की शुरुआत करूंगी।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है
"ठीक है अब मैं चलता हूं, घर पर कुछ जरूरी काम है।" आदित्य कहता है
"तुम लड़कों की यही बुरी आदत मुझे अच्छी नहीं लगती है शादी का नाम लिया तो चुपचाप खिसकने लगते हो मैं आज से ही अपनी शादी की तैयारी शुरू करूंगी सबसे पहले रणविजय को बताती हूं, उसके बाद तुम्हारे मम्मी पापा से मिलने तुम्हारे घर चलूंगी।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है

और आदित्य से बिना सलाह लिए रणविजय को फोन करके बता देती है कि मैं और आदित्य नए साल पर शादी करने वाले हैं।

रणविजय चिड़ने की जगह फोन पर खुश होकर कहता है "यह तो बहुत खुशी की बात है कि आदित्य तुमसे शादी कर रहा है, आज मेरे सर से ऐसे बोझ उतर गया जैसे एक पिता का अपनी बेटी की शादी करके बोझ उतर जाता है, इसलिए मैं तुम दोनों और अरूणा को साथ लेकर हमारी कुलदेवी शीतला माता के मंदिर हिमाचल प्रदेश दर्शन करवा कर लाऊंगा, इसलिए मैं अपने सारे काम छोड़कर तुम्हारे पास अपनी गाड़ी लेकर पहुंच रहा हूं और हां अरुणा को भी स्कूल के हाफ डे में घर बुला लेना।" रणविजय कहता है
जब रणविजय से रूपाली उर्फ छोटी मां मोबाइल पर बात कर रही थी तब उसने अपने मोबाइल का स्पीकर खोल रखा था ताकि आदित्य भी रणविजय की पूरी बात सुन सके।

आदित्य बुद्धिमान था उसे सब समझ आ रहा था कि रूपाली उर्फ छोटी मां रणविजय नकली बनावटी बातें कर रहे हैं, इन दोनों को अरुणा और मेरे ऊपर शक हो गया है, लेकिन इन्हें मेरे और अरुणा के ऊपर शक कैसे हुआ यह वह समझ नहीं पा रहा था क्योंकि सबूत मांगने की बात तो उसने पहले कभी कि नहीं थी।

तभी प्रेम का फोन आता है प्रेम आदित्य को सावधान करते हुए कहता है "मेरी दोस्ती अरुणा को स्कूल छोड़ने और लेने आने वाले दोनों भाइयों से हो गई है। उन्होंने मुझे बताया कि तुम्हारे कॉलेज में एक आदित्य नाम का लड़का पढ़ता है वह छोटी मां को अंग्रेजी सीखने भी उनकी कोठी पर आता है, उसके पहले हमें हाथ पैर तोड़ने का हुकुम मिला है, अगर उसने अरुणा का पीछा नहीं छोड़ा तो उसे फिर बाद में अपनी जान से भी हाथ धोने पड़ सकते है, अगर आदित्य नाम का वह लड़का तुम्हें मिले तो उसे यह बात समझा देना अगर वह ना समझे तो उसकी मुलाकात हमसे करवाना।" "लेकिन यार उन्हें मेरे ऊपर शक कैसे हुआ।" आदित्य छोटी मां से और दूर जाकर प्रेम से पूछता है?
"कल तू रात को गुरुद्वारे से अरुणा को छोड़ने उसके घर गया था और अरुणा अपनी कोठी के गेट के आगे आने के बाद दुबारा लौट कर तेरे से चिपट गई होगी तो उसकी कोठी के अंधेड उम्र के सिक्योरिटी गार्ड ने यह सब देखकर रणविजय को बता दिया है। और फिर मस्ती के मूड में प्रेम कहता है "यार रात को तेरी मौज हो गई और रात को अरुणा के साथ मौज मस्ती करने के और यह खबर देने के एक्स्ट्रा ₹1500 लगेंगे जो तूने अरुणा को गुरु पर्व में पहुंचने के लिए पैसे दिए थे उनसे अलग।"
आदित्य मुस्कुरा कर कहता है "मेहनत ईमानदारी से कम करता जा तुझे पूरी मजदूरी मिलेगी।"
"अच्छा मैं तेरा मजदूर हूं।" प्रेम कहता है

और फिर आदित्य प्रेम की पूरी बात सुने बिना फोन काट देता है और मुस्कुरा कर रूपाली उर्फ छोटी मां से कहता है "मेरी शादी की खबर सुनकर मेरा दोस्त भी खुश हो गया वह भी हमारे साथ हिमाचल प्रदेश शीतला मां के मंदिर मां के दर्शन करने के लिए कह रहा है।" आदित्य झूठ बोलता है "क्योंकि उसके स्वर्गवासी नाना जी गुड़गांव की शीतला मां और चौराहे वाली माता के मंदिर के पुजारी रह चुके हैं।" आदित्य कि इस बात में आधा सच क्योंकि प्रेम के नहीं आदित्य कि मां और नाना जी सच में शीतला मां के बहुत बड़े भक्त थे।

रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है "ठीक है अपने छिछोरे दोस्त को भी साथ ले चलो शीतला मां के दर्शन करने के बाद मसानी माता के मंदिर के आगे उसकी बलि दे देंगे।" आदित्य सोचता है बलि तो मैं रणविजय और तेरी दूंगा।